अस्थमा की बीमारी में फायदेमंद हैं दंडासन

Update: 2023-06-24 14:24 GMT
दंडासन करने की विधि
दोनो पैर एकदम सीधे करके ज़मीन पर बैठ जायें। पैरो की उंगलियो को अंदर की और मौड़ने की कोशिश करे और तलवो को बाहर की तरफ करें। पीठ बिल्कुल सीधी होनी चाहिए। हाथों को ज़मीन पर टिका लें, उन्हे बिल्कुल सीधा रखें। हथेलियाँ कूल्हों के बगल में होनी चाहिए और उंगलियाँ सामने को रखें। हल्का सा हाथों से ज़मीन को दबाते हुए रीढ़ की हड्डी को लंबा और सीधा करने की कोशिश करें। सिर को नीचे की तरफ झुका लें और दृष्टि को अपनी नाक पर केंद्रित करें। कंधों से बिल्कुल ज़ोर ना लगायें कंधे आराम से रहने चाहिए। कुल मिला कर पाँच बार साँस अंदर लें और बाहर छोड़ें ताकि आप आसन में 30 से 60 सेकेंड तक रह सकें। धीरे धीरे जैसे आपके शरीर में ताक़त और लचीलापन बढ़ने लगे, आप समय बढ़ा सकते हैं लेकिन 90 सेकेंड से ज़्यादा ना करें। 5 बार साँस लेने के बाद आप इस मुद्रा से बाहर आ सकते हैं। आसन से बाहर निकलने के लिए साँस छोड़ते हुए हाथों और सिर को ऊपर कर लें, और फिर टाँगों को भी आराम दें।
दंडासन करने के फायदे
- पीठ की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है।
- कंधों और छाती में खिचाव लाता है।
- शरीर की मुद्रा में सुधार लाता है।
- रीढ़ की हड्‌डी से जुड़ी समस्याएं दूर होती हैं।
- यह एकाग्रता बढ़ाने में सहायक है।
- अस्थमा की बीमारी के लिए यह चिकित्सकीय है।
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