कटी-फटी जींस बानी अब मॉडल फैशन…जानिए इसके शुरू होने की बड़ी दिलचस्प कहानी

जींस पहनना पसंद है तो आप भी अपने फैशन का जलवा बिखेर सकते हैं.

Update: 2021-03-18 05:58 GMT

सोशल मीडिया पर एकदम से रिप्ड जींस की चर्चा होने लगी है. रिप्ड जींस वो वाली जींस होती है, जो थोड़ी कटी-फटी सी होती है. वैसे यह मजबूरी में नहीं बल्कि फैशन के लिए पहनी जाती है. लेकिन, एकदम से सोशल मीडिया पर रिप्ड जींस की चर्चा होने लगी है और कई फीमेल यूजर्स सोशल मीडिया पर रिप्ड जींस के साथ अपनी तस्वीरें भी शेयर कर रही हैं. वैसे सोशल मीडिया पर रिप्ड जींस को लेकर आई पोस्ट की बाढ़ के पीछे हैं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत.

हाल ही में तीरथ सिंह रावत नशीले पदार्थों के सेवन पर दो दिन दिन का कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में मौजूद थे. यहां उन्होंने कह दिया, 'रिप्ड जींस हमारे समाज के टूटने का मार्ग प्रशस्त कर रही है. इससे हम बच्चों को बुरे उदाहरण दे रहे हैं, जो उन्हें नशीले पदार्थों के सेवन की और लेकर जाते हैं.' मुख्यमंत्री रावत के बयान के बाद से सोशल मीडिया पर इसकी काफी चर्चा हो रही है और महिलाएं इसका विरोध करते हुए रिप्ड जींस में फोटो शेयर कर रही हैं.
जब हर कोई रिप्ड जींस और इसकी डिजाइन की तस्वीरें शेयर कर रहा है तो हम आपको बताते हैं कि आज जिस जींस की चर्चा हो रही है, उस फैशन की शुरुआत कब से हुई. आखिर लोगों ने कब से और क्यों एक अच्छी खासी जींस को कटे-फटे रूप में पहनना पसंद किया.
कब से हुई शुरुआत?
वैसे जींस का आविष्कार तो 1870 में हो गया था, लेकिन रिप्ड जींस वाला फैशन करीब 100 साल बाद 1970 के आसपास आया. 1970 से पहले अगर किसी की जींस रिप्ड यानी कटी-फटी होती थी तो उसे गरीब की कैटेगरी में रखा जाता था. यानी जिसके पास पैसे नहीं है, वो रिप्ड या होल वाली जींस पहनता था. हालांकि, 1970 के बाद यह फैशन बन गया और लोगों ने खुद ही अपनी जींस को रिप्ड करना शुरू कर दिया. इसके बाद तो कंपनियों ने ही इस तरह की जींस बनानी शुरू कर दी.
कहा जाता है कि रिप्ड जींस का कल्चर पंक एरा में शुरू हुआ था. अब सवाल है कि ये पंक क्या है. दरअसल, पंक को एक म्यूजिक जेनर कहा जा सकता है, जो 1970 के दशक में शुरू हुआ.
वैसे यह शब्द तो अमेरिकी रॉक क्रिटिक्स ने दिया था. यह 1960 के दशक के garage band के प्रभाव से शुरू हुआ. सीधे शब्दों में कहें तो अब इसका इस्तेमाल म्यूजिक के तौर पर किया जा रहा है.
ये भी तथ्य दिए जाते हैं कि इस तरह की जींस एक तरह से विद्रोह का प्रतीक थी यानी जिसमें किसी भी तरह की सीमाओं को लांघने की बात कही गई थी.
उसी दौरान एक पंक मूवमेंट भी शुरू हुआ था, जिसके जरिए कई मुद्दों पर विद्रोह किया गया. इसी वक्त ही जींस ही किसी भी विरोध का एक सिंबल बन गई थी और उसका विरोध में काफी इस्तेमाल किया जाता था.
इसमें फटी जींस और जैकेट का इस्तेमाल भी शामिल है और उस वक्त पुरुषों के साथ महिलाओं ने भी रिप्ड जींस के साथ काफी प्रोटेस्ट किए.
कई विदेशी फैशन वेबसाइट्स में दावा किया गया है कि इस तरह की जींस का कल्चर 1990 में हार्ड रॉक, हेवी मेटल एरा और 2000 में Grunge Era के दौरान काफी बढ़ गया था.
हालांकि, इसके बाद से अब इसे सिर्फ फैशन के तौर पर लोग पहन रहे हैं. वैसे अगर आपको भी रिप्ड जींस पहनना पसंद है तो आप भी अपने फैशन का जलवा बिखेर सकते हैं.


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