लाइफस्टाइल : अगर आप भी लौकी की सब्जी देखकर नाक-भौं सिकोड़ते हैं, तो यह खबर पढ़ने के बाद आप ऐसा नहीं कर पाएंगे। जी हां, अक्सर घरों में तोरी, लौकी जैसी सब्जियां खाने से बच्चे और बड़े बचते नजर आते हैं। अगर आप अब तक ऐसा करते आए हैं, तो अगली बार ऐसा करने से पहले एक बार सेहत के लिए लौकी के फायदे जरूर जान लें। आयुर्वेद के अनुसार, लौकी में थायमिन, राइबोफ्लेविन, मिनरल्स, फास्फोरस और सोडियम भरपूर मात्रा में होते हैं, जो व्यक्ति को स्वस्थ रहने में मदद करते हैं। आपको बता दें, लौकी का जूस पीने से वात, पित्त और कफ जैसी समस्याओं के साथ मोटापे जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। आइए जानते हैं लौकी खाने से आपकी सेहत को क्या कमाल के फायदे मिलते हैं। लौकी खाने के ये हैं फायदे- वजन घटाए लौकी में फाइबर के साथ विटामिन बी, सी, ए, के, ई, आयरन और मैग्नीशियम जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। जो वजन घटाने में मदद करते हैं। इसके अलावा लौकी में मौजूद फाइबर और फैट की कम मात्रा पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने के साथ-साथ शरीर में एनर्जी लेवल को भी बनाए रखती है। अगर आप जल्दी वजन कम करना चाहते हैं तो आप रोज सुबह खाली पेट लौकी का जूस पी सकते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर - लौकी के जूस में मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। लौकी में पाए जाने वाले विटामिन सी और फ्लेवोनॉयड्स थ्रोम्बोक्सेन नामक प्रोटीन को कम करके खून को पतला करने में मदद करते हैं। लौकी में मौजूद पोटैशियम की अच्छी मात्रा रक्त वाहिकाओं में दबाव को नियंत्रित करने और उन्हें नुकसान से बचाने में मदद करती है। पोटैशियम रक्त वाहिकाओं की दीवारों को आराम देकर बीपी को नियंत्रित करने में मदद करता है।
यूरिक एसिड - शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से कई जगहों पर सूजन हो सकती है। जिसकी वजह से घुटनों में दर्द होता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आप लौकी के जूस का सेवन कर सकते हैं। लौकी में विटामिन बी, विटामिन सी और आयरन जैसे कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। अगर इसके जूस का सेवन खाली पेट किया जाए तो यह यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद कर सकता है।
हृदय स्वास्थ्य- लौकी में पानी की मात्रा अधिक होती है और इसमें सभी जरूरी सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं। इतना ही नहीं, इसमें सैचुरेटेड फैट भी कम होता है। लौकी में मौजूद इन गुणों के कारण यह रक्त में लिपिड के स्तर को कम रखता है और हृदय रोग और स्ट्रोक के जोखिम को कम करता है।