blood donation: ब्लड डोनेशन से जुड़े ये मिथक कर सकते हैं आपको सेवाभाव से दूर

Update: 2024-06-15 08:04 GMT
Lifestyle:आपने यह पढ़ा भी होगा और सुना भी होगा कि रक्तदान महादान, blood donation is a great donation अर्थात् रक्त दान करना बहुत बड़ा दान है क्योंकि आपके द्वारा किया गया रक्तदान किसी को नया जीवन दे सकता है। हर साल हज़ारों लोग खून न मिलने से अपनी जान गंवा देते हैं। ऐसे में जरूरी हैं कि समय-समय पर ब्लड डोनेट किया जाए। लेकिन दशकों के शोध और जन जागरूकता अभियानों के बावजूद कई लोगों में ब्लड डोनेशन से जुड़े मिथक अर्थात भ्रान्तिया व्यापत हैं
जो उन्हें इस सेवाभावी काम को ना करने पर मजबूर कर देते हैं
। ऐसे में आज हम आपकी चिंता को दूर करते हुए इन मिथक की सच्चाई के बारे में बताने जा रहे हैं ताकि आप भी बढ़-चढ़कर रक्तदान में हिस्सा लें और किसी की जान बचाने का सौभाग्य प्राप्त करें। आइये जानते हैं ब्लड डोनेशन से जुड़ी उचित जानकारी के बारे में...
मिथक - रक्तदान करने से कमजोरी आती है
यह रक्तदान से जुड़ा सबसे आम मिथ है। बहुत से लोगों को लगता है कि रक्तदान करने से उनके शरीर में रक्त कम हो जाएगा और फिर इससे उन्हें कमजोरी होगी। जबकि यह सच नहीं है। रक्तदान करने के एक या दो दिन में ही शरीर पूरी तरह से ठीक हो जाता है। यहां तक कि शरीर खुद ब खुद दान किए रक्त को दोबारा बना लेता है।
मिथक - महिलाएं रक्तदान नहीं कर सकतीं
सच्चाई यह है कि कोई भी स्वस्थ व्यक्ति रक्तदान कर सकता है। अगर हीमोग्लोबिन का स्तर नीचे है या फिर एनेमिक हैं, तभी रक्तदान की सलाह नहीं दी जाती। और यह बात पुरुषों पर भी लागू होती है। डोनर के हीमोग्लोबिन का स्तर कम से कम 12.5 होना चाहिए। अगर इससे कम है, तो उसे रक्तदान की अनुमति नहीं मिलती।
मिथक - रक्तदान करने से वजन बढ़ या घट सकता है
कई लोग यह भी मानते हैं कि रक्तदान से वजन बढ़ता या घटता है। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। दान के दौरान लिए गए रक्त की मात्रा लगभग 450 मिलीलीटर होती है, जिसे शरीर द्वारा जल्द ही पूरा कर लिया जाता है। इसलिए, रक्तदान करने से आपके वजन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
मिथक - ब्लड सप्लाई समाप्त हो जाएगी
मानव शरीर में आमतौर पर लगभग 5 लीटर ब्लड होता है, और डोनेशन के दौरान, आप लगभग 450 मिली ब्लड देते हैं। लगभग 24 घंटों में, आपके ब्लड की मात्रा सामान्य हो जाएगी। हालाँकि, आपकी लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) को पूरी तरह से भरने में चार से छह सप्ताह और प्लेटलेट्स के लिए 2-3 दिन लगते हैं। रिकवरी के लिए पर्याप्त समय सुनिश्चित करने के लिए, हेल्थी डोनर्स को डोनेशन के बीच कम से कम 90 दिन प्रतीक्षा करने की सलाह दी जाती है (पुरुष के लिए 3 महीने और महिला के लिए 4 महीने)।
मिथक - रक्तदान करने में दर्द होता है
कई लोगों को सुई चुभने के दर्द से डर लगता है। इसलिए वे रक्तदान से भी डरते हैं। उन्हें लगता है कि रक्तदान करते हुए उन्हें बहुत देर तक सुई लगानी पड़ेगी और इसी से रक्त निकलेगा, इसलिए उन्हें बहुत देर तक दर्द झेलना पड़ेगा। जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है। एक बार जब आप रक्त दान करते हैं तो एक बार सुई लगाते समय हल्का सा दर्द होता है। यह केवल कुछ देर के लिए होता है। इसके बाद आपको दर्द का अहसास नहीं होता है। यह दर्द भी जल्द ही ठीक भी हो जाता है।
मिथक - शाकाहारी लोग रक्तदान नहीं कर सकते
कई लोगों का मानना है, कि शाकाहारी लोग रक्तदान नहीं कर सकते हैं, यह गलत है। हां ऐसे कई लोग जिनमें आयरन की कमी है, उन्हें रक्तदान के लिए मना कर दिया जाता है। आयरन रक्त का प्रमुख घटक है, अगर आप संतुलित भोजन खा रहे हैं तो आपके शरीर में जरूरत भर आयरन की पूर्ति हो जाती है। कई बार रक्तदान से पहले हीमोग्लोबिन की जांच करते हैं। शरीर में हीमोग्लोबिन की मात्रा कम मिलने पर ही रक्तदान करने वालो को मना किया जाता है।
मिथक - दवा लेने वाले नहीं कर सकते रक्तदान
ज्यादातर मामलों में, दवा लेने से आप ब्लड डोनेशन से अयोग्य नहीं हो जाते हैं। यह आम तौर पर स्वयं दवा नहीं है बल्कि इसका प्रिस्क्रिप्शन कारण है जो डोनर एलिजिबिलिटी को बताता है। हालांकि, कुछ दवाओं के अंतिम खुराक के बाद डोनर के लिए प्रतीक्षा अवधि की आवश्यकता हो सकती है।
रक्तदान से जुड़ी इन बातों पर करें गौर
- ब्लड डोनेट करने वाले व्यक्ति यानी रक्तदाता की उम्र 18 से 65 वर्ष की बीच होनी चाहिए। लेकिन, व्यक्ति जब तक स्वस्थ्य है वह डॉक्टर की सलाह से रक्तदान कर सकता है।
- जिस व्यक्ति को बुखार हो वह रक्तदान नहीं कर सकता। वहीं, व्यक्ति का ब्लड प्रेशर भी सामन्य होना चाहिए।
- टैटू की बात करें तो यदि व्यक्ति ने 3 महीने पहले ही टैटू कराया है तो वह रक्तदान नहीं कर सकता है। उसके अलावा किसी के शरीर पर टैटू बना हो तो वह रक्तदान कर सकता है।
- गर्भवती महिला रक्तदान नहीं कर सकती। गर्भावस्था के दौरान शरीर में पहले ही आयरन की कमी होती है, ऐसे में रक्तदान का जोखिम नहीं उठाया जाता। साथ ही, दूध पिलाने वाली मां को भी रक्तदान की सलाह नहीं दी जाती।
- ब्लड डोनेट करने के बाद जूस पीना और हल्का स्नैक खाना चाहिए जिससे कमजोरी महसूस ना हो
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