मुंबई: सिर में उठने वाला तेज और असहनीय दर्द है माइग्रेन, जिसका दर्द सिर के एक तरफ तेजी से होता है। माइग्रेन का दर्द कुछ मिनट से लेकर लगातार कुछ दिनों तक बना रह सकता है। ठंड में माइग्रेन के मरीजों की तकलीफ बढ़ जाती है। ऐसे में उनके लिए काली मिर्च खाना फायदेमंद हो सकता है।
माइग्रेन का दर्द शारीरिक गतिविधियों, तेज रोशनी या तेज आवाज से भी बढ़ जाता है। माइग्रेन का दर्द छोटे बच्चों से लेकर ज्यादा उम्र के लोगों को भी हो सकता है। आमतौर पर दर्द बढ़ने से उल्टी, सूजन और चक्कर जैसी समस्याओं से भी माइग्रेन के मरीजों को जूझना पड़ता है। हालांकि, इसके दर्द से राहत पाने का उपाय रसोई में उपलब्ध काली मिर्च के रूप में है।
आयुर्वेद में काली मिर्च को काफी फायदेमंद माना जाता है। यह जुकाम-खांसी, वायरल, फेफड़े संबंधित समस्याओं के साथ ही माइग्रेन के लिए भी रामबाण माना जाता है। पंजाब स्थित बाबे के आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के बीएएमएस, एमडी डॉक्टर प्रमोद आनंद तिवारी ने माइग्रेन दर्द की वजह बताई और ये भी कि काली मिर्च का सेवन कैसे किया जाना चाहिए?
उन्होंने बताया, “ माइग्रेन केवल सिर में ही नहीं बल्कि पूरे शरीर में होने वाला तेज दर्द है। जब पूरे शरीर की नसें तन जाती हैं और फिर सिकुड़ जाती हैं तो इससे माइग्रेन का दर्द होता है। सिर में एक तरफ से शुरू होकर यह गर्दन, कंधे और पीठ के साथ हाथ में भी हो सकता है।” उन्होंने बताया, “माइग्रेन के दर्द की सबसे बड़ी बात यह है कि यह जब शुरू हो जाता है तो इसे कंट्रोल करना मुश्किल होता है ऐसे में राहत पाने के लिए दर्द से पहले होने वाले तनाव में ही दवा का सेवन कर लेते हैं तो मरीज को राहत मिल जाती है।”
डॉक्टर ने काली मिर्च की औषधीय खूबियों पर प्रकाश डालते हुए बताया, “ माइग्रेन से राहत पाने के लिए मरीज को दो या तीन काली मिर्च को मुंह में रखकर चबाना चाहिए। इससे वे बेहतर महसूस करते हैं।” काली मिर्च में 'पिपेरिन' नामक एक एंजाइम होता है, जो सूजन रोधी है और माइग्रेन के दर्द से राहत दिलाने में सहायक होता है।”
वैद्य जी सावधानी की भी सलाह देते हैं। उनके मुताबिक काली मिर्च की तासीर गर्म होती है और इसका ज्यादा सेवन नुकसान भी दे सकता है। दो या तीन काली मिर्च से ज्यादा का सेवन नहीं करना चाहिए यह गर्म होता है और इससे नाक से खून आने का खतरा रहता है।