बक्वीट(कुट्टू) को उसके चमत्कारी पोषण गुणों के लिए धन्यवाद, यह एक प्रकार का अनाज है, जो गर्भवती महिलाओं के लिए सुपरफ़ुड माना जाता है. और गर्भावस्था के दौरान इसका सेवन पूरी तरह से सुरक्षित होता है. इसमें फ़ॉलेट, आयरन, मैग्नीशियम, कैल्शियम, डायटरी फ़ाइबर और एसेंशियल अमीनो एसिड की अच्छी मात्रा होती है. गर्भावस्था के दौरान या गर्भधारण करने से पहले फ़ॉलेट सप्लीमेंट की आवश्यकता होती है. फ़ॉलेट से भरपूर आहार न्युरल बर्थ डिफ़ेक्ट्स को रोकने में मदद करता है. इस बीज का सेवन आपको गर्भावस्था के दौरान होने वाली सामान्य समस्याओं जैसे कब्ज़, गर्भकालीन डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर से दूर रखेगा. एक रिसर्च में कहा गया है कि आयरन और विटामिन सप्लीमेंट के साथ लायसिन का सेवन गर्भवती महिलाओं में हीमोग्लोबिन के स्तर में सुधार करने में मदद करता है.
यह उन महिलाओं के लिए एक बढ़िया विकल्प है, जो गर्भधारण करने की योजना बना रही हैं, क्योंकि बक्वीट फ़ॉलिक एसिड का एक अच्छा स्रोत है, जो ओव्यूलेशन के दौरान एग रीलिज़ में मदद करता है. साथ ही इसमें रुटिन ऐंटी-ऑक्सिडेंट होता है, जो महिलाओं में सर्क्यलटॉरी सिस्टम को बढ़ावा देता है. इसमें मौजूद हाई फ़ाइबर कॉन्टेंट पीसीओडी में वज़न कम करने में मदद करता है. रिसर्च में यह भी पाया गया है कि यह टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करता है जिससे ओव्यूलेशन प्रक्रिया नियंत्रित होती है.
हम सभी उपवास के दिनों में बक्वीट को अपने आहार में शामिल करते हैं, लेकिन क्या हम इसके अमेज़िंग हेल्थ बेनेफ़िट्स के बारे जानते हैं? चलिए आज जान लेते हैं...
यह अपने पावर लोडेड न्यूट्रिशन और कॉम्पैक्स कार्बोहाइड्रेट कॉन्टेंट के कारण किसी अन्य अनाज की तुलना में अधिक तृप्त करता है. इसके सेवन से लंबे समय तक पेट भरा रहता है और आप बार-बार खाते नहीं है, जिससे आपका वज़न कम कम होता है.
आयरन हमारे शरीर के सामान्य कामकाज के लिए बहुत जरूरी है. इस खनिज की कमी से एनीमिया, कमजोरी और थकान जैसी समस्याएं होती हैं. बक्वीट आयरन का अच्छा स्रोत है. तो इस अनाज को उपवास के दिनों के अलावा भी अपने आहार में शामिल करें.
यह मैग्नीशियम और कैल्शियम से भरपूर होता है और यह दोनों खनिज स्वस्थ और मज़बूत हड्डियों व दांतों के लिए आवश्यक हैं. ये ग्रोथ और डिवलपमेंट भी बढ़ावा देते हैं.
अन्य अनाजों की तुलना बक्वीट रुटिन ऐंटी-ऑक्सिडेंट का समृद्ध स्रोत है. इसमें क्वेरसेटिन जैसे अन्य ऐंटी-ऑक्सीडेंट्स भी होते हैं. रुटिन में ऐंटी-इंफ़्लेमेटरी, ऐंटी-कैंसर और ऐंटी-ऑक्सीडेंट्स गुण होते हैं. ऐंटी-ऑक्सीडेंट्स हमारे शरीर से ‘फ्री रेडिकल्स’ नामक संभावित हानिकारक पदार्थों को निकालने में मदद करते हैं. और इस तरह यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है.
यह प्लांटबेस प्रोटीन का समृद्ध स्रोत है, विशेष रूप से इसमें एस्पार्टिक एसिड, आर्जिनिन और लायसिन एमिनो एसिड की अच्छी मात्रा होती है. ये अमीनो एसिड शरीर में हार्मोन को नियमित करने में मदद करते हैं. रिसर्च से पता चलता है कि लायसिन के सेवन से एन्ज़ाइटी कम हो सकती है और यह कैल्शियम के अब्ज़ॉर्प्शन में भी सुधार करता है