बेल का फल, जो आपके पेट के लिए वरदान है

Update: 2023-05-08 14:02 GMT
जो बेलपत्र भगवान शिव को चढ़ाया जाता है, उसके फल का पेट से संबंधित समस्याओं के उपचार में इस्तेमाल सदियों से किया जाता रहा है. दस्त और पेचिश में तो बेल के रस का जादुई प्रभाव होता है. आइए गेंद के आकार के इस गोल फल के फ़ायदों के बारे में जानते हैं.
पोषक तत्व और फ़ायदे
बेल में 84% पानी होता है. इसके अलावा प्रोटीन, वसा, कार्बोहाइड्रेट की अच्छी मात्रा होती है. विटामिन सी और टैनिन भी बेल को ख़ास बनाते हैं. मिनरल्स की बात करें तो इसमें कैल्शियम, फ़ॉस्फोरस और आयरन की भी प्रचुर मात्रा मौजूद होती है.
बेल एक भारतीय फल है. यह स्वाद में मीठा होता है. यह हल्का और पचाने में आसान होता है. पेट की जलन को शांत करता है. दस्त रोकता है. यही कारण है कि बेल को ज़्यादा खाने से कब्ज़ की परेशानी हो सकती है. पर इसके फ़ायदे ढेर सारे हैं, मसलन-यह आंत के कीड़ों को नष्ट करता है. पेट की मरोड़ से राहत दिलाता है. बहुत ज़्यादा उल्टी होने पर बेल खाने से राहत मिलती है.
बेल के उपयोग
आप पके हुए बेल का गूदा खा सकते हैं. वहीं अगर आप चाहें तो बेल का सेवन रस बनाकर भी कर सकते हैं. अगर आपको पाचन संबंधी समस्या हो तो बेल का रस पीजिए. वहीं पुरानी पेचिश में भी बेल कमाल का असर दिखाता है. आज भी गांवों में पेट की तक़लीफ़ होने पर लोग बेल का रस पीते हैं. हैजा जैसी बीमारियों में बेल का फल अमृत-सा प्रभाव दिखाता है. पेट के लिए बेल के चमत्कारी लाभ इसमें मौजूद टैनिक के कारण होते हैं.
आयुर्वेद में बेल का इस्तेमाल रक्त को शुद्ध करने के लिए भी किया जाता है. एक प्रचलित घरेलू नुस्ख़े के अनुसार 50 मिली बेल के रस को गर्म पानी और शक्कर में मिलाकर दिन में दो से तीन बार सेवन किया जाए तो रक्त शुद्ध होता है.
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