Life Style : दाल के बिना अधूरी है भारतीय खाने की थाली

Update: 2024-07-02 05:50 GMT
Life Style लाइफ स्टाइल: दाल भारतीय खानपान का एक अभिन्न अंग है Pulses are an integral part of the Indian diet। स्वादिष्ट तड़के वाली दाल के बिना भारतीय खाने की थाली अधूरी मानी जाती है। यह अपने स्वाद और पौष्टिकता के कारण ये एक स्वस्थ डाइट का बेहतरीन विकल्प है। बच्चे को दूध के अलावा जब ऊपरी आहार खिलाया जाता है, तो उस समय भी लोग अक्सर दाल के पानी से ही शुरुआत करते हैं।
दाले कई प्रकार की होती हैं, जैसे तुअर दाल,
मसूर दाल, उरद दाल, चना दाल
और मूंग दाल आदि। दाल खाने के अनगिनत फायदे होते हैं। बच्चे से लेकर बूढ़े तक इसे आराम से खा सकते हैं।
आइए जानते हैं दाल खाने के कुछ बेहतरीन फायदे-दाल खाने के फायदे-
प्रोटीन- दाल प्रोटीन से भरपूर होती है और मांसपेशियों के विकास और उन्हें रिपेयर करने में मदद करती है।
फाइबर- दाल में फाइबर पाया जाता है, जिससे पाचन सुचारू रूप से संचालित होता है।
पोषक तत्वों से भरपूर- दाल में विटामिन बी, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम जैसे
मिनरल पाए जाते हैं, जो इसे एक सम्पूर्ण आहार बनाते हैं।
वजन कंट्रोल करने में मददगार- फाइबर और प्रोटीन की पर्याप्त मात्रा मौजूद होने के
कारण ये देर तक पेट भरे होने का एहसास दिलाता है, जिससे क्रेविंग कम होती है और वजन कंट्रोल में रहता है।
लो ग्लाइसेमिक इंडेक्स- ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होने के कारण ये डायबिटीक व्यक्ति के लिए भी उपयुक्त होता है।
दाल खाने के नुकसान- Disadvantages of eating pulses-
इतने सारे फायदों के बावजूद दाल के अपने कुछ नुकसान भी हैं, जिसकी जानकारी होना बहुत जरूरी है। आइए जानते हैं दाल खाने के नुकसान-
दाल में प्यूरीन अधिक मात्रा में पाया जाता है, जिसके कारण यूरिक एसिड बढ़ जाता है। हाई यूरिक एसिड वाले लोगों को इससे परहेज करना चाहिए वरना ये जोड़ों के दर्द का कारण बन सकता है।
दाल ऑक्सलेट से भरपूर होती है, जिससे किडनी स्टोन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।
दाल में फाइबर अधिक मात्रा में होने के कारण ये ब्लोटिंग, गैस, कब्ज और एसिडिटी का कारण भी बन सकता है।
पाइल्स और हीमोरॉयड की समस्या होने पर दाल का सेवन नुकसानदायक साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें मौजूद प्रोटीन को पचने में कठिनाई होती है, जिससे कब्ज और फिर पाइल्स की समस्या बढ़ सकती है।
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