आख़िर क्यों अंडरआर्म्स में करना चाहिए आपको टोनर का इस्तेमाल, इन वजहों से है जरूरी
इसका असर कुछ इस्तेमाल के बाद भी आपको नजर आने लगेगा।
डार्क अंडरआर्म्स की समस्या ज्यादातर महिलाओं को होती है और इसकी एक या दो नहीं बल्कि कई वजहें हो सकती हैं जैसे- शेविंग के लिए रेजर का इस्तेमाल, हार्श डियो, कपड़ों से होने वाली रगड़, डेड स्किन सेल्स का जमा होना, बहुत ज्यादा पसीना आदि। तो इसे लेकर टेंशन में न आएं क्योंकि इसे दूर कर पाना पॉसिबल है, आइए जानते हैं कैसे?
टोनर की मदद से
अगर आप अंडरऑर्म्स की डार्कनेस को कम करना चाहती हैं जो इसके लिए ऐसा टोनर चुनें जो अल्फ़ा हाइड्रॉक्सी एसिड (एएचए) या बीटा हाइड्रॉक्सी एसिड (बीएचए) जैसे तत्वों से भरपूर हों, क्योंकि इससे अंडरआर्म्स की बदबू से भी छुटकारा मिलेगा। एएचए युक्त टोनर से तो डेड सेल्स की समस्या भी दूर होती है और बीएचए में एंटी-इन्फ़्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं। तो जैसे आप चेहरे की केयर के लिए रोजाना टोनर यूज करती हैं वैसे ही अंडरऑर्म्स के लिए भी रोजाना टोनर यूज करना शुरू कर दें। वैसे ग्लाइकोलिक एसिड या सैलिसिलिक एसिड युक्त टोनर भी डार्क अंडरआर्म्स से छुटकारा दिलाने में कारगर है।
अंडरऑर्म्स पर कैसे काम करता है टोनर
जैसे फेस पर टोनर के इस्तेमाल से पोर्स के अंदर छिपे बैक्टीरिया दूर होते हैं और डेड स्किन सेल्स भी आसानी से निकल जाते हैं साथ ही चेहरे का पीएच लेवल भी मेनटेन रहता है ठीक उसी तरह अंडरआर्म्स पर भी टोनर ऐसे ही काम करता है। यह बैक्टीरिया का खात्मा कर बदबू को दूर करने में मदद करता है। जिससे अंडरआर्म्स दिनभर फ्रेश रहता है और बदबू भी नहीं आती। साथ ही साथ अंडरआर्म्स का पीएच लेवल भी बना रहता है। टोनर के इस्तेमाल से वह एरिया टोंड हो जाता है, जिसके बाद आप डियोड्रेंट भी लगा सकती हैं।
तो अगर आपके अंडरऑर्म्स बहुत डार्क हैं तो घरेलू उपायों के साथ ही टोनर लगाना भी शुरू कर दें। इसका असर कुछ इस्तेमाल के बाद भी आपको नजर आने लगेगा।