प्रेगनेंसी केयर pregnancy care: गर्भावस्था के चलते शरीर में कई बदलाव आते हैं। जैसे-जैसे शरीर बढ़ता है, आरामदायक और सुकून की नींद पाना मुश्किल हो जाता है। एक रिसर्च में पब्लिश स्टडी के अनुसार, गर्भावस्था में 25 फीसदी गर्भवती महिलाएं नींद की समस्या से जूझती हैं। आयुर्वेदिक मेटरनल एंड चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉ. अर्चना मलिक ने इंस्टग्राम पर एक वीडियो के जरिए सोने का सही तरीका बताया है।
सोने की गलत पोजीशन भी नींद न आने के लिए जिम्मेदार है। सही पोजीशन में सोने से गर्भाशय में बेहतर होता है , जिससे भ्रूण को बढ़ने में मदद मिलती है। तो आइए जानते हैं प्रेग्नेंसी के शुरुआती तीन महीने में गर्भवती किस पोजीशन में सो सकती है। blood flow
ध्यान रखें ये बात
कुछ लोग पीठ के बल सोने के लिए मना करते हैं। उनका ऐसा मानना है कि इससे मां और बच्चे के हृदय में ब्लड सकुर्लेशन ठीक से नहीं हो पाता। मसल्स और स्पाइनल कॉर्ड पर भी बुरा असर पड़ता हे। इतना ही नहीं, पीठ के बल सोने या लेटने से बच्चे को ऑक्सीजन लेने में दिक्कत हो सकती है। ऐसे में इस मुद्रा में सोने से परहेज करना चाहिए।
कमर दर्द में अपनाएं सोने का यह तरीका
अगर आपको प्रेगनेंसी में कमर दर्द की शिकायत रहती है और आप ठीक से सो नहीं पातीं, तो सोते वक्त अपने सिर के नीचे तकिया लगा लेना चाहिए। पैरों के नीचे भी तकिया लगाकर सो सकती हैं। इससे कमर दद र्में आराम मिलेगा।
बाई तरफ करवट लेकर सोना क्यों है फायदेमंद?
अमेरिकन प्रेग्नेंसी असोशियन के अनुसार, सोने की सबसे अच्छे स्थिति एसओएस है यानी साइड पर सोना है। बाईं ओर सोने से Placenta और बच्चे तक पहुंचने वाला ब्लड और पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ जाती है। अच्छा ब्लड सर्कुलेशन वेरिकोज़ नसों और बवासीर की समस्या को कम कर सकता है। इसके अलावा बाईं तरफ करवट लेकर सोने से इंफीरियर वेना केव में ब्लड फ्लो अच्छे से होता है।
पहली तिमाही में सोने का सही तरीका क्या है?
प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में यूट्रस का साइज और बच्चे की ग्रोथ बहुत ज्यादा नहीं होता, इसलिए सोने में बहुत ज्यादा परेशानी नहीं आती। पहली तिमाही के दौरान आप पीठ के बल सो सकती हैं। अगर आप इस तरह सोने में कंफर्टेबल नहीं है, तो दाई या बाई तरफ करवट लेकर सोना भी अच्छा तरीका है। इससे आराम मिलता है और नींद भी अच्छी आती है।