एकाग्रता क्या है? (What Is Concentration?)
एकाग्रता असल में उस मानसिक कोशिश के बारे में बताता है जो आप वर्तमान में कर रहे हैं। मसलन, कुछ भी काम कर रहे हैं या सीख रहे हैं, ये उसके बारे में हैं। कई बार लोग एकाग्रता और अटेंशन स्पैन के बीच भ्रमित हो जाते हैं। जबकि ये दोनों ही बिल्कुल अलग चीजें हैं।
एकाग्रता किसी विषय पर ध्यान देने के बारे में है। जबकि लेकिन ध्यान देने की अवधि उस समय की लंबाई को संदर्भित करती है, जब आप किसी चीज पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
एकाग्रता को प्रभावित करने वाले फैक्टर्स (Factors That Affect Concentration)
ध्यान की अवधि या अटेंशन स्पैन और एकाग्रता दोनों ही कई कारणों से भिन्न हो सकते हैं। कुछ लोग तो मुश्किल वक्त या चुनौती की आहट से ही विचलित हो जाते हैं। लेकिन, असल में उम्र और नींद की कमी किसी इंसान की एकाग्रता को प्रभावित करती हैं।
ज्यादातर लोग बढ़ती उम्र के साथ चीजों को अधिक आसानी से भूल जाते हैं, और एकाग्रता में कमी के साथ ही कई बार मेमोरी लॉस की समस्या भी हो सकती है। सिर या मस्तिष्क की चोटें, जोर से लगा झटका या आघात के साथ ही कई बार कुछ मानसिक समस्याओं के कारण भी एकाग्रता प्रभावित हो सकती है।
कई बार आप ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करते हुए तनाव में आ जाते हैं। लेकिन निराश न हों। निराश होना तो आसान है। यह तनाव और बेचैनी पैदा कर सकता है, इससे आपको अपने लक्ष्य की ओर एकाग्र होने के लिए कहीं ज्यादा फोकस करने की आवश्यकता पड़ने लगती है।
एकाग्रता और फोकस कैसे बढ़ाएं? (How To Improve Concentration And Focus)
यकीन मानिए, एकाग्रता बढ़ाना कोई मुश्किल काम नहीं है। लेकिन आपको इसके लिए रिसर्च आधारित कुछ तरीकों को समझने और अपनाने की कोशिश करनी पड़ेगी।
हालांकि, कई बार हम कुछ शर्तों पर चलते हैं जिसकी वजह से एकाग्रता प्रभावित हो सकती है। लेकिन अगर आप खुद अपनी एकाग्रता बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहते हैं तो मदद के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं।
1. ब्रेन को ट्रेन करें (Train Your Brain)
कुछ विशेष प्रकार के गेम खेलने से आप ध्यान केंद्रित करने में बेहतर हो सकते हैं। इन खेलों में शामिल हैं,
सुडोकू
शब्दों की पहेलियां
शतरंज
जिग्सॉ पजल
शब्द खोज या स्क्रैम्बल
मेमोरी गेम्स
आदि।
साल 2015 की एक स्टडी के अनुसार, 4,715 वयस्कों को दिन में 15 मिनट, सप्ताह में 5 दिन तक ब्रेन गेम्स खेलने के लिए कहा गया। रिसर्च में पाया गया कि, माइंड ट्रेनिंग गेम्स खेलने जैसी गतिविधियों का एकाग्रता पर बड़ा सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
ब्रेन ट्रेनिंग गेम्स, आपकी कामकाजी और शॉर्ट टर्म मेमोरी के साथ ही प्रोसेसिंग और प्रॉब्लम सॉल्विंग की स्किल को भी विकसित करने में मदद कर सकते हैं।
ब्रेन ट्रेनिंग न सिर्फ बड़ों बल्कि बच्चों के लिए भी काफी फायदेमंद होती है। बच्चों के लिए वर्ड पजल की एक किताब खरीदें। या उनके साथ किसी वर्ड पजल को सुलझाएं या फिर उनके साथ मेमोरी गेम खेलें।
यहां तक कि कलर करना भी बच्चों और वयस्कों की एकाग्रता में सुधार कर सकता है। बड़ी उम्र के बच्चे ज्यादा डिटेल वाली बुक्स में कलर भर सकते हैं। ये तरीका वाकई मदद कर सकता है। हालांकि ये तरीका बड़ी उम्र के लोगों की मदद नहीं कर पाता है। क्योंकि, उनकी स्मृति और एकाग्रता में अक्सर उम्र के साथ गिरावट आती है।
साल 2014 की एक स्टडी में पाया गया कि, कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी या संज्ञानात्मक प्रशिक्षण में हिस्सा लेने वाले 2,832 बड़ी उम्र के व्यस्कों को 10 साल बाद वापस बुलाया गया।
जांच में पाया गया कि, 10 से 14 सेशन को पूरा करने वाले लोगों की अनुभूति, स्मृति और प्रोसेसिंग स्किल्स बाकी लोगों से बेहतर थीं। 10 साल का समय बीतने के बाद भी, अधिकांश लोगों ने बताया कि वे रोजमर्रा के कामों को आराम से पूरा कर सकते हैं।
2. जमकर गेम खेलें (Get Your Game On)
ब्रेन गेम्स कोई इकलौते ऐसे खेल नहीं हैं जो एकाग्रता सुधारने में मदद कर सकते हैं। नए शोध से यह भी पता चलता है कि, वीडियो गेम खेलने से भी एकाग्रता को बढ़ावा मिल सकता है।
साल 2018 में 29 लोगों पर की गई स्टडी में ये परिणाम निकले थे। रिसर्च के अनुसार, रोज एक घंटे तक वीडियो गेम खेलने वाले लोगों के विजुअल सेलेक्टिव अटेंशन (Visual Selective Attention) यानी वीएसए (VSA) में सुधार आया था।
वीएसए का अर्थ, आसपास की ध्यान भटकाने वाली चीजों के बावजूद किसी खास काम पर ध्यान केन्द्रित करने की आपकी क्षमता से है।
हालांकि इस स्टडी का सैंपल साइज बहुत ही छोटा और सीमित था, इसलिए ये निष्कर्ष निर्णायक नहीं थे। अध्ययन में यह भी निर्धारित नहीं किया गया कि वीएसए में यह वृद्धि कितने समय तक चली।
स्टडी करने वालों ने, भविष्य में शोध को जारी रखने की सलाह दी। वे जानना चाहते थे कि, कैसे वीडियो गेम मस्तिष्क में गतिविधि और एकाग्रता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।
वहीं साल 2017 में 100 स्टडी की रिव्यू स्टडी की गई थी। इस स्टडी से निष्कर्ष निकलना था कि, वीडियो गेम का संज्ञानात्मक कार्य पर क्या प्रभाव पड़ सकता है?
स्टडी के नतीजे काफी चौंकाने वाले थे। स्टडी के अनुसार, वीडियो गेम खेलने से मस्तिष्क में कई बदलाव हो सकते हैं, जिसमें ध्यान लगाना और ध्यान केंद्रित करना भी शामिल है।
हालांकि, इस रिव्यू स्टडी की तमाम लिमिटेशन थीं। इन लिमिटेशन में ये फैक्ट भी शामिल था कि अध्ययन व्यापक रूप से भिन्न विषयों पर केंद्रित था, जिसमें वीडियो गेम की लत और हिंसक किस्म के वीडियो गेम से होने वाले संभावित प्रभाव भी शामिल थे।
ऐसी स्टडीज जो खासतौर पर ऐसे वीडियो गेम के फायदों के बारे में पता लगाने के लिए डिजाइन की गई हों, इस रिव्यू स्टडीज के नतीजों को सपोर्ट करने में मदद कर सकती हैं।
3. नींद में सुधार करें (Improve Sleep)
नींद की कमी एकाग्रता को आसानी से बाधित कर सकती है। इसके साथ ही, ये याददाश्त और ध्यान जैसे अन्य संज्ञानात्मक कार्यों में भी बाधा खड़ी कर सकती है।
कभी-कभी नींद न ले पाने से आपके लिए बहुत अधिक समस्याएं पैदा नहीं होती हैं। लेकिन नियमित रूप से रात की नींद पूरी न हो तो, इसका असर आपके मूड और काम पर दिख सकता है।
बहुत अधिक थक जाने से भी सजगता पर इसका निगेटिव असर पड़ता है। ये कार ड्राइव करने जैसे फोकस्ड कामों या अन्य दैनिक कामों को करने की आपकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
बहुत ही व्यस्त शेड्यूल, हेल्थ इश्यू के कारण भी कई बार पर्याप्त नींद लेना मुश्किल हो जाता है। लेकिन रात में जितना संभव हो, ज्यादा से ज्यादा सोने की कोशिश करें। निश्चित समय पर सोने की कोशिश करें। कई विशेषज्ञ वयस्कों को हर रात 7 से 8 घंटे की नींद लेने की सलाह देते हैं।
नींद में सुधार लाने की टिप्स से एकाग्रता में भी लाभ हो सकता है। जैसे,
टीवी बंद कर दें और सोने से एक घंटे पहले मोबाइल स्क्रीन को न देखें।
अपने कमरे का तापमान आरामदायक लेकिन थोड़ा ठंडा रखें।
सोने से पहले गर्म पानी से नहाएं, लाइट म्यूजिक सुनें या किताब पढ़ें।
निश्चित समय पर सोने जाने से शरीर अपने आप स्लीपिंग मोड में आ जाता है।
हर रोज एक ही समय पर उठें, यहां तक कि वीकेंड पर भी।
रोज एक्सरसाइज करें, लेकिन सोने से पहले हैवी एक्सरसाइज न करें।
4. एक्सरसाइज के लिए समय निकालें (Make Time For Exercise)
नियमित रूप से एक्सरसाइज करने के कई लाभों में एक ये भी है कि, ये एकाग्रता को बढ़ाता है। एक्सरसाइज से सभी को लाभ होता है।
साल 2018 की एक स्टडी में पाया गया कि, पांचवी कक्षा में पढ़ने वाले 116 बच्चों ने 4 सप्ताह तक नियमित रूप से एक्सरसाइज की। 4 हफ्ते के बाद उनकी एकाग्रता और ध्यान दोनों ही स्थितियों में सुधार आया था।
वहीं बड़ी उम्र के व्यस्कों पर की गई अन्य स्टडी में पाया गया कि, मीडियम लेवल की एरोबिक एक्सरसाइज या शारीरिक एक्टिविटी से सिर्फ 1 साल में मेमोरी लॉस की समस्या को रोकने में भी मदद मिल सकती है। ये बढ़ती उम्र के साथ होने वाले मेमोरी लॉस में भी कारगर होती है।
जो कर सकते हैं वो करें (Do What You Can Do)
हालांकि स्टडी में तो एरोबिक्स एक्सरसाइज करने की सलाह दी गई है। लेकिन असल में आप जो भी एक्सरसाइज करना चाहें कीजिए। क्योंकि, जो आप कर सकते हैं वह करना कुछ भी नहीं करने से बेहतर है। आपकी व्यक्तिगत फिटनेस और वेट गोल के आधार पर, आप कम या ज्यादा व्यायाम कर सकते हैं।
5. प्रकृति में समय बिताएं (Spend Time In Nature)
यदि आप स्वाभाविक रूप से अपनी एकाग्रता को बढ़ावा देना चाहते हैं, तो हर दिन बाहर निकलने की कोशिश करें, ज्यादा नहीं तो सिर्फ 15 से 20 मिनट तक।
आप एक पार्क में थोड़ी देर तक पैदल टहल सकते हैं। अपने बगीचे या आंगन में बैठना भी मदद कर सकता है। किसी भी प्राकृतिक वातावरण के अपने लाभ हैं। वैज्ञानिक शोध में इस बात को मानते हैं कि, प्राकृतिक वातावरण के तेज सकारात्मक प्रभाव होते हैं।