जन सहयोग मांगता टीकाकरण अभियान: टीकाकरण के सरकारी प्रयासों को नागरिकों की सजग और सकारात्मक सोच का साथ मिलना चाहिए
कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के बीच टीकाकरण से जुड़े हर तरह के भ्रम और डर से बाहर आना भी जरूरी है
मोनिका शर्मा : कोरोना की दूसरी लहर में तेजी से बढ़ रहे संक्रमण के बीच टीकाकरण से जुड़े हर तरह के भ्रम और डर से बाहर आना भी जरूरी है। आमजन की भागीदारी और सकारात्मक लोक व्यवहार महामारी से मुकाबले के कठिन काम को आसान कर सकता है। बीते दिनों लीड्स बैकेट यूनिर्विसटी के एक शोधपत्र में बताया गया कि परिजन और मित्र लोगों को टीका लेने के लिए प्रेरित करने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। अमेरिका, इटली और दक्षिण कोरिया में सैकड़ों लोगों की राय के बाद यह परिणाम सामने आया है। इन देशों में पाया गया कि कोविड रोधी वैक्सीन लगवाने के लिए 63 फीसद लोगों ने कहा कि वैक्सीन लगवा चुके लोगों पर हुए प्रभाव की खबरों को सुनकर उन्होंने टीका लगवाने का मन बनाया। 59 प्रतिशत लोगों ने वैक्सीन लगवाने के बारे में परिजनों और मित्रों की सलाह मानी। एक अन्य सर्वे के मुताबिक भी लोगों को वैक्सीन लगाने के लिए मित्रों और परिजनों ने प्रेरित किया, खासकर परिवार के लोग और दोस्त बेहद प्रभावशाली रहे। अधिकारियों की अपील के मुकाबले लोगों की जरूरत और इच्छा ने टीकाकरण पर ज्यादा असर दिखाया है। उक्त सर्वे में 52 फीसद लोगों ने यात्रा करने की इच्छा के चलते वैक्सीन लगवाई तो 56 प्रतिशत लोगों के मुताबिक परिवार के सदस्य या मित्र के लगवाने के बाद वे भी वैक्सीन लेने को तैयार हो गए।