दिल्ली में COVID मामलों में उछाल : क्या GRAP 'रेड अलर्ट' को फिर से लागू करना चाहिए?

दिल्ली में COVID मामलों में उछाल

Update: 2022-04-20 08:09 GMT
उन्नति गोसाईं | 
जनवरी 2022 में ओमिक्रॉन (Omicron) मामलों में उछाल के दौरान जब पॉजिटिविटि रेट पांच प्रतिशत को पार कर गया था तब दिल्ली सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान को लागू किया था. सरकार द्वारा तैयार किए गए GRAP के अनुसार, यदि लगातार दो दिनों तक COVID-19 सकारात्मकता दर पांच प्रतिशत के निशान को पार करती है या इससे ऊपर रहती है तो दिल्ली में 'रेड' अलर्ट (Red Alert In Delhi) लागू किया जा सकता है. इसका मतलब है कि लोगों की आवाजाही पर रात के साथ-साथ सप्ताहांत पर भी पूर्ण कर्फ्यू रहेगा. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली की कोविड पॉजिटिविटि रेट (Covid Positivity Rate) सोमवार (18 अप्रैल) को 7.72 प्रतिशत हो गई. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक शहर में 501 नए मामले दर्ज किए गए, जो पिछले दिन की तुलना में 16 कम है. तो क्या इसका मतलब यह है कि राजधानी 'रेड' अलर्ट के तहत है?
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को कहा कि हालांकि राष्ट्रीय राजधानी में COVID-19 मामलों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन यह चिंताजनक स्थिति नहीं है, क्योंकि अस्पताल में भर्ती होने की दर कम है. उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है. "दिल्ली में पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़ रही है. लेकिन हमने 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन कर लिया है और बड़ी संख्या में दिल्ली के निवासी पहले ही (कोरोना) वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इसके अलावा, अस्पतालों में भर्ती भी ज्यादा नहीं है. इसलिए, यह चिंताजनक स्थिति नहीं है. हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं," जैन ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा. राजधानी दिल्ली में COVID-19 मामलों में वृद्धि को देखते हुए दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) आज (20 अप्रैल) को एक बैठक करेगी. इस बैठक में शहर में कोरोनावायरस के प्रसार को रोकने के उपायों पर चर्चा होगी. एक्सपर्ट कहते हैं कि हर एक नागरिक को व्यक्तिगत तौर पर सतर्क रहना चाहिए.
क्या दिल्ली में रेड एलर्ट लागू होना चाहिए
सर्वोदय हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस्ट और जनरल फिजिशियन डॉ. सुमित अग्रवाल ने कहा कि मामलों की बढ़ती संख्या को देखते हुए यह स्पष्ट है कि वायरस फैल रहा है और इसे नियंत्रित करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, " ये जरूरी नहीं है कि GRAP दिशानिर्देषों को तुरंत लागू किया जाए जैसे सभी बार, रेस्तरां को बंद करना और कर्फ्यू लगाने जैसा कदम. लेकिन प्रत्येक व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए," उन्होंने कहा. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों में वैक्सीनेशन की रफ्तार कम हो गई थी. "COVID-19 मामलों में बढ़ोतरी को नियंत्रित करने के लिए सभी को COVID-19 SOPs का पालन करना चाहिए और टीकाकरण तेजी से दी जानी चाहिए. और अब जब सभी वयस्क बूस्टर शॉट्स लेने के लायक हो गए हैं, तो उन्हें ठीक से टीका लगाया जाना चाहिए."
नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल की पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. विनी कांतरू ने भी कहा कि जैसा हमने पहले सब कुछ बंद कर दिया था, वैसे बदलाव की जरूरत नहीं है . उन्होंने कहा, "कोविड-19 के मामलों में इस उछाल की उम्मीद थी, क्योंकि अब सब कुछ खुला है और बच्चे भी स्कूल जाने लगे हैं. इसलिए, अब ये फैलेगा ही. लेकिन COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करने से ऐसे समूहों को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है. हाथ की सफाई, मास्क की जरूरी, शारीरिक दूरी और टीकाकरण से लोगों को वायरस से बेहतर तरीके से लड़ने में मदद मिलेगी."
डॉ. कांतरू ने आगे कहा, "यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि अब हमें COVID-19 के साथ ही रहना होगा जब तक कि म्यूटेशन उतना कमजोर न हो कि वो हमारे शरीर में प्रवेश न कर सके. इसलिए, हमें यह प्रचार करना चाहिए कि इन COVID-19 उपायों का कम से कम 6 महीने से 1 साल तक सावधानीपूर्वक पालन किया जाना चाहिए." साथ ही डॉ. कांतरू ने ये भी कहा कि रेस्तरां और सिनेमाघरों में भीड़ को सीमित करने से इसे रोकने में मदद मिल सकती है. "लेकिन बंद करने से देश की अर्थव्यवस्था जैसे अन्य पहलुओं पर असर पड़ सकता है."
पिछली बार क्या हुआ था जब दिल्ली ने 5 प्रतिशत पॉजिटिवीटी रेट को पार कर लिया था?
इस साल की शुरुआत में जब राजधानी में एक दिन में 3,000 से अधिक मामले दर्ज हो रहे थे, तो दिल्ली में 'रेड अलर्ट' घोषित कर दिया गया था. गैर-आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं से संबंधित दुकानें और प्रतिष्ठानों को बंद कर दिया गया था. मॉल और साप्ताहिक बाजार भी बंद रहे. रेस्तरां और बार बंद कर दिए गए थे और केवल आवश्यक वस्तुओं की डिलीवरी की अनुमति थी. होटल और लॉज को खुला रहने दिया गया, लेकिन इस शर्त के साथ कि कोई भोज/सम्मेलन आयोजित नहीं किया जाएगा. हालांकि, इन-हाउस मेहमानों के लिए रूम सर्विस की अनुमति थी. तीसरी लहर के दौरान सिनेमा हॉल, बैंक्वेट, स्पा, योग संस्थान पहले से ही बंद थे और नाई की दुकानों और ब्यूटी सैलून को भी बंद करने के लिए कहा गया था.
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