“Hindu Society का अपमान संयोग, प्रयोग अथवा सुनियोजित साजिश"

Update: 2024-07-03 10:06 GMT
India भारत में लोकतंत्र के मंदिर संसद भवन में राष्ट्रपति के धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान विपक्ष में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा सभी मर्यादाओं को तार तार करते हुए सदन में हिंदू देवी देवताओं की तस्वीर के साथ संपूर्ण हिंदू समाज को हिंसक कहा गया, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सदन में अपने भाषण के दौरान हिंदुओं का अपमान किया। लोकसभा में विपक्ष के नेता के रूप में अपने पहले भाषण में राहुल ने सोमवार को कहा कि ‘‘खुद को हिंदू कहने वाले हर समय हिंसा और नफरत फैलाने’’ में लगे हैं। ‘‘संसद में कल राहुल गांधी ने हिंदुओं को हिंसक, असत्यवादी और नफरतवादी की संज्ञा दी है। वह न केवल झूठ बोल रहे हैं बल्कि 125 करोड़ हिंदुओं को अपमानित करने का काम कर रहे हैं। कल संसद में उनकी भाषा आपने देखी होगी कि किस तरह उन्होंने बार-बार हिंदुओं का अपमान करने वाली बातें कही।’’ यह संयोग है सुनियोजित साजिश है या प्रयोग यह संपूर्ण हिंदू समाज को एक क्लियर मैसेज है और इस बाबत हिंदू समाज, संगठनों को चिंतन मनन करने की आवश्यकता है। लोकसभा में मंगलवार को भी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा हुई. इस दौरान संसद के निचले सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान अपनी बात रखी. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. अपने भाषण के दौरान मोदी ने कहा कि यह लगातार तीसरी बार है जब कांग्रेस पार्टी 100 का आंकड़ा नहीं पार कर सकी है. उन्होंने राहुल गांधी के हिंदु वाले बयान को लेकर भी पलटवार किया और सवाल पूछा कि इस देश के हिंदुओं के साथ ये है आपका व्यव्हार? पीएम मोदी विपक्ष ने संसद में निशाना साधते हुए कहा कि इन लोगों का झूठ हमारे देश के नागरिकों की विवेकबुद्धि पर आशंका व्यक्त करता है. इनका झूठ देश के सामान्य विवेद बुद्धि पर एक तमाचा मारने की निर्लज हरकत है. ये हरकतें देश की महान परंपराओं पर तमाचा है।


 


सदन में शुरू हुई झूठ की परंपरा पर कठोर कार्रवाई करेंगे, ये देशवासियों की भी और इस सदन की भी अपेक्षा है। कांग्रेस ने संविधान और आरक्षण पर भी हमेशा झूठ बोला है। यहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राहुल के बयान के बारे में कहा ‘‘राहुल गांधी का नेता प्रतिपक्ष के रूप में पहला भाषण ही झूठ, निराशा और तथ्यहीन बातों को लेकर था। लोकसभा में राष्ट्रपति जी के अभिभाषण पर चर्चा होनी थी जिस पर राहुल गांधी एक शब्द भी नहीं बोले। उन्होंने सदन में केवल झूठ बोला।’’ ‘‘राहुल गांधी ने अपने भाषण में न केवल हिंदुओं का घोर अपमान किया बल्कि हिंदू समाज को हिंसक, नफरती और झूठा बताया।’’, ‘‘तुष्टीकरण की नीति अपनाकर, वोटों का ध्रुवीकरण करना, कांग्रेस की आदत रही है और वे एक दूसरे में वैमनस्यता फैलाने का काम करते हैं। कांग्रेस नेता सदैव हिंदू समाज के खिलाफ बोलते रहे हैं। ‘‘हिंदुओं को हिंसक और अवसरवादी बताना, संसद की बहस के दौरान ईश्वर के चित्रों को सामने रखना और इस पर राजनीति करना, नेता प्रतिपक्ष को शोभा नहीं देता। ‘‘मैं राहुल गांधी को कहना चाहता हूं कि आपको विचार करना पड़ेगा, सोचना पड़ेगा और पढ़ना पड़ेगा कि हिंदू कौन हैं ?…वसुधैव कुटुंबकम की भावना रखने वाला… सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया की कामना करने वाला, हिंदू है। …धर्म की जय हो अधर्म का नाश हो, प्राणियों में सद्भावना हो, विश्व का कल्याण हो, इस मंत्र को जीने वाला हिंदू है। प्राणी मात्र में हिंदू का वास देखने वाला हिंदू है।
‘‘सोची समझी रणनीति के तहत हिंदू संस्कृति, परंपरा को गाली दी जा रही है, हिंदुओं का मजाक उड़ाया जा रहा है, मजाक उड़ाने को फैशन बनाया जा रहा है और अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए इस तरह के काम हो रहे हैं। देश का बच्चा-बच्चा जानता है कि ईश्वर का हर रूप दर्शन के लिए होता है। ईश्वर का रूप निजी स्वार्थ के लिए और प्रदर्शन के लिए नहीं होता। यह प्रदर्शन हमारे देश के लोगों को गहरी चोट पहुंचा रहा है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह से जब हिंदुओं को अपमानित किया जा रहा है, उन्हें हिंसा फैलाने वाला बताया जा रहा है तो अब हिंदू समाज को भी सोचना पड़ेगा कि उसका इस तरह से मजाक क्यों उडाया जा रहा है। क्या राजनेताओं के लिए धर्म और ईश्वर मात्र राजनैतिक स्वार्थ सिद्ध करने का माध्यम बनते जा रहे हैं? क्यों केवल हिंदू धर्म ही सोची समझी रणनीति और साजिश के तहत निशाने पर हैं? क्योंकि हिंदू यहां जात पात, मत संप्रदाय इत्यादि में विभक्त है। यहां विडंबना देखिए यदि यह अपमान किसी एक जाति धर्म या संप्रदाय का होता तो अभि तक सड़कें जाम हो चुकी होती ज्ञापनों का सिलसिला चल पड़ा होता लेकिन चूंकि हिंदू समाज अपने अपने जात पात मत संप्रदाय इत्यादि में विभक्त है अतः इसी बात का फायदा उठाकर ये राजनेता और राजनैतिक दल अपनी अपनी रोटियां सेक लेते हैं जब तक हिंदू समाज अपनी कुंभकर्णी नींद को त्याग अपने सभी राग द्वेष जात पात मत संप्रदाय भावना को किनारे कर संगठित नहीं होगा वह दिन दूर नहीं जिस प्रकार अन्य देशों से हिंदू धर्म विलुप्त हो गया वैसे भारत में भी हिंदू धर्म समाज भी सोची समझी साजिश के तहत हाशिए पर धकेला जा रहा है। आज समय आ गया हिन्दुओं को अपने वजूद अपने धर्म अपनी संस्कृति अपने देवी देवताओं के अपमान अनादर करने वालों को मुंह तोड़ जवाब दिया जाना आवश्यक हो गया है।
आलेख: डॉ राकेश वशिष्ठ, वरिष्ठ पत्रकार एवम् संपादकीय लेखक
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