Editorial: ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में बसों में बनाएं परीक्षा केंद्र
Vijay Garg: आने वाले दिनों में ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को कई घंटों की यात्रा कर परीक्षा केंद्र तक पहुंचने की चुनौती से मुक्ति मिल सकती है। इन क्षेत्रों में मोबाइल टेस्टिंग सेंटर की सुविधा मुहैया कराई जा सकती है, जहां छात्र आसानी से पहुंचकर परीक्षा दे सकेंगे। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) के कामकाज में सुधार को लेकर गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने परीक्षाओं को व्यवस्थित ढंग से कराने को लेकर जो अहम सुझाव दिए हैं, उनमें जेईई मेन व नीट जैसी परीक्षाओं को मोबाइल टेस्टिंग सेंटर के जरिये कराना शामिल है।
समिति ने 40 से 50 सीट वाली बसों को टेस्टिंग सेंटर में तब्दील करने का सुझाव दिया है। एक बस में 30 छात्रों की परीक्षा के लिए व्यवस्था करने को कहा है। इनमें इंटरनेट, 30 लैपटाप, बिजली और सर्वर की व्यवस्था करने का सुझाव दिया है। ग्रामीण व दूरदराज क्षेत्रों के लिए ऐसी पांच बसों का काफिला चलाने को कहा है, ताकि एक साथ डेढ़ सौ छात्रों की परीक्षा ली जा सके। यही नहीं समिति ने इन बसों को उन क्षेत्रों में भी भेजने की सलाह दी है, जहां सिर्फ एक ही सेंटर रहता है।
समिति ने एनटीए को पीपीपी मोड पर फिलहाल पांच से दस बसों को इस तरह तैयार करने को कहा है। इसका उपयोग पूर्वोत्तर, पहाड़ी राज्यों के साथ ही अंडमान निकोबार में करने का सुझाव दिया है। समिति की यह सलाह तब आई है, जब अभी देश के कई हिस्सों में छात्रों को परीक्षा देने के लिए घंटों का सफर करना पड़ता है। मौजूदा व्यवस्था में एनटीए छात्रों की संख्या कम होने पर छोटे क्षेत्रों में परीक्षा सेंटर नहीं बनाती है।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल शैक्षिक स्तंभकार स्ट्रीट कौर चंद एमएचआर मलोट पंजाब