इस बार का आम बजट पर्यावरण और धारणीय विकास के लिहाज से कैसे है उपयुक्‍त

विश्व के लगभग सभी देश अक्सर पर्यावरण संरक्षण की बात तो करते हैंं, लेकिन किसी भी देश का बजट आम तौर पर पर्यावरण को ध्यान में रखकर नहीं बनाया जाता है।

Update: 2022-02-03 05:10 GMT

गौरव कुमार: विश्व के लगभग सभी देश अक्सर पर्यावरण संरक्षण की बात तो करते हैंं, लेकिन किसी भी देश का बजट आम तौर पर पर्यावरण को ध्यान में रखकर नहीं बनाया जाता है। भारत सरकार ने मंगलवार को प्रस्तुत बजट में ऐसा करने का साहस दिखाया है। ऐसा करते हुए निश्चित रूप से भारत ने इस नई पहल से विश्व समुदाय के सामने आज एक रोडमैप प्रस्तुत किया है। हाल में संपन्न ग्लासगो सम्मलेन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जिस प्रकार से विश्व समुदाय के समक्ष -वन सन, वन वल्र्ड और वन ग्रिड- का संकल्प दोहराया था, वह इस बजट में स्पष्ट रूप से दिखता है।

इस बजट में समाज के सभी वर्गों के हितों की चिंता की गई है। परंतु यदि हम केवल धारणीय विकास की बात करें तो इस दिशा में यह मील का पत्थर साबित होगा। यदि बजट को हम पर्यावरण के दृष्टिकोण से देखें तो इसके कई प्रविधान इसे स्थापित करते हैं। प्रधानमंत्री गति शक्ति को ही देखें तो इस परियोजना को मास्टर प्लान के माध्यम से पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए आधुनिक बुनियादी ढांचे के युग की शुरुआत मानी जा सकती है। बजट में अगले तीन वर्षों के दौरान बेहतर ऊर्जा दक्षता वाली 400 नई वंदे भारत ट्रेनों की घोषणा की गई है जो ग्रीन परिवहन की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसी क्रम में मल्टी-मोडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए मेट्रो स्टेशनों को रेलवे स्टेशनों से जोडऩे की पहल भी ग्रीन परिवहन की दिशा में उल्लेखनीय है। ग्रीन परिवहन की दिशा में ही एक और महत्वपूर्ण पहल है पीपीपी मोड के तहत राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम। देश के भौगोलिक रूप से जिन दुर्गम इलाकों में पारंपरिक जन परिवहन प्रणाली संभव नहीं है, वहां यात्रियों के लिए कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करने समेत उस क्षेत्र में पर्यटन को प्रोत्साहित करने में इस राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम से भरपूर मदद मिल सकती है।

पर्यावरण और स्वास्थ्य की चिंता करते हुए भी इस बार बजट में एक क्रांतिकारी शुरुआत की गई है। खेती को और अधिक लाभप्रद तथा पर्यावरण अनुकूल बनाने के उद्देश्य से रासायन मुक्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिए जाने की घोषणा बहुत महत्वपूर्ण है। बजट खेती, प्राकृतिक खेती, शून्य जैविक खेती और कृषि की आधुनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए कृषि विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम को अद्यतन किए जाने की भी घोषणा बजट में की गई है। इसके साथ ही ग्रीन क्लीयरेंस को बढ़ावा देने और आवेदकों को जानकारी प्रदान करने के लिए अब इस पोर्टल का दायरा बढ़ाया जाएगा।

बिजली चालित वाहनों के क्षेत्र में क्रांतिकारी पहल देश में हो चुकी है और इसे व्यापक रूप से बढ़ावा देने के उद्देश्य से निजी क्षेत्र को और भी टिकाऊ व अभिनव व्यापार माडल विकसित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सेवा के रूप में बैटरी या ऊर्जा, बिजली चालित वाहनों के अनुकूल समग्र परिवेश को विकसित करने से संबंधित तंत्र की दक्षता में सुधार होगा। इससे शहरी क्षेत्रों खासकर महानगरों में सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। परिणामस्वरूप वायु प्रदूषण की एक बड़ी समस्या का भी कुछ हद तक इससे समाधान संभव है।

ग्रीन इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए संसाधन जुटाने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान बाजार से उधार के एक भाग के रूप में सावरेन ग्रीन बांड जारी किए जाने की भी घोषणा सरकार ने इस बजट में की है। इससे हरित परियोजनाओं को साकार करने के साथ ही पर्यवारण के क्षेत्र में कई मायने में मदद मिलेगी। कुल मिलाकर यह बजट सक्षम और समर्थ भारत का अभिनव प्रयोग कहा जा सकता है जो समावेशी और पर्यावरण के साथ सामंजस्य स्थापित करते हुए ग्रीन ग्रोथ की संकल्पना को साकार करने को संकल्पित है।


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