हमारे देश में सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक समस्याओं व बुराइयों की मुख्य वजह हमारा स्वार्थ भी है। स्वार्थ के वशीभूत होकर हम एक तो बुरा देख कर भी धृतराष्ट्र बने रहते हैं, दूसरा अपने स्वार्थ के लिए चापलूसी, निंदा, चुगली और गलत भाषा बोलने से गुरेज नहीं करते और तीसरा, किसी बुराई, गलत काम बारे सुनकर भी कानों के सुनने की क्षमता होते हुए भी हम बहरे बने रहते हैं, जबकि हमारे देश की महान शख्सियत महात्मा गांधी ने बुरा न देखो, बुरा न बोलो, बुरा न सुनो का मंत्र दिया है। महात्मा गांधी की तीन बातें आज भी दुनिया को सच्ची राह की ओर अग्रसर कर सकती हैं, लेकिन अफसोस आज महात्मा गांधी के देश में ही इन बातों के विरुद्ध कुछ लोग चल रहे हैं।
-राजेश कुमार चौहान, सुजानपुर टीहरा
By: divyahimachal