महाकुंभ 2025 के अमृत महोत्सव में भारतीय रेल ने सेवा का बेहतरीन उदाहरण पेश किया है। न केवल यातायात की सुविधा बढ़ाने तक यह सेवा सीमित है, बल्कि तीर्थयात्रियों को एक आरामदायक और खुशहाल यात्रा का भी अनुभव प्रदान किया गया है। श्रद्धा और आस्था की पुण्य भूमि प्रयागराज तक यात्रियों को पहुंचाने में भारतीय रेल ने विश्व स्तरीय आतिथ्य सेवा में जो योगदान दिया है, वह सदा स्मरणीय रहेगा। महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में रेलवे ने अपने इंफ्रास्ट्रक्चर, सेवाओं और सुविधाओं में बड़े सुधार किए हैं। इसके लिए नए और रचनात्मक उपायों को लागू किया है, जिसमें तरह-तरह की सुविधाएं शामिल हैं। भारतीय रेल कुंभ यात्रियों के लिए नए मानक स्थापित कर रहा है, जो भविष्य में अन्य बड़े आयोजनों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन सकता है।
आधुनिक सुविधाओं में तीर्थ यात्रा
भारतीय रेल ने पवित्र संगम की यात्रा को आध्यात्मिक रूप से समृद्ध बनाने का महत्वपूर्ण काम किया है। पिछले एक दशक में भारत सरकार ने रेलवे के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए वित्त पोषण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पिछले दो वर्षों में 5000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से यात्री सुविधाओं में सुधार किया गया है। इससे रेलवे स्टेशन आरामदायक, सुविधाजनक और आध्यात्मिकता के जीवंत केंद्र में बदल गया है।
पहले रेलवे स्टेशन मुख्य रूप से रेलगाड़ियों के रुकने, यात्रियों के चढ़ने-उतरने और सामान ढुलाई के लिए उपयोग किए जाते थे। लेकिन समय के साथ स्टेशनों में सुधार हुआ और अब ऐसा लगता है कि रेलवे स्टेशन तीर्थ यात्रियों के स्वागत के लिए प्रवेश द्वार में बदल गए हैं। स्लीपिंग पॉड्स, एग्जीक्यूटिव लाउंज और रिटायरिंग रूम की अत्याधुनिक सुविधा सुकून देनेवाले हैं जो यात्रियों को आकर्षित करते हैं। कहा जाए, तो पहले के भीड़भाड़, शोरगुल वाले माहौल से बिल्कुल अलग भारतीय रेल का यह उपहार है आम यात्रियों के लिए।
तीर्थयात्रियों के लिए कुछ और सुविधाएं
रेलवे ने यात्रियों को रास्ता ढूंढने में मदद करने के लिए कुछ नई व्यवस्था बनाई है। स्टेशन पर अलग-अलग हिस्सों को अलग-अलग रंगों से चिह्नित किया गया है, ताकि यात्री आसानी से जान सकें कि उन्हें किस तरफ जाना है। टिकटों पर भी रंगों का उपयोग किया गया है, ताकि यात्रियों को यह समझने में मदद मिले कि उनकी ट्रेन कहां से चलेगी या किस प्लेटफॉर्म पर जाएगी। पांव संकेतक, जमीन पर बने होते हैं। ये यात्रियों को सही दिशा में जाने के लिए मार्गदर्शन कराने का काम करते हैं। रेलवे स्टेशन पर यह उन्नत सुविधा तीर्थयात्रा के अनुभव का आनंद बढ़ा देता है। जैसे ही कोई श्रद्धालु रेलगाड़ी से उतरता है तो उसके अनुकूल सारी सुविधाएं मिलती हैं।
ठहरने की आरामदायक सुविधा
कुंभ में रोजाना लगभग एक करोड़ तीर्थयात्रियों के आने की संभावना को देखते हुए व्यापक पैमाने पर उनके लिए ठहरहने और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराना आसान नहीं है। लेकिन भारतीय रेल ने इस चुनौती को स्वीकार किया। 17 नए यात्री आश्रय गृहों का निर्माण किया गया। इसके अतिरिक्त स्टेशन की क्षमता1,25,000 से अधिक यात्रियों के संभालने की है। पहले यह क्षमता मात्र 21,000 यात्रियों के लिए थी। इसके अतिरिक्त, नए प्लैटफॉर्म के निर्माण किए गए और अब बढ़कर इसकी संख्या 48 हो गई है। तीर्थयात्रियों के लिए बेहतर गंतव्य सुनिश्चित हुई है। शौचालय, पेयजल सुविधा, शिशु-पोषण जोन और चिकित्सा जांच कक्ष जैसी उन्नत सुविधाएं भी यात्रियों की आवश्यकताएं पूरी कर रही हैं। राज्य सरकार ने खुसरो बाग को एक आवासीय क्षेत्र के रूप में विकसित किया है, जिसमें एक लाख से अधिक तीर्थयात्रियों के ठहरने की सुविधा है। रेलवे द्वारा उपलब्ध कराए गए। इसके अलावा, निर्बाध आपूर्ति और बैकअप सिस्टम से उच्च मांग के बावजूद सुचारू बिजली आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।
आरामदायक एवं सुलभ सुविधाएं
भारतीय रेल ने महाकुंभ 2025 का अनुभव सभी के लिए आरामदायक बनाने में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। यात्री सुविधा केंद्र, व्हीलचेयर सेवाओं के साथ सहायता बूथ और सामान ट्रॉलियां मुहैया कराना तीर्थयात्रियों जरूरी आवश्यकताएं पूरी करते हैं। प्रयागराज जंक्शन और छिवकी जैसे प्रमुख स्टेशनों को विशेष रूप से सुगम और आरामदायक आवागमन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सुसज्जित किया गया है। सरकार के 'सुगम्य भारत मिशन' के अनुरूप, भारतीय रेल ने लिफ्ट और एस्केलेटर सहित दिव्यांगजनों के अनुकूल सुविधाओं की संख्या बढाई है। ये उपाय समावेशिता के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि बुजुर्गों से लेकर दिव्यांगजन तक हर कोई इस पवित्र आयोजन में सुगमता से भाग ले सके।
महाकुंभ की यात्रा के लिए अद्वितीय साधन
परंपरा को आधुनिकता के साथ जोड़ने के भारतीय रेल के प्रयासों ने एक ऐसा माहौल बनाया है जो उत्थान और आरामदायक के साथ ही आधुनिक भी है। रेलवे तीर्थयात्रियों की यात्रा को सुविधाजनक बनाने के साथ ही, महाकुंभ के अनुभव को अद्वितीय बनाने में अभिन्न भूमिका निभा रहा है। भारतीय रेल महाकुंभ के दौरान सुविधाओं के उन्नयन से धार्मिक आयोजनों में आतिथ्य के नए मानक स्थापित कर रही है, जिसमें प्रचालन के साथ ही आतिथ्य और देखभाल के साथ सद्भावना का भी संयोजन है।
रविन्द्र गोयल
पूर्व सदस्य(परिचालन और व्यवसाय विकास) रेलवे बोर्ड