स्वस्थ महिलाएं बन सकती हैं मजबूत अर्थव्यवस्था का आधार

Update: 2025-01-28 13:26 GMT
Vijay Garg: विश्व आर्थिक मंच (डब्लूईएफ) के एक नए अध्ययन में कहा गया है कि दुनिया भर में महिलाओं के स्वास्थ्य पर ध्यान देने से वे अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार बन सकती हैं। शोध से पता चलता है कि महिलाओं के स्वास्थ्य के अंतर को पाटने से वर्ष 2040 तक वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में सालाना 400 अरब अमेरिकी डालर की बढ़ोतरी हो सकती है। डब्लूईएफ ने अपनी वार्षिक बैठक में एक नए महिला स्वास्थ्य प्रभाव निगरानी मंच की भी शुरुआत की।
विश्व आर्थिक मंच की ओर से मंगलवार को यह अध्ययन रपट जारी की गई। यह रपट महिला स्वास्थ्य के अंतर को पाटने और सभी के लिए जीवन व अर्थव्यवस्था में सुधार का खाका है। यह रपट मैकिन्से हेल्थ इंस्टीट्यूट (एमएचआइ) के सहयोग से प्रकाशित की गई है। इसमें रेखांकित किया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं अपने जीवन का 25 फीसद हिस्सा अधिक खराब स्वास्थ्य में जीती हैं। इसमें बताया गया है कि कैसे नौ प्रमुख स्वास्थ्य स्थितियों के आसपास लक्षित कार्रवाई से वैश्विक बीमारी के बोझ को कम किया जा सकता है और प्रत्येक महिला के जीवन में हर साल 2.5 स्वस्थ दिनों को जोड़ा जा सकता है। अध्ययन रपट में नौ स्थितियों को महिला की जिंदगी के विभिन्न पड़ाव में विभाजित किया गया है, जो कि जीवित वर्षों की कुल संख्या (मातृ उच्च रक्तचाप संबंधी विकार, प्रसवोत्तर रक्तस्राव, हृदय रोग, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर व स्तन कैंसर) और स्वस्थ वर्ष के आधार पर स्वास्थ्य अवधि की स्थितियों से संबंधित है। विश्व आर्थिक मंच ने इस संबंध में एजेंडा तय करने और संसाधन आबंटित करने के लिए दुनिया भर की सरकारों, निजी क्षेत्र, शोधकर्ताओं, नागरिक समाज और समुदायों से तत्काल कार्रवाई का आह्वान किया है।
रपट में कहा गया है कि अब कार्रवाई करने और यह सुनिश्चित करने का समय है कि हर महिला और लड़की स्वस्थ एवं अधिक उत्पादक जीवन जी सके। रपट में महिला - विशिष्ट स्वास्थ्य चिंताओं और लिंग-आधारित मतभेदों पर अनुसंधान को वित्तपोषित करके महिलाओं की स्थिति में सुधार करने और नैदानिक दिशा-निर्देशों को सुनिश्चित करके महिलाओं की देखभाल करने आवश्यकताओं पर जोर दिया गया है।
विश्व आर्थिक मंच ने मंगलवार को अपनी वार्षिक बैठक में एक नए महिला स्वास्थ्य प्रभाव निगरानी मंच की भी शुरुआत की है। यह मंच दुनिया भर में लाखों महिलाओं को पेश आने वाली स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की निगरानी और उनका समाधान खोजने के लिए एक सार्वजनिक रूप से सुलभ मंच है।
सेंटर फार हेल्थ एंड हेल्थकेयर के प्रमुख व विश्व आर्थिक मंच की कार्यकारी समिति के सदस्य श्याम बिशेन ने कहा, सार्थक परिवर्तन लाने और महिलाओं के अनुरूप प्रभावी स्वास्थ्य देखभाल रणनीतियों को विकसित करने के लिए प्रगति को मापना आवश्यक है। महिलाओं के जीवन में 2.5 अतिरिक्त स्वस्थ दिन जोड़ने के अवसर के बावजूद, लिंग - विशिष्ट अनुसंधान की कमी के कारण उन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। मैकिन्से हेल्थ इंस्टीट्यूट लुसी पेरेज ने कहा कि आज के परिदृश्य में महिलाओं को पेश आने वाली समस्याओं का अध्ययन करने, उनके स्वास्थ्य की देखभाल करने और महिलाओं से संबंधित योजनाओं में निवेश करने की जरूरत है।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल शैक्षिक स्तंभकार स्ट्रीट कौर चंद एमएचआर मलोट पंजाब
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