आम पाकिस्तानियों के अलावा प्रधानमंत्री इमरान खान और उनके कई कैबिनेट मंत्री भारत के दृश्यों से दुखी होकर उसके साथ खड़े हुए। प्रधानमंत्री इमरान के अलावा मानवाधिकार मंत्री डॉ. शिरीन मजारी ने भारतीयों के समर्थन में ट्वीट किया। इमरान खान ने ट्वीट किया, 'मैं भारत के लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करना चाहता हूं, क्योंकि वे कोविड-19 की खतरनाक लहर से जूझ रहे हैं। हम अपने पड़ोस और दुनिया में महामारी से पीड़ित सभी लोगों के शीघ्र स्वस्थ होने की दुआ करते हैं। हमें एकजुट होकर मानवता के समक्ष आई इस वैश्विक चुनौती से लड़ना चाहिए।'
मानवाधिकार मंत्री डॉ शिरीन मजारी हालांकि भारतीय राजनीति को लेकर आक्रामक रहती हैं, पर उन्होंने भी भारत की त्रासदी पर करुणा दिखाते हुए ट्वीट किया, 'भारतीयों की पीड़ा को देखना दुखदायी है, क्योंकि वे कोरोना वायरस और ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे हैं। हम सभी महामारी की घातक तीसरी लहर के बढ़ने पर इस संघर्ष में शामिल हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हममें से कई देशों ने मदद के बजाय सीमाएं सील कर दी हैं।' अपने यहां के मीडिया में विशेषज्ञों द्वारा यह चेतावनी दी गई है कि यदि पाकिस्तान अपनी स्थिति नियंत्रित करने की कोशिश नहीं करता, तो भारत में जो कुछ हो रहा है, वह यहां भी हो सकता है। इस सप्ताह सरकार ने कराची में पाकिस्तान स्टील मिल्स में पुराने और बेकार पड़े ऑक्सीजन संयंत्र पर ध्यान केंद्रित किया, जो बंद है। इस ऑक्सीजन संयंत्र को शुरू करने का इरादा है, ताकि आपातकाल के समय पर्याप्त ऑक्सीजन उपलब्ध हो। इसके अलावा, चीन की मदद से अब पाकिस्तान ने भी इस्लामाबाद में अपनी वैक्सीन का उत्पादन शुरू किया है। पाकिस्तान में कोविड की पहली वैक्सीन तैयार करने के लिए चीन ने मदद के तौर पर कच्चे माल और विशेषज्ञ भेजे हैं।
इस बीच पाकिस्तान में लोग हालांकि यह भी पूछ रहे हैं कि बड़े पैमाने पर त्रासदी के कारण दुनिया भर से चिकित्सा सहायता स्वीकार करने वाले भारत ने पाकिस्तान द्वारा मदद की पेशकश की उपेक्षा क्यों की। यह दक्षिण एशिया की तहजीब में नहीं है कि कोई पड़ोसी सहायता का हाथ बढ़ाए, तो उसकी अनदेखी कर दी जाए। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनकी सरकार पाकिस्तानी सहायता के बारे में भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार कर रही है। ईदी वेलफेयर ट्रस्ट द्वारा एंबुलेंस भेजने की पेशकश पर भारत की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
भारत द्वारा सहमति जताने पर वे एंबुलेंस वाघा से अटारी होकर भेजे जाएंगे। ईदी फाउंडेशन ने कहा कि स्थिति की गंभीरता समझी जा सकती है और 'हम आपको बिना किसी असुविधा के अपना पूर्ण समर्थन देना चाहते हैं, इसलिए हम सभी आवश्यक आपूर्ति की व्यवस्था करेंगे, जिसकी हमारी टीम को भारत के लोगों की सहायता करने की आवश्यकता है।' अमीर देशों ने भारत को मदद की जो पेशकश की है, उसकी तुलना में पाकिस्तान की पेशकश बहुत छोटी है। पर ध्यान रखना चाहिए कि पाकिस्तान अमीर देश नहीं हैं, हमारे चिकित्सीय संसाधन सीमित हैं और फिलहाल हम भी कोविड-19 की तीसरी लहर से जूझ रहे हैं। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बताया कि 'कोविड-19 की वर्तमान लहर के मद्देनजर भारत के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए पाकिस्तान ने भारत को राहत सहायता प्रदान करने की पेशकश की है।'
पाकिस्तान ने मदद के तौर पर वेंटिलेटर, व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण, डिजिटल एक्स-रे मशीन और अन्य संबंधित उपकरण भेजने की पेशकश की है। लेकिन सहयोग की भावना ही मायने रखती है। जो भी संभव होगा, पाकिस्तान साझा करने के लिए तैयार है। पाकिस्तान द्वारा की गई मदद की पेशकश की चर्चा वाशिंगटन स्थित बुद्धिजीवियों तक ने की। वाशिंगटन स्थित शोध समूह विल्सन सेंटर में एशिया प्रोग्राम के निदेशक माइकल कुगेलमैन ने ट्वीट किया, 'यह एक बेहद उदार और महत्वपूर्ण प्रस्ताव है, न केवल इसलिए कि यह अपने दुश्मन देश को आपूर्ति प्रदान करने की पेशकश कर रहा है, बल्कि इसलिए भी, क्योंकि पाकिस्तान खुद तेजी से बढ़ते कोविड मामलों में बढ़ोतरी का सामना कर रहा है।'
भारत सरकार प्रतिक्रिया देने में भले ही देर कर रही हो, लेकिन कम से कम आम आदमी शुभकामनाओं का जवाब दे रहा है, सोशल मीडिया पर पाकिस्तान से गाने भेजे जा रहे हैं। युवा पाकिस्तानियों ने विशेष रूप से अपने भारतीय पड़ोसियों के लिए गीतों की रचना की है, जो उनके महामारी से जल्दी ठीक होने की कामना करते हैं। दो युवा गायकों-जीशान अली और नौमान अली ने इस कठिन समय में अपने भारतीय भाइयों का समर्थन करने के लिए गाना गाकर सोशल मीडिया पर तूफान मचा दिया है। उनका गाना है-हौसला न हारो ये वक्त भी टल जाएगा, रात जितनी घनी हो फिर सवेरा आएगा। इसकी धुन प्रसिद्ध भारतीय गायक एआर रहमान के गीत अर्जियां से लिए गए हैं, जिसे उन्होंने 2009 में गाया था। अपने भारतीय दोस्तों को इमरान खान का संदेश है, 'हमें इस वैश्विक चुनौती का मुकाबला मानवता के साथ मिलकर करना चाहिए।' चूंकि इस बड़ी चुनौती को अकेले एक देश नहीं संभाल सकता, लिहाजा दुनिया को कोविड मुक्त बनाने के लिए सबको एकजुट होना होगा।
क्रेडिट बाय अमर उजाला