एक वकील के पास तीन खूबियां होती हैं- कानून की जानकारी, तर्कशक्ति और गवाहों का उपयोग
अपने बच्चों के हितों को ताउम्र ऐसे संभालकर रखते हैं जैसे किसी दीये की लौ
पं. विजयशंकर मेहता का कॉलम:
हमारे पास दो तरह के वकील होना चाहिए। एक वे जिन्होंने कानून पढ़ा हो और दूसरे जिन्होंने हमें पढ़ा हो। ये होते हैं माता-पिता, भाई-बहन और मित्र। यह बाजार से जुड़ा दौर है। कई बार कानून के सहारे की जरूरत पड़ेगी और यह काम वे वकील निपटा देंगे जो कोर्ट जाते हैं, जिन्होंने कानून की पढ़ाई की है। लेकिन, जिंदगी में कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां हम अपने आपको एक अलग ही अदालत में खड़ा पाएंगे और वहां सबसे अच्छे ढंग से हमारी वकालत कर सकेंगे माता-पिता, भाई-बहन और मित्र।
एक वकील के पास तीन खूबियां होती हैं- कानून की जानकारी, तर्कशक्ति और गवाहों का उपयोग। जब कभी हम जीवन की अदालत में खड़े होते हैं, हमारे ये वकील कभी हमें न्यायाधीश बनाकर अपनी बात रखेंगे, कभी फरियादी की ओर से खड़े होंगे और कभी आरोपी बनाकर भी हमारी वकालत करेंगे। माता-पिता तो कमाल के ही वकील होते हैं।
अपने बच्चों के हितों को ताउम्र ऐसे संभालकर रखते हैं जैसे किसी दीये की लौ। बाहरी दुनिया में आपके जो भी झंझट हों, कानून के जानकार वकील उनसे निपटते रहेंगे, लेकिन जीवन की अदालत में पैरवी के लिए इन वकीलों (माता-पिता, भाई-बहन, मित्र) को हमेशा अपने साथ रखिए। ये कुछ ऐसा करेंगे जो प्रेमपूर्ण होगा, दुआओं से भरा होगा और जिंदगी की अदालत में ये दुआएं बहुत बड़ी दलील बन जाएंगी।