इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश को राज्य की ओर आकर्षित करने के लिए डेटा सेंटर पॉलिसी को लॉन्च किया है, जिसके तहत कोरोना काल के बाद उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए सभी नीतिगत सुधार श्रृंखलाबद्ध तरीके से परिणाम दिखाना शुरू कर देंगे. योगी सरकार का सपना है कि वह उत्तर प्रदेश में युवाओं के लिए रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जाएं और इसके लिए राज्य में आर्थिक और औद्योगिक सुधारों का होना बेहद जरूरी है. राज्य में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार ने हाल ही में कुछ नई पहल भी किए हैं.
डिफेंस कॉरिडोर प्रमोशन
हाल ही में बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया शो 2021 के जरिए उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए निवेशकों ने 45,00 करोड़ रुपए के 13 नए इन्वेस्टमेंट के रास्तों को खोला है. इसमें डिफेंस सेक्टर के लिए गोला बारूद के निर्माण के लिए 24,00 सौ करोड़ के साथ एसएमटीपी प्राइवेट लिमिटेड आगे आई है, जो कॉम्बूस्टिबल कंपोनेंट्स और बैलेस्टिक मटेरियल का निर्माण करेगी.
वहीं पीटीसी इंडस्ट्रीज भी 220 करोड रुपए का निवेश करेगी. इसके अलावा नाइट्रो डायनेमिक एयरोस्पेस एंड डिफेंस प्राइवेट लिमिटेड उत्तर प्रदेश में 600 करोड़ रुपए का इन्वेस्टमेंट करने वाली है. साथ ही ऑप्टिक इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया लिमिटेड भी यूपी में 800 करोड़ रुपए का निवेश करेगी और एमके यू लिमिटेड उत्तर प्रदेश में 200 करोड़ रुपए का निवेश करेगी. इसके साथ ही कल्याणी स्ट्रैटेजिक सिस्टम लिमिटेड भी उत्तर प्रदेश में 200 करोड़ रुपए का निवेश करेगा.
इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार लखनऊ में डेफएक्सपो 2020 की मेजबानी कर चुकी है. उत्तर प्रदेश में हुआ यह आयोजन देश का अब तक का सबसे अच्छा डिफेंस एक्स्पोज़र रहा है. आने वाले समय में उत्तर प्रदेश देश के लिए एक बेहतरीन डिफेंस इंडस्ट्रियल हब बनने को तैयार है. इस डेफएक्सपो के जरिए उत्तर प्रदेश में डिफेंस सेक्टर से जुड़ी कंपनियों ने 50 हज़ार करोड रुपए का निवेश किया. इसके साथ ही कुल 20 हजार एमओयू भी साइन हुए. कोरोना महामारी के बावजूद भी डेफएक्सपो के दौरान कई बंधन इवेंट साइन किए गए.
डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 5 हजार हेक्टेयर जमीन
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार यूपी में 5 हजार हेक्टेयर से अधिक जमीन पर डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने की योजना बना रही है, इसके लिए यूपी सरकार ने 3,796 हेक्टेयर जमीन की पहचान भी कर ली है. इसके साथ ही कुल 1369 हेक्टेयर भूमि का मूल्यांकन भी किया गया है. झांसी, चित्रकूट और अलीगढ़ में जमीनों का अधिग्रहण भी किया जा चुका है. अलीगढ़ में तो इन जमीनों को कुछ इच्छुक कंपनियों को भी आवंटित कर दिया गया, जो अपना प्लांट यहां लगाना चाह रही थीं. इसके साथ ही और भी कंपनियों को जमीन आवंटित करने का कार्य प्रगति पर है.
'आत्मनिर्भर भारत' की ओर यूपी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के सपने को सच करने के लिए, उत्पादन से जुड़े क्षेत्र को प्रोत्साहित करने के लिए कई बेहतरीन नीतियां बनाई गई हैं. इसके साथ ही राज्य सरकार भी इस तरह की नीतियों में सक्रिय रूप से भाग ले रही हैं और उन्हें बढ़ावा दे रही है. उदाहरण के लिए हम आपको बता दें, हाल ही में शुरू की गई इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी 2020 प्रोडक्शन से जुड़े कंपनियों को प्रोत्साहन देती है. इसी तरह से भविष्य के लिए भी 7 मेगा टेक्सटाइल पार्कों की योजना बनाई जा रही है. योगी सरकार ने कानपुर और गोरखपुर में ऐसे दो पार्कों के लिए पिच भी बना दी है. राज्य सरकार का 2020-21 का बजट औद्योगिक बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने का काम कर रहा है. उत्तर प्रदेश को इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए राज्य की योगी सरकार पूरे प्रदेश में नए इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क, चमड़ा पार्क जैसे कई सरकारी योजनाएं तेजी से लागू कर रही है.
कई देशों के निवेशक उत्तर प्रदेश में कर रहे हैं निवेश
राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए 77 से अधिक निवेशकों को अपनी ओर आकर्षित किया है. जिसमें जापान, अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर जैसे देशों से लगभग 10 कंपनियों ने उत्तर प्रदेश में निवेश करने की इच्छा जाहिर की है. इन सभी कंपनियों ने लगभग 57,000 करोड रुपए के निवेश की इच्छा जाहिर की है. राज्य सरकार ने निवेशकों को जमीन भी आवंटित करनी शुरू कर दी है. इसके लिए अभी तक कुल मिलाकर लगभग 1004 एकड़ का 1480 भूखंड आवंटित कर दिया गया है. सरकार का मानना है कि इससे प्रदेश में लगभग दो लाख रोजगार की संभावनाएं बनेंगी और उत्तर प्रदेश के युवाओं को उनके राज्य में ही रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.
2018 में आयोजित यूपी इन्वेस्टर्स समिट में 4.28 लाख करोड रुपए का निवेश
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 2018 में 'यूपी इन्वेस्टर्स समिट' का आयोजन किया था, इस आयोजन के जरिए उत्तर प्रदेश में 4.28 लाख करोड रुपए के निवेश को योगी सरकार लाने में कामयाब हुई थी. जिसमें से दो लाख करोड़ रुपए के निवेश पर फिलहाल सक्रिय रूप से काम चल रहा है. जो यूपी में रोजगार देने के बड़े साधन बन सकते हैं. इसके साथ ही आपको बता दें प्रदेश में इस वक्त 211 परियोजनाएं 50,756 करोड़ के वित्तीय सहायता के साथ-साथ 12 लाख 7 हजार रोजगार भी पैदा कर रही हैं. जबकि यूपी में इस वक्त 3,5,863 करोड़ के साथ 122 परियोजनाएं आने वाले समय में 20,5000 संभावित रोजगार पैदा करेंगी.
एमओयू सुविधा के लिए डिजिटल ट्रैकिंग पोर्टल
राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश में एमओयू सुविधा के लिए डिजिटल ट्रैकिंग पोर्टल की सुविधा उपलब्ध कराई है. इसके जरिए निवेशकों, नोडल विभागों और नोडल अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी रहेगी, इसके साथ ही इससे संबंधित लोग ऑनलाइन एमओयू ट्रैक भी कर सकते हैं.
अनुकूल बिजनेस एनवायरनमेंट
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हर हाल में अपने निवेशकों को यहां व्यापार करने में सुविधा देना चाहती है. इसके लिए योगी सरकार ने राज्य में बिजनेस एनवायरमेंट के लिए कई बड़े सुधार किए हैं. इन्हीं सुधारों की वजह से भारत सरकार द्वारा रैंकिंग जारी करने वाली (DPIIT) के तहत उत्तर प्रदेश पिछले 3 सालों में 12 स्थानों की छलांग लगाते हुए इस वक्त दूसरे स्थान पर स्थापित हो गया है. इसके साथ ही योगी सरकार ने व्यापार से संबंधित श्रम विनियमन, निरीक्षण विनियम, भूमि आवंटन, संपत्ति पंजीकरण, पर्यावरण मंजूरी और भुगतान कर जैसे कई सुधारों समेत 186 सुधारों को लागू किया है. इसके साथ ही योगी सरकार ने कई डिजिटल पोर्टल भी बनाए हैं जिनके माध्यम से एनओसी, लाइसेंस, फाइलिंग, रिटर्न जैसी समस्याओं का निपटारा जल्द से जल्द किया जा सके.
पॉलिसी सपोर्ट
उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने यहां निवेशकों को सुविधा देने के लिए अपनी पॉलिसी सपोर्ट में भी कई सुधार किए हैं, जिनमें उद्यमशीलता, मेक इन यूपी जैसे कई सुधारों को बढ़ावा भी दिया गया है. इसके साथ ही भूमि सब्सिडी, इन्वेस्टमेंट सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी आदि जैसे कई शानदार पॉलिसी सपोर्ट सिस्टम बनाए गए हैं. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने 20,000 करोड़ रुपए के निवेश के साथ ढाई सौ मेगावाट क्षमता वाले एक डाटा सेंटर के नीति की शुरुआत भी की है.
भूमि सुधार
योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में निवेशकों को सुविधा देने के लिए भूमि सुधार भी किए हैं, जिसके जरिए अब सिंगल विंडो पोर्टल के माध्यम से सभी प्रमुख औद्योगिक विकास प्राधिकरण मे भूमि को ऑनलाइन आवंटित किया जाएगा. इससे तय समय पर भूमि आवंटित करने में मदद मिलेगी. इसेक साथ 'निवेश मित्र' पोर्टल को अब इंडस्ट्रियल इनफार्मेशन सिस्टम और पोर्टल ऑफ गोल के साथ अपडेट कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक विकास के लिए एक्सप्रेस वे के साथ लगभग 22,000 एकड़ भूमि की पहचान की है जिस के उपयोग के लिए उसने क्षेत्रीय नियमों में संशोधन भी किए हैं.
इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम 1976 में संशोधन कर एक ऐसा कानून बना दिया है जिसके तहत अगर अलॉट की गई जमीन पर 5 वर्षों तक कोई काम नहीं किया गया तो उसके अलॉटमेंट को तुरंत रद्द कर दिया जाएगा. इसेक साथ ही उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा समस्या आती थी खेती की जमीन को इंडस्ट्रियल जमीन बनाने में जिसके लिए अब योगी सरकार ने भूमि पूलिंग नीति के जरिए इस नियम को आसान बना दिया है. इसके अलावा कृषि भूमि की खरीद सीमा को आसान बनाने के लिए राजस्व संहिता में भी संशोधन किया गया है.
इंडस्ट्रियल रिफॉर्म्स
निवेशकों और औद्योगिकीकरण के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक समर्पित एजेंसी 'इनवेस्ट यूपी' की स्थापना की है, इसका काम होगा कि यह निवेशकों की सुविधा और उन्हें संभालने का काम करे. यह एजेंसी निवेशकों की हर सुविधा पर नजर रखेगी और वक्त रहते उन्हें पूरा करने में मदद करेगी. इसके साथ ही राज्य सरकार ने कई सहायता केंद्रों का भी निर्माण किया है जो निवेश के इरादे से उत्तर प्रदेश में आने वाली कंपनियों की मदद करेंगी.
अब योगी सरकार सरकारी प्रिंटिंग प्रेस को भी पहले से मजबूत बनाने पर काम कर रही है, इसके लिए उसने नई तकनीक को उच्च गुणवत्ता की कागजात और हाई टेक्नोलॉजी के गैजेट्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है. इसके साथ ही योगी सरकार अब इंस्टिट्यूट ऑफ टूल रूम ट्रेनिंग जोकि 1981 में जर्मनी और गोल के सहयोग से लखनऊ में बनाया गया था उसका पुनरुद्धार तेजी से करा रही है.
उत्तर प्रदेश में फिलहाल इतने प्रोजेक्ट चल रहे हैं
उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने पिछले कुछ सालों में यूपी को इंडस्ट्रियल हब बनाने के लिए काफी बेहतरीन प्रयास किए हैं जिसके चलते इस वक्त यूपी में कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इनमें एमएसएमई पार्क, इलेक्ट्रॉनिक्स पार्क, अपैरल पार्क, हैंडीक्राफ्ट पार्क जैसे कई बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं. इसके साथ ही राया अर्बन सेंटर और बाजना अर्बन सेंटर जैसे प्रस्तावित हेरिटेज सिटी और लॉजिस्टिक हब के साथ एक एकीकृत टाउनशिप की योजना भी बनाई गई है. योगी सरकार के प्रयासों से प्रदेश में लॉजिस्टिक्स डिफेंस डाटा सेंटर जैसे सेक्टर भी तेज गति से आगे बढ़ रहे हैं.
यूपी की योगी सरकार ग्रेटर नोएडा में जो 5000 हेक्टेयर में फैला झेवर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बना रही है, यह एयरपोर्ट उत्तर भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डे में से एक होगा. इस हवाई अड्डे पर कार्गो कंपलेक्स भी बनाए जाएंगे जो सामान को एक जगह से दूसरी जगह लाने और ले जाने में सहायक साबित होंगे, इससे व्यापार को गति मिलेगी.
योगी सरकार इसके साथ यमुना एक्सप्रेसवे, कलाम इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ टेक्नोलॉजी, बरेली में मेगा फूड पार्क, आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे, दिल्ली मेरठ लिंक एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसी कई बड़ी योजनाओं पर लगातार काम कर रही है.