आम आदमी की जेब पर बढ़ा बोझ, दुकानें भी हुईं कम, दिल्ली में शराब के शौकीनों को डबल झटका

विवादों से घिरी नई आबकारी नीति को एक महीने का विस्तार मिलने के बाद मंगलवार को दिल्ली में शराब की दुकानें खुल गई।

Update: 2022-08-03 03:09 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। विवादों से घिरी नई आबकारी नीति को एक महीने का विस्तार मिलने के बाद मंगलवार को दिल्ली में शराब की दुकानें खुल गई। सोमवार को एक दिन बंदी के बाद दोबारा दुकानें खुली तो शराब की किल्लत बरकरार रही।

दरअसल, एक महीने के विस्तार के बाद छह जोन में शराब खुदरा बिक्री का लाइसेंस रखने वाली कंपनियों ने अपना लाइसेंस विभाग को वापस कर दिया है। इससे दिल्ली में शराब की करीब 126 दुकानें और बंद हो जाएगी। दिल्ली में अब कुल 342 दुकानें खुलेगी। जबकि 31 जुलाई तक दिल्ली में 468 दुकानें चल रही थी।
आज से आएगा स्टॉक
सोमवार को अघोषित ड्राई डे के मंगलवार को दुकानें खुली तो ज्यादा दुकानें खाली थी। दरअसल आबकारी नीति को लेकर एक्सटेंशन होगा की नहीं इसे लेकर लाइसेंस रखने वाली कंपनियों में ऊहापोह की स्थिति थी। इस वजह स उन्होंने कोई नया स्टॉक नहीं खरीदा। आखिरी दिनों में शराब की जमकर हुईखरीददारी से स्टॉक में भी ज्यादा मॉल नहीं था। जनपथ पर शराब की दुकान पर तैनात विक्रेता ने कहा कि अभी तक पता नहीं था कि दुकान फिर खुलेगी। इसलिए अब बुधवार से स्टॉक आएगा। इसी तरह उत्तम नगर के मटियाला रोड पर स्थित दुकान पर भी लोग शराब के लिए आ रहे थे। लेकिन बेहत सीमित ब्रांड की शराब उपलब्ध थी।
छूट खत्म होने के बोर्ड लगे
दिल्ली में शराब की दुकानें विस्तार के बाद खुल तो गई हैं लेकिन छूट खत्म हो गई है। कई दुकानों पर मंगलवार को छूट नहीं होने का पोस्टर भी लगा दिया गया है। जिसमें लिखा था कि अब शराब पर कोई छूट नहीं मिलेगी। मटियाला रोड स्थित दुकान पर यह पोस्टर लगाया गया था। दिल्ली में पहले शराब पर 25 फीसदी तक की छूट मिल रही थी। कई जगह इससे ज्यादा भी छूट मिल रही थी। इसके चलते दुकानों पर कई बार भारी भीड़ भी उमड़ पड़ी थी।
पुरानी नीति में पुराने स्थानों पर दुकान खोलने की तैयारी
दिल्ली की नई आबकारी नीति को एक महीने का विस्तार देने के साथ, पुरानी शराब शराब नीति को लागू कराने के लिए सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। सूत्रों की मानें तो एक सितंबर से लागू होने वाली पुरानी शराब नीति में पुरानी जगहों पर दुकानें खोलने की तैयारी है। शराब दुकान चलाने वाले सरकारी विभागों ने इसे लेकर उन संपत्तियों को लेकर उसके मालिकों से बातचीत भी शुरू कर दी है। पुरानी शराब नीति में कुल 864 दुकान थीं, लेकिन पहले चरण में 475 सरकारी दुकान खुलेंगी।
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