कोरोना पीड़ित 15 दिन की बच्ची को भर्ती करवाने के लिए सात घंटे भटका पिता, किसी ने नहीं किया भर्ती, ट्विटर पर लगाई मदद की गुहार
नोएडा के निजी अस्पतालों ने कोरोना पीड़ित 15 दिन की बच्ची को सात घंटे तक भर्ती नहीं किया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नोएडा के निजी अस्पतालों ने कोरोना पीड़ित 15 दिन की बच्ची को सात घंटे तक भर्ती नहीं किया। आखिरकार शनिवार देर रात एक बजे नवजात को सेक्टर-30 स्थित बाल चिकित्सालय में भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। बेबस परिजनों ने ट्विटर पर मदद की गुहार भी लगाई थी। हीमोग्लोबिन कम होने के कारण बच्ची का इलाज पहले निजी अस्पताल में चल रहा था। वहां खून भी चढ़ाया गया।
बुखार आने पर बच्ची की कोविड जांच की गई। वह कोरोना संक्रमित मिली। शनिवार शाम छह बजे रिपोर्ट आने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने कोविड अस्पताल में इलाज कराने की बात कही। बच्ची के इलाज के लिए नोएडा के तीन निजी अस्पताल और दिल्ली के दो निजी अस्पतालों में परिजनों ने बात की, लेकिन किसी ने इलाज के लिए हामी नहीं भरी। बच्ची के पिता ने ट्विटर पर मदद की गुहार लगाई।
आखिरकार एक बजे रात को परिजनों ने बच्ची को सेक्टर-30 स्थित बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया। बच्ची में हीमोग्लोबिन की मात्रा छह है। लिहाजा अस्पताल में खून चढ़ाया जा रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील शर्मा ने बताया कि बाल चिकित्सालय प्रबंधन से भी बच्चों के इलाज का अनुरोध किया गया है। वहां इलाज शुरू कर दिया गया है।
बच्ची के पिता संदीप शर्मा ने कहा, 'बच्ची के पॉजिटिव आने के बाद हम लोग परेशान हो गए। कई निजी अस्पतालों में इलाज की गुहार लगाई लेकिन सभी ने मना कर दिया। इसके बाद सेक्टर-30 स्थित बाल चिकित्सालय में देर रात बच्ची को भर्ती कराया।'
तीन निजी अस्पतालों में हो रहा संक्रमितों का इलाज
नोएडा के तीन निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों का इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग खुद इसकी हामी भर चुका है। ऐसे में बच्ची को इलाज के लिए मना करने का एक कारण एनआईसीयू की व्यवस्था करना हो सकता है, क्योंकि निजी अस्पतालों के एनआईसीयू में सामान्य बीमारियों के मरीजों को भी भर्ती किया गया होगा। जहां कोरोना संक्रमित बच्ची का इलाज नहीं हो सकता है।