PM Cares for Children: कोरोना से माता-पिता खोए बच्चों के लिए सरकार ने की घोषणा, 2000 की जगह अब 4 हजार रुपये देगी सरकार, जानिए कैसे

कोरोना वायरस के संक्रमण से लाखों परिवार टूट कर बिखर गए हैं. कई बच्चे अपने पैरेंट्स को खो चुके हैं

Update: 2021-09-15 06:11 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। कोरोना वायरस के संक्रमण से लाखों परिवार टूट कर बिखर गए हैं. कई बच्चे अपने पैरेंट्स को खो चुके हैं. ऐसे बच्चों की मदद के लिए सरकार ने 'पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम' लॉन्च किया है. इसके तहत बच्चों को 2 हजार रुपये स्टाइपेंड मिलता है. लेकिन अब सरकार इस रकम को बढ़ा कर 4000 रुपये करने वाली है. केंद्रीय कैबिनेट अगले कुछ हफ्तों में इसकी आधिकारिक घोषणा करेगी.

पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 मई को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत ऐसे बच्चों को 2 हजार रुपए की सहायता राशि के साथ पढ़ाई-लिखाई और मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा देने की घोषणा की थी. अब इस स्कीम के तहत सहायता राशि में बढ़ोतरी का बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
मामले के जानकार एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्रालय ने ऐसे अनाथ बच्चों को मिलने वाले स्टाइपेंड को 4 हजार रुपये करने का प्रस्ताव दिया है. इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इस पर अगले कुछ हफ्तों में कैबिनेट की मुहर लग सकती है.
अभी तक 3250 लोगों ने किए आवेदन
महिला और बाल विकास मंत्रालय के दिए गए आंकड़े के अनुसार, केंद्र सरकार को पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन के लिए अब तक 467 जिलों से 3250 आवेदन मिले हैं. इनमें से विभिन्न राज्यों के जिला अधिकारियों ने 667 आवेदनों को अप्रूव कर दिया है. बाकी के ऐप्लिकेशन की स्क्रूटनी अभी प्रोसेस में है. यानी अब सरकार के पास आवेदन आने से शुरू गए हैं.
29 मई को पीएम ने की थी घोषणा
1. कोरोना के कारण माता-पिता खोने वाले बच्चों को सरकार 18 साल की उम्र तक मासिक भत्ता (स्टाइपेंड) देगी.
2. इसके तहत बच्चों के 23 साल के होने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपए की राशि एकमुश्त दी जाएगी.
3. केंद्र सरकार की तरफ से इन बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी.
4. इसके तहत बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए लोन मिलेगा, जिसका ब्याज पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा.
5. इन बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के तहत 18 साल तक 5 लाख रुपए तक का हेल्थ इंश्योरेंस मिलेगा.
6. इंश्योरेंस की प्रीमियम पीएम केयर्स फंड से भरी जाएगी.
7. दस साल से कम उम्र के बच्चों का नजदीकी सेंट्रल स्कूल या प्राइवेट स्कूल में एडमिशन कराया जाएगा.
8. जो बच्चे 11 से 18 वर्ष के बीच के हैं उन्हें सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय जैसे केंद्र सरकार के किसी भी आवासीय स्कूल में भर्ती कराया जाएगा.
9. अगर बच्चा अपने अभिभावक या परिवार के किसी अन्य सदस्य के साथ रहता है तो उसे भी नजदीकी केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में एडमिशन मिलेगा.
10. बच्चे का नामांकन निजी स्कूल में किया जाता है तो शिक्षा का अधिकार कानून के तहत उसकी फीस पीएम केयर्स फंड से दी जाएगी और उसकी स्कूल यूनिफॉर्म, किताब एवं कॉपियों के खर्च का भी भुगतान किया जाएगा.


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