दिल्ली। महंगाई (Inflation) में एक बार फिर आए उछाल के चलते भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की चिंता भी बढ़ने लगी है. ऐसे में आम आदमी को फिर से झटका लग सकता है. हम बात कर रहे हैं, महंगे कर्ज को लेकर. दरअसल, देश में खुदरा महंगाई (CPI) दर बीते महीने फिर बढ़कर 6.52% पर पहुंच गई. इसके चलते उम्मीद है रेपो रेट (Repo Rate) में एक और इजाफे की संभावना भी बढ़ गई है. RBI ने भी संकेत दिया है कि मुद्रास्फीति को लेकर काफी अनिश्चितता बनी हुई है. अगर केंद्रीय बैंक एक और सख्त कदम उठाती है, तो लोन की ईएमआई में फिर इजाफा हो जाएगा.
साफ शब्दों में कहें तो देश की जनता को महंगे कर्ज से राहत मिलती हाल-फिलहाल नजर नहीं आ रही है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने फरवरी की शुरुआत में बुलाई इस साल की MPC बैठक के बाद रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी (Repo Rate Hike) कर दी थी. हालांकि, महंगाई रिजर्व बैंक के दायरे में आ चुकी थी. मगर अब फिर से महंगाई तय लक्ष्य से ऊपर पहुंच गई तो पूरी संभावना है कि एक बार फिर RBI की ओर से ब्याज दरों में बढ़ोतरी का फैसला लिया जा सकता है.
वैश्विक अनिश्चितताओं के चलते महंगाई दर (Inflation Rate) में फिर से आए उछाल ने आरबीआई की चिंता भी बढ़ा दी है. बुधवार को जारी एमपीसी की बैठक के ब्योरे के मुताबिक, गवर्नर शक्तिकांत दास (Shakti Kant Das) ने इस दौरान जो संकेत दिए उनसे ऐसा कहा जा सकता है कि वो एक बार फिर से जनता को महंगाई का झटका दे सकते हैं. उन्होंने ब्योरा पेश करते हुए कहा भी है कि बढ़ती कीमतों और महंगाई के कारण मुद्रास्फीति को लेकर काफी अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है. उन्होंने कहा कि इसे काबू में करने के लिए आने वाले दिनों में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गुंजाइश बन रही है.
एक्सपर्ट्स ने भी इस बात की आशंका जाहिर की है कि अगली एमपीसी की बैठक में रिजर्व बैंक एक बार फिर रेपो रेट में 0.25 फीसदी या 25 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा कर सकता है. RBI अगर ये फैसला लेती है, तो फिर रेपो रेट बढ़कर 6.75 फीसदी पर पहुंच जाएगा. ये फैसला जनता पर कर्ज का बोझ बढ़ने वाला साबित होगा. रेपो रेट बढ़ने से होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन समेत सभी तरह के कर्ज महंगे हो जाएगे और ज्यादा ईएमआई भरनी होगी.