विज्ञान

बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों में आ रही कमजोरी, तो कैसे रखें ध्यान, जानिए क्या कहते है विशेषज्ञ

Gulabi
27 Oct 2020 11:39 AM GMT
बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों में आ रही कमजोरी, तो कैसे रखें ध्यान, जानिए क्या कहते है विशेषज्ञ
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बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। बढ़ती उम्र के साथ हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। इसे अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। जो आगे चलकर आर्थराइटिस की समस्या बनती है। हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. कहते हैं, आमतौर पर 30-35 साल तक हड्डियों की डेंसिटी बढ़ती है। इस समय जो लोग हेल्दी डाइट लेते हैं, उनकी बोन्स मजबूत बनी रहती हैं। अगर आप अपनी हड्डियों की सेहत पर ध्यान नहीं दे पा रहे तो कुछ खास टिप्स अपनाकर इसे स्ट्रॉन्ग बना सकते हैं।

हडि्डयों को मजबूत ये बातें ध्यान रखें

डाइट में मिल्क और मिल्क प्रोडक्ट को शामिल करें, इनसे कैल्शियम की कमी पूरी होती है।

दही, लस्सी, पनीर और हरी सब्जियों का अधिक इस्तेमाल करें। सर्दियों के दिनों में दही को हटा सकते हैं।

सर्दियों में भी फिजिकल एक्टिविटी बंद न करें। दोपहर में घर की छत या बालकनी में कम से कम एक घंटे की वॉक जरूर करें।

बाहर नहीं जा पा रहे हैं तो सीढ़ियों का इस्तेमाल करके भी अपनी बोन हेल्थ पर ध्यान दे सकते हैं।

हड्डियों को मजबूत बनाने में कैल्शियम के अलावा विटामिन-डी का भी बड़ा रोल है।

हफ्ते में कम से कम 2 से 3 बार 15 मिनट के लिए अलसुबह धूप में बैठें।

सूरज की रोशनी विटामिन-डी का एक बहुत अच्छा सोर्स है।

सर्दी में बढ़ती है आर्थराइटिस की समस्या

डॉ. कहते हैं, आजकल गठिया रोग से बहुत लोग परेशान हैं। गठिया दो तरह का होता है। पहला ऑस्टियो आर्थराइटिस और दूसरा रुमेटॉयड आर्थराइटिस। ऑस्टियो आर्थराइटिस बढ़ती उम्र वालों को अधिक होता है जबकि रुमेटॉयड आर्थराइटिस कम उम्र में भी हो जाता है, यह अनुवांशिक होता है। करीब 20 फीसदी यंगस्टर्स भी इससे परेशान हैं। घंटों एक ही स्थिति में बैठकर काम करना, बढ़ती धूम्रपान की आदत और तनाव इसके मुख्य कारण हैं।

डॉ. बताते हैं कि बढ़ती उम्र में सर्दियों में होने वाला यह रोग जोड़ों के घिसने व कमजोर होने के कारण होता है। मगर अब यह किसी भी उम्र और मौसम में हो सकता है। हडि्डयों के जोड़ों में यूरिक एसिड जमा होने से जोड़ों में संक्रमण हो जाता है।

ये लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं

जोड़ों में अकड़न व सूजन, तेज दर्द, जोड़ों से तेज आवाज आना, उंगलियों या दूसरे हिस्से का मुड़ने लगना जैसे लक्षण दिखने पर अलर्ट हो जाएं। बीमारी की शुरुआत में जोड़ों में अकड़न के साथ दर्द होना शुरू होता है। कुछ समय बाद जोड़ों में तेज दर्द होने लगता है और सूजन आने लगती है।

आर्थराइटिस के दर्द को ऐसे करें काबू

सबसे पहले शरीर के वजन को कंट्रोल करना जरूरी है। रोजाना वर्कआउट, रेग्युलर ट्रीटमेंट और फिजियोथैरेपी से आर्थराइटिस को कंट्रोल किया जा सकता है। गंभीर रोगियों को घुटने में इंजेक्शन देकर दर्द काबू किया जा सकता है।

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वजन कम करें। रोजाना एक्सरसाइज करें। सूर्योदय से पहले उठकर सैर करें और सुबह की धूप में जरूर बैठें। अधिक देर एक स्थिति में न बैठें। गुनगुना पानी और पौष्टिक आहार लें। फिर भी दर्द कंट्रोल नहीं होता है तो यूरिक एसिड की जांच कराएं और डॉक्टर से सलाह लें।

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