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हमें क्यों बीटरूट के रस को अपनी डायट में शामिल करना चाहिए?

Kiran
12 Jun 2023 4:12 PM GMT
हमें क्यों बीटरूट के रस को अपनी डायट में शामिल करना चाहिए?
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लट्टू की तरह दिखनेवाला चुकंदर यानी बीटरूट हमारे सलाद और सैंडविचेज़ का एक अहम हिस्सा बन गया है. पर क्या आप जानते हैं, इसे ठोस रूप में खाने पर जितने फ़ायदे मिलते हैं, इसका रस भी उतना ही लाभकारी होता है. तो आइए जानते हैं चुकंदर के पोषक तत्वों, सेहत से जुड़े फ़ायदों के बारे में.
चुकंदर के मूलस्थान और पोषक तत्वों को जान लें
चुकंदर एक प्रकार का कन्दमूल है. इसका मूल स्थान दक्षिण-पश्चिम एशिया और भूमध्य सागर के आसपास का इलाक़ा माना जाता है. इंसानी खानपान में इसका इस्तेमाल पिछले 2,000 वर्षों से किया जा रहा है. प्राचीन रोम और यूनान के लोग अपने भोजन में प्रचुर मात्रा में चुकंदर का उपयोग करते थे. यूनान के लोगों का विश्वास था कि चुकंदर रक्ति को शीतलता प्रदान करता है. ये लाल-जामुनी और सफ़ेद इन दो रंगों में पाए जाते हैं.
इसके पोषक तत्त्वों का विश्लेषण करें तो इसमें सबसे अधिक 83.8% पानी होता है. 1.7% पोटीन, 0.1% वसा, 13.6% कार्बोहाइड्रेट, 0.2% कैल्शियम, 0.06% फ़ॉस्फ़ोरस इसमें होता है. 100 ग्राम चुकंदर में 210 माइक्रोग्राम विटामिन बी1, 90 माइक्रोग्राम विटामिन बी2, 0.4 मिलीग्राम निकोटिन अम्ल और 8.8 मिलीग्राम विटामिन सी भी होता है.
अब पढ़ें, इस्तेमाल के तरीक़े और फ़ायदों के बारे में
चुकंदर को पचाना ज़रा कठिन होता है. यह तैलीय, शीतल, पौष्टिक और पित्त-नियंत्रक है. यह रक्त की गुणवत्ता में सुधार करता है. यह शरीर को लालिमा प्रदान कर उसमें नए जीवन का संचार करता है. चुकंदर में पाया जानेवाला ‘बेटिन’ नामक तत्त्व पेट और आंतों को स्वच्छ रखने में सहायता करता है.
चुकंदर का उपयोग सलाद के रूप में होता है. हमारे यहां चुकंदर का उपयोग बहुत कम किया जाता है, लेकिन विदेशों में चुकंदर के रस का भरपूर उपयोग किया जाता है और इसके गुणों का ख़ूब लाभ उठाया जाता है. चुकंदर से भरपूर मात्रा में पौष्टिक तत्त्व तभी उपलब्ध हो सकते हैं, जब रस के रूप में इसका सेवन किया जाए.
चुकंदर को पीस कर या कद्दूकस करके इसका रस निकाला जा सकता है. जूसर से भी इसका रस आसानी से निकाला जा सकता है. चुकंदर के रस को गाजर, गोभी, आम एवं पपीते के रस में भी मिलाया जा सकता है.
लोग बीमारी के बाद स्वास्थ्य-लाभ के दौरान पौष्टिकता की दृष्टि से चुकंदर के रस का ख़ूब इस्तेमाल करते हैं. नैचरोपैथी में कैंसर-रोगियों की चिकित्सा में चुकंदर के रस का इस्तेमाल किया जाता है. चुकंदर के रस का सेवन करने से अनेक मरीज़ों के वज़न में भी वृद्धि होती है. चुकंदर का रस हानिरहित एवं गुणकारी होता है. चूंकि यह अत्यधिक पौष्टिक होता है, इसलिए यह हर तरह की कमज़ोरी में उपयोगी साबित होता है. चुकंदर का रस ख़ून को भी शुद्ध करता है और शरीर को लालिमा प्रदान करता है.
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