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हृदय रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद तेजपत्ता, तनाव कम करने में भी सहायक
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हमारे किचन में प्रयोग में लाए जाने वाले ज्यादातर मसाले सेहत के लिहाजे से काफी फायदेमंद माने जाते हैं। आयुर्वेद में भारतीय मसालों को तमाम प्रकार के ऐसे गुणों से भरपूर बताया गया है जो कई गंभीर रोगों को खत्म करने की क्षमता रखते हैं। तेजपत्ता ऐसा है एक मसाला है जो हृदय रोगों के खतरे को कम करने में सहायक हो सकता है। अक्सर तड़के में इस्तेमाल किया जाने वाला तेजपत्ता भोजन के सुगंध और स्वाद को बढ़ाने के साथ कई सारे औषधीय गुणों के लिए भी प्रसिद्ध है। अध्ययनों से पता चलता है कि तेज त्ता में विटामिन ए और सी के साथ फोलिक एसिड, कैल्शियम, मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो सेहत के लिए काफी लाभदायक होते हैं।
तेजपत्ते के सेवन से होने वाले फायदों को जानने के लिए किए गए अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि यह मधुमेह और हृदय रोगों के खतरे को कम करने में सहायक हो सकता है। तेजपत्ते में कई ऐसे यौगिक पाए जाते हैं जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक हो सकते हैं। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ा हुआ स्तर हृदय रोगों के खतरे को भी बढ़ा देता है। आइए आगे की स्लाइडों में तेजपत्ता से सेहत को होने वाले फायदों के बारे में जानते हैं।
मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है तेजपत्ता
मधुमेह एक क्रोनिक बीमारी है जो समय के साथ विकसित होती है। यह कई प्रकार की अन्य बीमारियों का भी कारण बन सकती है। अध्ययन से पता चलता है कि तेजपत्ता, डायबिटीज रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद हो सकता है। जर्नल ऑफ क्लिनिकल बायोकैमिस्ट्री एंड न्यूट्रिशन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार 30 दिनों तक प्रतिदिन 1-3 ग्राम तेजपत्ते का सेवन करने से ब्लड शुगर के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। तेजपत्ता, इंसुलिन के स्तर में सुधार करने में सहायक माना जाता है।
हृदय रोग में तेजपत्ता के लाभ
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक जिन लोगों को हृदय से संबंधित रोग हों, उनके लिए तेज पत्ते का सेवन काफी फायदेमंद हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि तेजपत्ता में कैफिक एसिड और रुटिन जैसे कार्बनिक यौगिक होते हैं जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। तेजपत्ते का सेवन गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने के साथ बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने में भी सहायक हो सकता है।
पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है तेजपत्ता
अध्ययनों से पता चलता है कि तेजपत्ता गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सिस्टम पर मजबूत प्रभाव डाल सकता है। शरीर की विषाक्तता को कम करने के साथ पाचन तंत्र को मजबूती देने में भी इसके काफी लाभदायक माना जाता है। तेजपत्ते में पाए जाने वाले कार्बनिक यौगिक पेट की खराबी को दूर करने के साथ और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने में सहायक हो सकते हैं।
तेजपत्ते में मौजूद एंजाइम पाचन को मजबूती देते हैं।
तनाव को कम करने में है सहायक
कई अध्ययनों से पता चलता है कि तेजपत्ते में कई ऐसे गुण होते हैं जो तनाव को आसानी से प्रतिबंधित करने में सहायक हो सकते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक तेज पत्ते में लिनालूल नामक एक रसायन पाया जाता है जो शरीर में तनाव पैदा करने वाले हार्मोन के स्तर को कम करने में मददगार है। तेजपत्ता, आपको शांत महसूस कराने के साथ चिंता और अवसाद के लक्षणों को कम करने में भी सहायक हो सकता है।