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थायरॉयड मेटाबॉलिज्म के लिए आवश्यक, कैसे हो सकता है शरीर के लिए नुकसानदायक
थायरॉयड का नाम सुनते ही लगता है यह कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या है, पर क्या वास्तव में ऐसा ही है? क्या आप जानते हैं कि थायरॉयड असल में कोई बीमारी नहीं है, बल्कि यह हमारे गले में मौजूद एक ग्रंथि है जो ऐसे आवश्यक हार्मोन्स रिलीज करती है जो शरीर में बड़ी आवश्यक भूमिका निभाते हैं। मेटाबॉलिज्म से लेकर शरीर के कई कार्यों को बेहतर तरीके से अनवरत होते रहने के लिए इसकी आवश्यकता होती है। तो अब सवाल उठता है कि जब ये शरीर के लिए इतनी आवश्यक है तो इसे विकार क्यों कहा जाता है?
असल में थायरॉयड एक तितली के आकार की ग्रंथि है जो गर्दन के सामने की ओर स्थित होती है। थायरॉयड तब तक समस्याकारक नहीं है जब तक इसमें से होने वाला हार्मोनल रिलीज सामान्य रहता है। यह समस्या तब पैदा करती है जब हार्मोन्स का स्राव बहुत कम या ज्यादा हो जाता है। कई कारणों से लोगों में थायरॉयड विकार बढ़ते जा रहे हैं। इस बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 25 मई को वर्ल्ड थायरॉयड डे मनाया जाता है।
आइए इस समस्या के बारे में आगे विस्तार से समझते हैं।
थायरॉयड विकार के बारे में जानिए
थायरॉयड विकार ऐसी स्थितियां हैं जो थायरॉयड ग्रंथि को प्रभावित करती हैं, जिससे इससे स्रावित होने वाले हार्मोंन्स में दिक्कत आने लगती है। थायरॉयड ग्रंथि से जब थायरॉयड हार्मोन का उत्पादन कम होने लगता है तो इसे हाइपोथायरायडिज्म कहा जाता है, वहीं अगर इसका उत्पादन आवश्यकता से अधिक होने लगे तो इसे हाइपरथायरायडिज्म की समस्या कहा जाता है।
इन स्थितियों में, जब आपका थायरॉयड ठीक से काम नहीं करता है, तो यह आपके पूरे शरीर को प्रभावित कर सकती है।
थायरॉयड विकार के क्या लक्षण होते हैं?
थायरॉयड विकार के लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि आपको हाइपरथायरायडिज्म की समस्या है या फिर हाइपोथायरायडिज्म की।
हाइपोथायरायडिज्म की समस्या वाले लोगों में थकान, ठंड के प्रति अधिक संवेदनशीलता होने के साथ, वजन बढ़ने-फूला हुआ चेहरा, मांसपेशियों में कमजोरी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं।
वहीं जिन लोगों को हाइपरथायरायडिज्म की दिक्कत होती है उनमें अक्सर, चिंता, ध्यान देने में कठिनाई के साथ, थकान, बालों के झड़ने, हाथ कांपने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
स्थिति के सही निदान के लिए डॉक्टर से मिलना आवश्यक माना जाता है।
थायरॉयड विकार होते क्यों हैं?
थायरॉयड की समस्या के कई कारण हो सकते हैं जैसे -आयोडीन की कमी या ऑटोइम्यून डिजीज, जिसमें प्रतिरक्षा प्रणाली थायरॉयड ग्रंथि पर हमला कर देती है। इसके अलावा थायराइडाइटिस की स्थिति जो थायरॉयड ग्रंथि में सूजन का कारण बनती है, इसे भी एक कारण माना जाता है। थायराइडाइटिस आपके थायरॉयड द्वारा उत्पादित हार्मोन की मात्रा को भी कम कर सकती है।
थायरॉयड विकारों का इलाज और बचाव
जिन लोगों में थायरॉयड विकारों की निदान होता है उन्हें डॉक्टर कुछ दवाइयां दे सकते हैं, इससे समस्या को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके अलावा लाइफस्टाइल और आहार में कुछ बदलाव करके भी इसके जोखिमों को कम करने या थायरॉयड विकारों से बचाव में मदद मिल सकती है।
धूम्रपान से निकलने वाले विषाक्त पदार्थ थायरॉयड ग्रंथि को अति संवेदनशील बना सकते हैं जिससे थायरॉयड विकार हो सकता है। इसे तुंरत छोड़ दें।
तनाव को कम करें, इससे भी आपकी दिक्कतें बढ़ सकती हैं।
आहार में आयोडीन की संतुलित मात्रा सुनिश्चित करें।
सेब, नाशपाती, आलूबुखारा और खट्टे फल पेक्टिन से भरपूर होते हैं, जो शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करते हैं।