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दिल को मजबूत बनाने के लिए फायदेमंद हैं ये योगासन, जानिए करने का तरीका

Renuka Sahu
29 Sep 2021 6:14 AM GMT
दिल को मजबूत बनाने के लिए फायदेमंद हैं ये योगासन, जानिए करने का तरीका
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फाइल फोटो 

इन दिनों छोटी सी उम्र में लोगों को दिल संबंधी परेशानी के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। इन दिनों छोटी सी उम्र में लोगों को दिल संबंधी परेशानी के कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आज यानी 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ड डे है। ऐसे में हम आपको कुछ ऐसे योग आसन बताने वाले हैं, जिन्हें आप रोजाना कर सकते हैं। ये आसन दिल स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं। आइए जानते हैं।

1) ताड़ासन
दिल की मांसपेशियों को मजबूत बनाने के साथ मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाकर तनाव कम करता है। ताड़ासन को करने के कई फायदे हैं जैसे ये रीढ़ संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में कारगर है। इसे नियमित तौर पर करने से ये शरीर की पॉजिशन ठीक रखता है। इसके अलावा जांघ, घुटने और एड़ियां मजबूत बनती हैं। कई बुजुर्गों और इन दिनों युवाओं में पैरों में लड़खड़ाहट की समस्या देखी गई है। ऐसे में रोजाना इस आसन को करने से ये दिक्कत दूर होती है। हालांकि अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर, चक्कर, पैरों की नसों में सूजन की शिकायत हो तो इस आसन को न करें।
कैसे करें
स्टेप 1
इसे करने के लिए फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं। पैरों के बीच दो इंच की दूरी रखें और हाथों को कंधे तक उठाएं।
स्टेप 2
हथेलियों को सामने रखकर दोनों हाथों की उंगलियों को आपस में गूथें, फिर धीरे से कलाइयों को बाहर की तरफ मोड़ें।
स्टेप 3
सांस अंदर लेते हुए हाथों को कंधे की सीध में उठाएं और सिर के ऊपर ले जाएं, एड़ियां उठाते हुए पंजों के बल पर खड़े हो जाएं।
स्टेप 4
10-15 सेकेंड इस आसन में रहें और सांस लें और फिर छोड़ें। सांस बाहर छोड़ते हुए धीरे-धीरे एड़ी जमीन पर ले जाएं, उंगलियां खोलते हुए हाथ नीचे करें और सीधे खड़े हो जाएं।
2) मंडुकासन
ये आसन छाती की मांसपेशियों को खोलता है, जिससे ब्लड फ्लो में धमनियों पर ज्यादा दबाव नहीं पड़ता और ब्लड प्रेशर कम होता है। ये आसन इंसुलिन के उत्पादन को बढ़ावा देकर ब्लड शुगर को सामान्य रखता है। इसके अलावा ये मस्तिष्क में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ाकर तनाव का स्तर भी घटाता है। लेकिन अगर आपको घुटनों और कमर में दर्द की शिकायत हो या पेट की सर्जरी हुई हो तो मंडुकासन डॉक्टर की सलाह पर करें।
कैसे करें
स्टेप 1
फर्श पर घुटनों के बल इस तरह बैठें कि दोनों पैर के अंगुठे आपस में मिले हों।
स्टेप 2
दोनों हाथों के अंगुठों को अंदर दबाकर मुट्ठी बांधें। फिर मुट्ठी को एक-दूसरे से सटाकर नाभी के पास रखें।
स्टेप 3
अब सांस बाहर छोड़ते हुए शरीर को धीरे-धीरे आगे की ओर झुकाएं। इसे करने के लिए छाती को घुटने से लगाएं।
स्टेप 4
इस पॉजिशन में थोड़ी देर रहने के बाद धीरे-धीरे सीधे हो जाएं। इसे 3 या फिर 5 बार करें।
3) कटिचक्रासन
दिल संबंधी परेशानी से दूर रखता है ये आसन। इसे करने से रक्त प्रवाह स्मूद बनाता है। साथ ही ये आसन कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी लाकर हार्ट अटैक से बचा कर रखता है। अगर आप कमर और उसके आसपास के हिस्सों में जमी चर्बी घटाने का सोच रहे हैं तो ये आसन काफी असरदार है। रोजाना इसकी प्रेक्टिस करने से रीढ़ को लचीला बनाए रखने में मदद मिलती है और कब्ज की समस्या दूर होती है। ये आसन ब्लड शुगर को भी नियंत्रित रखता है। अगर आपके पेट का ऑपरेशन हुआ है या आपको स्लिप डिस्क की शिकायत है तो इस आसन को न करें।
कैसे करें
स्टेप 1
इस आसन को करने के लिए फर्श पर सीधे खड़े हो जाएं और पैरों को कंधे की चौड़ाई जितनी दूरी पर रखें।
स्टेप 2
हाथों को धीरे-धीरे सामने की ओर लेकर आएं और हथेलियों को एक-दूसरे के सामने रखें।
स्टेप 3
अब सांस छोड़ते हुए बाईं ओर इस तरह मुड़ें कि दाएं हाथ की हथेली बाएं कंधे को छूएं।
स्टेप 4
कुछ देर इसी पोज में रुकें और फिर सांस अंदर लेते हुए धीरे-धीरे सामने की ओर आ जाएं।
स्टेप 5
सांस छोड़ते हुए दाईं ओर इस तरह मुड़ें कि बाएं हाथ की हथेली दाएं कंधे को छू जाए।
स्टेप 6
कुछ देर इसी पोज में रुकने के बाद सांस अंदर लेते हुए सामने की ओर आएं। फिर हाथ नीचे ले जाएं।
4) वज्रासन
ये आसन स्ट्रेस हार्मोन 'कॉर्टिसोल' के फ्लो को घटाकर ब्लड फ्लो को स्मूद बनाता है। ये दिल की गति को भी नियंत्रित रखता है। इसे करने से जांघों और पिंडलियों की नसें-मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इसे करने से पाचन तंत्र अच्छा रहता है और पीठ-पैर दर्द में आराम मिलता है। रीढ़ की हड्डी सीधी रखने में मदद करता है। अगर आपके घुटनों में दर्द है या टखने में चोट लगी हो तो वज्रासन न करें। साथ ही बवासीर के मरीज भी इस आसन को करने से बचें।
कैसे करें
स्टेप 1
फर्श पर दोनों पैर सामने की ओर फैलाकर सीधे बैठ जाएं।
स्टेप 2
दोनों हाथों को कुल्हों के पास ले जाकर फर्श पर टिकाएं। ध्यान दें कि इस दौरान शरीर का पूरा भार हाथों पर न आए।
स्टेप 3
अब पहले दायां, फिर बायां पैर मोड़कर कूल्हे के नीचे रखें। सुनिश्चित करें कि दोनों जांघें और पैर के अंगुठे आपस में मिले हुए हों।
स्टेप 4
दोनों हाथों को घुटनों पर रखें और ठोड़ी फर्श के समानांतर होनी चाहिए। इसके बाद रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हुए शरीर को ढीला छोड़ दें।
स्टेप 5
आंखें बंद कर सांस लें और छोड़ें। इस आसन में कम से कम 5-10 मिनट रहें।
स्टेप 6
इसके बाद शरीर को दाईं ओर झुकाते हुए बाएं पैर को और बाईं ओर झुकाते हुए दाएं पैर को आगे करें और रिलेक्स करें।


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