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प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में हॉर्मोनल बदलाव होते हैं जिसकी वजह से कई तरह की शारीरिक व मानसिक समस्याएं देखने को मिलती हैं। पीठ दर्द, गले-कंधे में दर्द, ब्लोटिंग, वजन बढ़ना, बालों का झड़ना, पैरों में सूजन इनमें सबसे आम समस्याएं हैं। जिनके लिए हर बार दवाइयां नहीं खा सकते, क्योंकि ये आपके साथ होने वाले बच्चे की सेहत के लिए भी नुकसानदायक होते हैं। लेकिन एक्सरसाइज की मदद से आप काफी हद तक सेहत से इन समस्याओं में राहत पा सकती हैं। हल्की-फुल्की एक्सरसाइज़ और स्ट्रेचिंग मां के साथ होने वाले बच्चे के लिए भी कई तरह से फायदेमंद होती है।
गर्भावस्था में योग के फायदे
गर्भावस्था में बहुत ज्यादा भागदौड़ वाली एक्सरसाइज करने की गलती बिल्कुल न करें। वर्कआउट्स के ऐसे ऑप्शन चुनें, जो बिना थकाए आपको इन तकलीफों से राहत दिलाए। जिसके लिए बेस्ट है योग। प्रेग्नेंसी में रोजाना योग करने से बॉडी को एनर्जी मिलती है। शरीर की अकड़न दूर होती है। किसी प्रकार का दर्द है, तो वो भी दूर होता है। सबसे जरूरी बॉडी की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है जो डिलीवरी के दौरान होने वाले दर्द को कम करने में फायदेमंद होता है।
गर्भावस्था में फायदेमंद हैं ये योग
1. सीटेड साइड स्ट्रेचिंग
ये बहुत ही कारगर स्ट्रेचिंग है। जो कमर के साथ पीठ के दर्द से राहत दिलाता है। बस ध्यान रखें कि बहुत ज्यादा न झुकें। क्योंकि इससे नसें खिंच सकती हैं।
कैसे करें
- पैरों को सामने की ओर फैलाकर बैठ जाएं।
- इसके बाद बाएं पैर को मोड़ते हुए दाएं पैर की थाइज़ के पास रखें।
- लंबी गहरी सांस भरते हुए जो दाएं हाथ से दाएं पैर के अंगूठे को पकड़े और बाएं हाथ को ऊपर से ले आते हुए दाएं हाथ की कलाई को पकड़ें। अगर आप कंफर्टेबल हैं, तो बाएं हाथ से दायां पैर भी पकड़ सकती हैं। अपने कंफर्ट के हिसाब से इस स्थिति में रूकी रहें फिर दूसरे साइड से ये एक्सरसाइज करें।
2. बटरफ्लाई
बटरफ्लाई एक्सरसाइज पेल्विक एरिया को खोलने का काम करती है, जो नॉर्मल डिलीवरी में फायदेमंद साबित होती है। इसके साथ ही ये पीठ व थाईज़ को स्ट्रॉन्ग व फ्लेक्सिबल बनाने का भी काम करती है।
कैसे करें
- आरामदायक अवस्था में नीचे जमीन पर बैठ जाएं। पैरों के पंजों को आपस में जोड़ लें।
- हाथों से पंजों को अच्छी तरह लॉक कर लें।
- अब धीरे-धीरे थाइज़ को ऊपर ले जाएं फिर नीचे ले आएं। कोशिश करें नीचे आते हुए थाइज जमीन को छूए।
3. स्क्वॉट
स्क्वाट नॉर्मली तो फायदेमंद है ही लेकिन प्रेग्नेंसी में और ज्यादा फायदेमंद होता है। स्क्वाट्स की रोजाना प्रैक्टिस से ग्रोइन एरिया स्ट्रॉन्ग होता है जिसकी वजह से डिलीवरी के दर्द को कम करने में मदद मिलती है।
कैसे करें
- हाथों को आपस में जोड़ लें। पैरों के बीच कंधों या उससे थोड़ा और ज्यादा गैप बना लें।
- अब धीरे-धीरे थाइज़ पर प्रेशर देते हुए बैठना है, कुछ सेकेंड रूकें फिर उठ जाएं।
- ऐसे ही कम से कम 10 बार करें।
गर्भावस्था में स्ट्रेचिंग के फायदे
1. हल्की- फुल्की स्ट्रेचिंग से प्रेग्नेंसी में पैरों में होने वाले दर्द से राहत मिलती है।
3. स्ट्रेचिंग करने से पीठ, कमर दर्द व हिप्स में होने वाला दर्द भी काफी कम रहता है।
4. स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियों की अकड़न दूर होती है, फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ती है।
6. प्रेग्नेंसी में स्ट्रेचिंग से बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन अच्छा रहता है।
7. स्ट्रेचिंग करने से नींद अच्छी आती है और मूड भी सही रहता है।
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Apurva Srivastav
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