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स्टेप नंबर 1: ख़ुद को बेहतर ढंग से हाइड्रेट करें
हाइड्रेशन मतलब है शरीर में पानी की मात्रा. पानी हमारे शरीर का एक महत्वपूर्ण घटक है. जब आप आयुर्वेदिक तरीक़े से अपना फ़िटनेस गोल पाना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले पानी की मदद से अपने शरीर की क्लीनिंग करनी होती है. और इसके लिए आपको ख़ूब गुनगुना पानी पीना चाहिए. ऐसा करने से शरीर से विषाक्त पदार्थ बाहर निकल जाते हैं.
स्टेप नंबर 2: आयुर्वेदिक दिनचर्या अपनाएं
अपने दिन की शुरुआत टंग स्क्रैपिंग यानी जीभ छीलने से करें. उसके बाद ऑयल पुलिंग यानी तेल से कुल्ला करें. उसके बाद ड्राय ब्रशिंग और अंत में अभ्यंग अर्थात बॉडी मसाज करें.
सुबह इस आयुर्वेदिक दिनचर्या के साथ शुरुआत करने के कई फ़ायदे हैं, जैसे शरीर का डीटॉक्सिफ़िकेशन तो होता ही है, साथ ही पीएच बैलेंस होता है, ब्लड सर्कुलेशन सुधरता है और गहराई तक पोषण मिलता है.
स्टेप नंबर 3: डीटॉक्सिफ़ाइंग डायट आज़माएं
ताज़ी सब्ज़ियां, फल और ड्राय फ्रूट्स खाएं. अपनी डायट में तीखे, कसैले और खट्टे इन स्वादों को जोड़ें. खिचड़ी, दलिया, सूप और सलाद जैसी हल्की-फुल्की चीज़ें खानपान में शामिल करें. इससे पाचन दुरुस्त होता है. वसा, शक्कर, हाइड्रोजेनेटेड ऑयल्स, नमक और ज़्यादा कैलोरीज़ से भरपूर चीज़ों से सुरक्षित दूरी बनाएं.
स्टेप नंबर 4: योग डीटॉक्स
योग आपके शरीर के कायाकल्प में बेहद सहायक है. नियमित रूप से और सही ढंग से योग करने पर आपके शरीर के उन सभी माध्यमों को मदद मिलती है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करते हैं, मसलन-त्वचा, लिवर, किडनी, कोलन, रक्त, लिम्फ़ैटिक सिस्टम और फेफड़े. इतना ही नहीं योग कोशिकाओं के मेटाबॉलिज़्म को बढ़ाने में मददगार है.
स्टेप नंबर 5: आयुर्वेदिक औषधियों का इस्तेमाल
आयुर्वेद चमत्कारी औषधियों से समृद्ध है. इसमें अनेकों ऐसी जड़ी-बूटियां हैं, जो हमारे पाचनतंत्र को सुधारने से लेकर, शरीर में वात, पित्त और कफ के दोषों का निवारण करती हैं. भुम्याअमलाकी, कुटकी, नीम, गुडुची जैसी जड़ी-बूटियों और हल्दी, अदरक, दालचीनी, काली मिर्च जैसे मसाले हमारे शरीर को डीटॉक्सिफ़ाई करने में बेहद महत्वपूर्ण साबित होते हैं. इन औषधियों और मसालों में ख़ूब सारा ऐंटी-ऑक्सिडेंट होता है, जिससे ये हमारे शरीर को विभिन्न बीमारियों से बचाने का काम करते हैं. इनके साथ आंतों की साफ़-सफ़ाई करनेवाले हर्ब्स, जैसे-अमालकी, हरितकी, बिभीटकी, त्रिवृत (निशोथ) के सेवन शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी निकालता है. इससे पाचनतंत्र का स्वास्थ्य बेहतर होता है.
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