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Lifestyle: बच्चों को जरूरत से ज्यादा दूध पिलाने से उनकी सेहत पर पड़ सकता है उल्टा असर
हेल्थ न्यूज़: बच्चों की सेहत को लेकर हर माता-पिता की प्रायोरिटी होती है कि उनका बच्चा तंदुरुस्त और हेल्दी रहे. अधिकतर अभिभावकों का मानना है कि बच्चों को ज्यादा दूध पिलाने से वे मजबूत और हेल्दी बनते हैं. लेकिन यह आदत बच्चों की सेहत पर उल्टा असर डाल सकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि पांच वर्ष तक के बच्चों को दिनभर में 300 मिलीलीटर (एमएल) दूध पर्याप्त होता है, लेकिन यदि यह मात्रा 1 लीटर से अधिक हो जाए, तो इससे कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं.
लखनऊ पीजीआई के पीडियाट्रिक गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के अनुसार, हर महीने औसतन 120 बच्चे कब्ज की समस्या के साथ ओपीडी में आते हैं. तीन महीनों में किए गए स्क्रीनिंग व जांच में पांच वर्ष तक के 80% बच्चों और इसके अधिक उम्र के 20% बच्चों में कब्ज की समस्या पाई गई. ज्यादा दूध का सेवन बच्चों में मल को सख्त बना देता है, जिससे पेट में ऐंठन, सूजन और मल त्याग में दर्द की समस्या होती है.
ज्यादा दूध से बच्चों में खून की कमी: "जनता से रिश्ता" में छपी खबर के अनुसार, डॉक्टर मोइनक सेन शर्मा का कहना है कि ज्यादा दूध के सेवन से बच्चों में खून की कमी (एनीमिया) हो सकती है. दूध में आयरन की मात्रा बहुत कम होती है, और ज्यादा दूध पीने से बच्चों की भूख कम हो जाती है, जिससे वे आयरन से भरपूर चीजें जैसे दालें, हरी सब्जियां, और फल नहीं खा पाते.
जरूरत से ज्यादा दूध से होने वाली अन्य समस्याएं
* कब्ज: दूध में फाइबर नहीं होता, जिससे मल सख्त हो जाता है.
* मोटापा: जरूरत से ज्यादा दूध पीने से बच्चों में वजन बढ़ने का खतरा होता है.
* भूख में कमी: ज्यादा दूध पीने से बच्चे अन्य पोषक तत्वों से भरपूर डाइट नहीं ले पाते.
* शारीरिक गतिविधि में कमी: दूध के कारण पेट भरा रहने से बच्चे खेलकूद और फिजिकल एक्टिविटी में कम रुचि लेते हैं.
* पाचन संबंधी समस्या: ज्यादा दूध से पेट में गैस और ऐंठन की समस्या हो सकती है.
क्या करें पैरेंट्स?
डॉक्टरों का कहना है कि बच्चों को बैलेंस डाइट देने पर ध्यान दें. उनकी डाइट में छिलके वाले फल, हरी सब्जियां, दालें, चोकर वाली रोटी और फाइबर से भरपूर खाना शामिल करें. बच्चों को रोजाना एक घंटे आउटडोर गेम्स खेलने के लिए प्रेरित करें और शौच का सही ट्रेनिंग दें.