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अंजीर (Fig) गजब का फल है. सभी बड़े धर्मों में इसको लेकर आदर भाव है. यह भारत के तीन प्रमुख धर्मों में तो महत्व रखता ही है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अंजीर (Fig) गजब का फल है. सभी बड़े धर्मों में इसको लेकर आदर भाव है. यह भारत के तीन प्रमुख धर्मों में तो महत्व रखता ही है, इसाई व मुस्लिम धर्म में भी इसे सम्मान दिया गया है. यह फल कई विश्व धर्मों में प्रतीकवाद की स्थिति रखता है. दूसरी ओर इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अंजीर गुणों का खजाना है. यह हृदय के लिए लाभकारी है तो शरीर को युवा रखने के भी इसमें चमत्कारी गुण हैं. युवाओं की ताकत को और बढ़ाता है यह फल.
11 हजार साल पुराना है यह फल
हजारों साल पुराना है अंजीर का इतिहास. रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि इसकी उत्पत्ति मिडिल ईस्ट सेंटर में हुई और दक्षिण-पश्चिम एशिया में यह फलीभूत हुआ. माना जाता है कि इन इलाकों में करीब 11 हजार साल पूर्व यह उगने लगा था. इस फल का रुतबा इतना अधिक बढ़ा कि प्राचीन यूनान में यह फल व्यापारिक दृष्टि से इतना महत्वपूर्ण हो गया कि इसके निर्यात पर पाबंदी लगा दी गई थी. लगभग 2000 ईसा पूर्व भूमध्यसागरीय तटीय क्षेत्रों में इसने उगना शुरू किया. 16वीं शताब्दी में यह यूएसए पहुंचा. 17वीं शताब्दी में जापान में इसका प्रवेश हुआ. भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में अंजीर का वर्णन नहीं है, लेकिन धार्मिक मान्यताओं में इसका बहुत ही महत्व दर्शाया गया है.
गंध नहीं, लेकिन रसीला व गूदेदार है
अंजीर असल में गूलर जाति का एक विशिष्ट फल है, जो बिना फूलों के ही सीधे पेड़ पर उग आता है. इसे ताजा और सुखाकर भी खाया जा सकता है. आजकल इसकी पैदावार ईरान, मध्य एशिया और अब भूमध्यसागरीय देशों में भी होने लगी है और अफगानिस्तान में तो यह खूब उगता है. इस छोटे से फल की अपनी कोई विशेष सुगंध नहीं है लेकिन यह रसीला और गूदेदार होता है. रंग में यह हल्का पीला, गहरा सुनहरा या गहरा बैंगनी हो सकता है. ये रंग इसके छिलके के स्वाद में कोई अंतर पैदा नहीं करते हैं. वैसे इसके स्वाद का मीठापन इस बात पर निर्भर करता है कि इसे कहां उगाया गया है और कितना पका है. इसे पूरा ही छिलका, बीज और गूदे सहित खाया जा सकता है.
विश्व के प्रमुख धर्मों में मिला है विशेष महत्व
विश्व के प्रमुख धर्मों में अंजीर को बहुत महत्व दिया गया है. भारतीय उपमहाद्वीप के तीन प्रमुख धर्म हिंदू, बौद्ध व जैन में इसको लेकर अलग-अलग व्याख्याएं हैं. हिंदू मिथक यह है कि विष्णु भगवान की उत्पत्ति अंजीर के पेड़ के नीचे हुई. इसके पेड़ को प्रतीकात्मक रूप से ब्रह्मा-विष्णु-महेश के साथ जोड़ा जाता है. प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ श्रीमद भगवद गीता में पवित्र अंजीर (गूलर) का पेड़ चेतना की कई शाखाओं का प्रतिनिधित्व करता है जो सभी एक ही शाश्वत स्रोत से जुड़ी हैं.
बौद्ध धर्म में यह भी मान्यता है कि भगवान बुद्ध ने पवित्र अंजीर के पेड़ के नीचे बैठकर बोधि (ज्ञान) प्राप्त किया था. इसी तरह जैन परंपराओं में तपस्वी अक्सर पवित्र अंजीर के पेड़ों के नीचे ध्यान करते वर्णित किए गए है.
क्या आदम और हव्वा ने अंजीर खाया था?
इसाइयों के पवित्र ग्रंथ बाइबिल में अंजीर का वर्णन है, जिसमें आदम और हव्वा ने जब ज्ञान वृक्ष के फल को खाया, तो इसके बाद उनमें शर्म की अनुभूति हुई तो उन्होंने अपने अंगों को अंजीर के पत्तों से ढंक लिया था. इस बात का भी दावा किया जाता है कि उन्होंने जो फल खाया था, वह अंजीर ही था. मुसलमानों के पवित्र ग्रंथ कुरान में अंजीर को जन्नत से उतरा पेड़ बताया गया है. ग्रंथ के सूरा 95 का शीर्षक 'अल-तिन' है, जिसका अर्थ अंजीर होता है. पैगम्बर मुहम्मद साहब कहते हैं कि 'यदि मुझे किसी ऐसे फल के बारे में बताना हो, जो कि जन्नत से उतरा हो, तो मैं अंजीर का नाम लूंगा.'ग्रंथ में इस फल की विशेषताएं बताई गई हैं जो विभिन्न बीमारियों से बचाता है.
फाइबर और पोटेशियम के अलावा और भी बहुत कुछ
मनुष्य के शरीर को स्वस्थ रखने में अंजीर बहुत ही महत्व निभाता है. इसमें केले की अपेक्षा अधिक फाइबर और केले की तुलना में अधिक पोटेशियम होता है. इसके ताजे पके फल में चीनी की मात्रा मात्र 22 प्रतिशत होती है. आहार विशेषज्ञ कहते हैं कि विटामिन ए और बी कॉम्प्लेक्स का अच्छा स्रोत है अंजीर. इसमें प्रोटीन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम और सोडियम जैसे मिनरल्स होते है. कब्ज और पेट संबंधी समस्या के लिए अंजीर का कोई तोड़ नहीं है. इसमें पाए जाने वाला फाइबर व बीज पाचन क्रिया को दुरुस्त कर देते हैं.
हार्ट के लिए लाभकारी, खून को भी बढ़ाता है
फूड एक्सपर्ट व न्यूट्रिशियन कंसलटेंट नीलांजना सिंह के अनुसार अंजीर हार्ट के लिए बहुत गुणकारी फल है. अंजीर में ओमेगा 3 और 6 जैसे फैटी एसिड्स भी पाये जाते है. यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखता है. अंजीर के फल में कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत करता है. शारीरिक दुर्बलता को दूर करने के लिए अंजीर का सेवन सौंफ के साथ करना चाहिए. अंजीर खाने से शरीर में रक्त की मात्रा बढ़ती है. इसका मुख्य कारण अंजीर में आयरन का पाया जाता है. अंजीर शरीर से खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाता है. इसका सेवन करने से धमनियां सुरक्षित रहती है. डायबिटीज के रोगी अंजीर के फल का सेवन कर सकते है. इसमें प्राकृतिक मिठास होती है जो बहुत कम होती है.
सिंह के अनुसार अंजीर का अनियंत्रित और अनियमित सेवन स्वास्थ्य के लिए नुकसान पैदा कर सकता है. इसमें फाइबर होता है, इसलिये इसका ज्यादा सेवन लूज मोशन पैदा कर सकता है. ज्यादा सेवन से पेट में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है. इसलिए इसका सेवन हमेशा नियंत्रित मात्रा में ही करे.
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