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जानिए क्यों होने चाहिए ये भारतीय फूड आपके वेट लाॅस डाइट में शामिल

Tara Tandi
25 Nov 2020 8:40 AM GMT
जानिए क्यों होने चाहिए ये भारतीय फूड आपके वेट लाॅस डाइट में शामिल
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देशी खाना 

वजन कम करने की बात आती है, तो भारतीय फूड को बहुत ज्यादा पसंद नहीं किया जाता है.

जनता से रिश्ता बेवङेस्क| वजन कम करने की बात आती है, तो भारतीय फूड को बहुत ज्यादा पसंद नहीं किया जाता है. भारतीय फूड की पहचान अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट्स और फैट के तौर पर होती है. हमारे दो मुख्य फूड-चावल और चपाती में कार्बोहाइड्रेट्स की ज्यादा मात्रा होती है और करी में फैट अधिक पाया जाता है. ये दोनों फूड कैलोरी को बढ़ाते हैं. इसलिए लोगों को अपनी डाइट में शामिल करना मुश्किल होता है.

वजन घटाने के लिए लोग पश्चिमी सुपर फूड जैसे ओट्स, योगर्ट, सलाद को पारंपरिक फूड पर प्राथमिकता देते हैं. लेकिन असली समस्या भारतीय व्यंजनों के साथ नहीं है बल्कि फूड की तैयारी के तरीके में है. वास्तव में, भारतीय फूड पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और ये न सिर्फ वजन घटाने में मददगार होते हैं बल्कि आपको स्वस्थ भी रखते हैं. शर्त ये है कि उन्हें सही तरीके से तैयार किया जाए. आपके लिए जानना मुफीद होगा कि क्यों डाइट में भारतीय फूड को शामिल करना चाहिए.

जायकेदार मसाले

हल्दी, काली मिर्च, लौंग, जीरा, सरसों न सिर्फ डिश को जायकेदार बनाते हैं बल्कि हेल्दी पोषण से भी भरपूर होते हैं. स्वास्थ्य को होनेवाले फायदों के चलते ये मसाले इलाज के उद्देश्य में भी इस्तेमाल किए जाते हैं. उनका सूजनरोधी, बैक्टीरियारोधी और एंटी ऑक्सीडेंट गुण पुरानी बीमारियों को दूर करता है. मसाले लंबे समय तक आपको पूर्ण रखते हैं और शरीर की गंदगी हटाकर वजन कम करने की प्रक्रिया को तेज करते हैं.

हेल्दी फैट्स

करी को हेल्दी बनाने के लिए सही तरीके का फैट सही मात्रा में इस्तेमाल को सुनिश्चित करें. पारंपरिक भारतीय फूड बनाने के लिए ज्यादातर सरसों तेल, नारियल तेल और घी का इस्तेमाल किया जाता है. अगर आप फैट की ये सभी किस्मों को सही मात्रा में इस्तेमाल करें, तो आपके फूड हेल्दी हैं. बर्तन में तेल की मात्रा पर ध्यान नहीं देने से आपका फूड गैर हेल्दी हो जाएगा. इसलिए, फूड को कम तेल की मात्रा में पकाने की कोशिश करें. हेल्दी फैट संतुष्टि को बढ़ाता है और आपको गैर हेल्दी फूड के सेवन से रोकता है.

पौष्टिक अनाज

चपाती तैयार करने में हम आम तौर से गेहूं को प्राथमिकता देते हैं. चपाती कार्बोहाइड्रेट्स का प्रचुर स्रोत होता है. लेकिन आप अपनी चपाती को पौष्टिक बनाने के लिए गेहूं की जगह पर हेल्दी विकल्प जैसे ज्वार, बाजरा, रागी को भी शामिल कर सकते हैं. साबुत अनाज से तैयार चपाती में अत्यधिक पौष्टिक तत्व जैसे प्रोटीन, फोलेट, कैल्शियम, आयरन और मैग्नीशियम पाए जाते हैं.

प्रोसेस्ड फूड की अनुपस्थिति

भारतीय व्यंजन हेल्दी इसलिए होते हैं क्योंकि उसे घर पर ताजा बनाया जाता है. चपाती से लेकर करी, हर फूड हेल्दी और पौष्टिक सामग्रियों का इस्तेमाल कर घर पर तैयार किया जाता है. देसी फूड को प्रोसेस्ड फूड के मुकाबले वजन घटाने के लिए ज्यादा उपयुक्त समझा जाता है. वास्तव में, प्रोसेस्ड फूड का अत्यधिक सेवन वजन बढ़ने की मुख्य वजह होती है.

व्यापक किस्म

रोजाना एक ही तरह का खाना खाने से कोई भी उकता सकता है. थोड़ा अलग और स्वादिष्ट व्यंजन खाने की इच्छा सबकी होती है. इसके लिए पोहा, इडली, उपमा, साबुदाना की खिचड़ी के अलावा कई डिश हैं. ये डिश आपके शरीर का भार कम करने के उद्देश्य को पूरा कर सकते हैं.




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