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बॉलिवुड सेलेब्स लेकर कई चर्चित चेहरे ग्लूटन-फ्री डायट फ़ॉलो करते हैं. बाज़ार में भी आपने अचानक ही ग्लूटन-फ्री प्रॉडक्ट्स की भरमार देखी होगी. आपके मन में भी यही सवाल उठता होगा कि आख़िर यह ग्लूटन-फ्री डायट होता क्या है? और किन लोगों को इसे फ़ॉलो करना चाहिए? ग्लूटन शब्द के बारे में पूरी जानकारी हम आपको यहां दे रहे हैं. और यह भी बता रहे हैं कि यह कोई फ़ैशनेबल डायट या वेट लॉस डायट नहीं है, बल्कि एक तरह की समस्या के लिए इसे फ़ॉलो किया जाता है.
क्या होता है ग्लूटन-फ्री डायट?
ग्लूटन-फ्री डायट का मतलब है, अपनी डायट से उन चीज़ों को हटाना जिसमें ग्लूटन होता है. असल में ग्लूटन एक तरह का प्रोटीन होता है, जो गेहूं, सूजी, जौ इत्यादि जैसे अनाज में पाया जाता है. इन सभी अनाजों में से गेहूं का सेवन हमारे देश में सबसे ज़्यादा किया जाता है. ग्लूटन शब्द लैटिन शब्द ग्लू से बना है, जिसका मतलब होता है, किसी चीज़ को जोड़नेवाला या तन्यता का गुण लिए. ग्लूटन-फ्री शब्द वर्ष 2013 में यूनाइटेड स्टेट्स फ़ूड्स ऐंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन (एफ़डीए) द्वारा खाने की लेबलिंग के लिए सुझाया गया. जिसके बाद से इसका चलन बढ़ गया है.
किन लोगों को इसे फ़ॉलो करने की ज़रूरत होती है?
ग्लूटन प्रोटीन कुछ लोगों के लिए उपयुक्त नहीं होता. इसका सेवन उन्हें पाचन संबंधी समस्याएं देता है. नमामी अग्रवाल, न्यूट्रिशनिस्ट और संस्था पक नमामी लाइफ़ कहती हैं,“ग्लूटन-इन्टॉलरेंट लोगों को सिलिएक डिज़ीज़, ग्लूटन सेंसिटिविटी, गेहूं से एलर्जी, ग्लूटन एटैक्सिया और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है. यदि आपको ग्लूटन इन्टॉलरेंस यानी ग्लूटन को पचा पाने की अक्षमता है, तो आप डायरिया, पेट में दर्द, ऐंठन, ब्लॉटिंग, खुजली से परेशान हो सकते हैं. ये सभी संकेत है कि आपको ग्लूटन एलर्जी हो सकती है. बच्चों की ग्रोथ धीमी होना भी इसका एक लक्षण है. इसके अलावा वज़न कम होना, चक्कर आना, हमेशा थका-थका महसूस करना, अनीमिया, डिप्रेशन के संकेत भी महसूस कर सकती हैं.” ग्लूटन आपके छोटे इंटेस्टाइन के कुछ कोशिकाओं को भी क्षति पहुंचा सकता है, जो खाने से पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करते हैं. ग्लूटन एलर्जी के बारे में ख़ून की जांच और छोटे इंटेस्टाइन की बायॉप्सी से पता लगाया जा सकता है.
इन चीज़ों से दूर रहें
यदि आपको ग्लूटन-फ्री डायट फ़ॉलो करने के लिए कहा गया हो, तो आपको नीचे दिए गए चीज़ों को खाने से परहेज करना चाहिए.
- गेहूं और गेहूं से बने प्रॉडक्ट्स, जैसे-गेहूं से बना ब्रेड, पास्ता, बेक्ड केक्स, जिसमें गेहूं शामिल हों.
- जौ
- सूजी
-कुसकुस
-किसी भी तरह का प्रोसेस्ड फ़ूड जिसमें ग्लूटन का इस्तेमाल हुआ हो.
ग्लूटन-फ्री डायट और वेट लॉस
आजकल ग्लूटन-फ्री डायट को वज़न घटाने के लिए भी फ़ॉलो किया जा रहा है. बिना सोचे-समझे और एक्स्पर्ट की सलाह लिए ग्लूटन डायट फ़ॉलो करने से आपके शरीर में न्यूट्रिशन की कमी हो सकती हैं. गेहूं जैसे फ़ाइबरस अनाज को बंद करने से आपके शरीर में फ़ाइबर की कमी हो सकती है, जिससे आपकी पाचन प्रक्रिया बिगड़ सकती है. इसलिए वज़न कम करने के लिए ग्लूटन-फ्री डायट को फ़ॉलो न करें. यदि आपको ग्लूटन इन्टॉलरेंस है, तो एक्स्पर्ट की मदद से अपना मील प्लैन करें.
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