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नींद नहीं आती तो सोने से पहले म्यूजिक सुनें, शरीर में बढ़ेगा हैप्पी हार्मोन
रात को सोने से पहले म्यूजिक सुनना आपने तन और मन दोनों को शांत कर सकता है। दरअसल, म्यूजिक सुनने से कान में आने वाली ध्वनि तरंगों को मस्तिष्क संकेतों में परिवर्तित करता है। जैसे ही मस्तिष्क इन ध्वनियों की व्याख्या करता है, शरीर के भीतर शारीरिक प्रभाव शुरू हो जाते हैं। इनमें से कई प्रभाव या तो सीधे नींद को बढ़ावा देते हैं या उन मुद्दों को कम करते हैं जो नींद में बाधा डालते हैं। इसके अलावा भी इसके कई फायदे हैं।
संगीत तनाव हार्मोन कोर्टिसोल के प्रभाव को कम करता है और नींद को बढ़ाता है। तनावग्रस्त होने और कोर्टिसोल के ऊंचे स्तर होने से सतर्कता बढ़ सकती है और खराब नींद आती है। ऐसे में सोने से पहले म्यूजिक सुनने से कोर्टिसोल का स्तर घटता है और ये लोगों को गहरी नींद से सोने में मदद करता है।
म्यूजिक शरीर में परिवर्तन को ट्रिगर करता है जो कई तरह से एंग्जायटी को कम करता है। एक धीमी हृदय गति, धीमी सांस, और लो ब्लड प्रेशर सभी शारीरिक परिवर्तन हैं जो सोते की प्रक्रिया को संभव बनाते हैं और म्यूजिक ऐसा करने में मददगार है। साथ ही इसका हमारे भावनात्मक मस्तिष्क पर भी अच्छा प्रभाव पड़ता है।
म्यूजिक डोपामाइन के प्रोडक्शन को ट्रिगर करता है और हैप्पी हार्मोन को बढ़ावा देता है। यह हार्मोन सोने के समय अच्छी भावनाओं को बढ़ावा दे सकती है और शारीरिक और मनोवैज्ञानिक आराम महसूस करवा सकती है।
रात के समय का शोर, चाहे वह सड़कों, हवाई जहाज, या पड़ोसियों के शोर से हो, नींद को खराब कर सकता है और हृदय रोग सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकता है। म्यूजिक इन पर्यावरणीय शोरों को दूर करने और गहरी नींद पाने में मदद करती करता है।
म्यूजिक तंत्रिका तंत्र को शांत करके शरीर की प्राकृतिक प्रणाली को शांत करता है, जिसमें हृदय, फेफड़े और पाचन तंत्र भी शामिल हैं। इस तरह सोने से पहले म्यूजिक सुनना शारीरिक और मानसिक दोनों ही सेहत के लिए फायदेमंद है।