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सांस लेने में होती है दिक्कत, तो अपनी दिनचर्या में शामिल करे ये योगासन

Admin4
17 Dec 2021 7:26 AM GMT
सांस लेने में होती है दिक्कत, तो अपनी दिनचर्या में शामिल करे ये योगासन
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सांस लेने में होती है दिक्कत, तो अपनी दिनचर्या में शामिल करे ये योगासन

कोरोना महामारी की शुरुआत से ही लोगों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने के लिए जोर दिया जा रहा है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कोरोना महामारी की शुरुआत से ही लोगों को अपनी सेहत पर विशेष ध्यान देने के लिए जोर दिया जा रहा है। इसमें भी श्वसन प्रणाली को मजबूत करने के महत्व पर विशेषज्ञ अधिक ध्यान देने की सलाह देते हैं। नोवेल कोरोनावायरस श्वसन प्रणाली की बीमारी होने के कारण फेफड़ों के ऊतकों को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचाता है, जिससे सांस फूलने और बलगम बनने जैसी समस्या देखने को मिलती है। कोरोना संक्रमण के दूसरे दौर में लोगों में सांस से संबधित दिक्कतें अधिक देखने को मिली थीं।

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक दैनिक जीवन में सांस से संबंधित योगाभ्यासों को शामिल करके वायु मार्ग साफ रखा जा सकता है, जिससे फेफड़ों की क्षमता भी बढ़ती है। सांस लेने वाले इन व्यायामों को मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी लाभदायक माना जाता है। जो लोग कोविड-19 के शिकार रह चुके हैं, उनके लिए तो इन व्यायामों का अभ्यास करना और भी आवश्यक हो जाता है। आइए आगे की स्लाइडों में ऐसे ही तीन सांस वाले योग अभ्यास के बारे में जानते हैं जिनका सभी लोगों को रोजाना अभ्यास जरूर करना चाहिए।
कपालभाति प्राणायाम है फायदेमंद
कपालभाति, दो शब्दों से मिलकर बना है- कपाल का अर्थ है खोपड़ी और भाति का अर्थ है चमकना। इस ब्रीदिंग एक्सरसाइज से शरीर में गर्मी पैदा होती है जो विषाक्त और अपशिष्ट पदार्थों को शरीर से निकालने में मदद करती है। मेटाबॉलिज्म की दर में सुधार करने के साथ लिवर और किडनी के कार्य को बढ़ावा देने में भी इस योग के अभ्यास को लाभदायक माना जाता है। कुछ स्वास्थ्य समस्याओं में इस व्यायाम को न करने की सलाह दी जाती है, इस बारे में किसी योग विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें।
भस्त्रिका प्राणायाम
भस्त्रिका प्राणायाम और कपालभाति आमतौर पर समान दिखते हैं लेकिन वास्तव में दोनों काफी अलग हैं। सांस लेने के इस व्यायाम के लिए आपको तेजी से सांस लेने और छोड़ने की आवश्यकता होती है। यह योगाभ्यास शरीर में गर्मी पैदा करता है और फेफड़ों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक माना जाता है। हृदय और उच्च रक्तचाप की समस्या से पीड़ित लोगों को इससे बचना चाहिए।
मूर्छा प्राणायाम
मूर्छा प्राणायाम के अभ्यास को सेहत के लिए विशेष लाभदायक माना जाता है। इस अभ्यास को करते समय एक व्यक्ति को धीरे-धीरे सांस लेनी होती है और इसे लंबे समय इसे अंदर रखना होता है। फेफड़ों के साथ साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाए रखने के लिए रोजाना इस योग का अभ्यास किया जा सकता है।
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