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लाइफ स्टाइल
Health Tips: नींद की कमी से हो सकता है भारी नुकसान, अपनाये ये नुस्खे
Sanjna Verma
6 Aug 2024 1:16 PM GMT
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हेल्थ टिप्स Health Tips: आप भी क्या नींद के इंतजार में बिस्तर पर लेटी रात भर करवट बदलती रहती हैं? सुबह उठने की चिंता में आप रात में कई बार घड़ी को ताकती हैं? बिस्तर पर जाने और अच्छी नींद के बारे में सोचकर घबराहट होती है? अगर हां, तो मुमकिन है कि जरूरत से ज्यादा चिंता ने आपको Sleep Anxiety का शिकार बना दिया है, जिसके चलते निंदिया रानी आप से रूठी-रूठी रहती हैं। लंबे समय तक ऐसा होने का असर आपकी सेहत और अगले दिनों की दिनचर्या पर पड़ेगा। इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए इसे खत्म करने की दिशा में आपको सक्रिय होना होगा।
क्या है स्लीप एंग्जाइटी?
स्लीप एंग्जाइटी एक प्रकार का तनाव है, जो तब होता है, जब शख्स को यह अहसास हो कि उसे पर्याप्त नींद नहीं मिल पा रही। मुमकिन है कि उसे सोने जाने के पहले ही अच्छी नींद न आने र्की ंचता सताने लग जाए। ऐसे में कई बार पीड़ित शख्स रात भर इस सोच के साथ घड़ी देखता रह जाता है कि उसके जागने में कितना वक्त बचा है। बिस्तर पर जाने का वक्त आप में खौफ पैदा कर सकता है कि एक बार फिर आपको नींद के लिए संघर्ष करना पड़ेगा। इस बाबत मनोरोग विशेषज्ञ कहती हैं कि नींद और एंग्जाइटी साथ-साथ चलते हैं। अगर किसी को एंग्जाइटी डिसऑर्डर है तो उसे सोने या एक अच्छी नींद आने में मुश्किल का सामना करना पड़ता है। ऐसा होने पर आपमें कुछ लक्षण भी नजर आते हैं, जैसे ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होना, चिड़चिड़ापन, घबराहट, कुछ बुरा होने का अहसास आदि। सिर्फ इतना ही नहीं, आपको कुछ शरीरिक लक्षण भी महसूस होंगे जैसे कब्ज, तेज हृदय गति, ज्यादा पसीना आना, मांसपेशियों में तनाव, पैनिक अटैक जो खासतौर पर रात के वक्त हो आदि। इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए आपको अपनी जीवनशैली में कुछ बदलाव लाने होंगे:
व्यायाम से करें दिन की शुरुआत
अपने व्यायाम की शुरुआत सूरज की रोशनी में सूर्य नमस्कार से कीजिए। सूरज के सात रंग आपके शरीर के सात चक्रों को सक्रिय कर देंगे। इतना ही नहीं, सूर्य नमस्कार की 12 योग मुद्राओं के 4-6 राउंड पूरे दिन के आलस को भी खत्म कर देते हैं। योग गुरु सुनीर्ल ंसह कहते हैं कि यदि आप उच्च तीव्रता वाले व्यायाम नहीं कर पातीं या करना नहीं चाहतीं तो कम तीव्रता वाले आसन करें। इसमें आप शशांक आसन, पश्चिम उत्तान आसन कर सकती हैं। यह आसन रक्त संचार तेज करते हैं और आपके पाचन को भी ठीक रखते हैं, जिससे अनिंद्रा दूर होती है। आप कैमलपोज, भुजंग आसन, धनुरासन, चक्रासन, शलभासन आदि भी कर सकती हैं। प्राणायाम करना चाहती हैं तो आप ओम मंत्र ध्यान, अनुलोम-विलाम, कपाल भाति, भ्रामरी आदि कर सकती हैं। ये आपके तनाव स्तर को तो कम करेंगे ही, साथ ही पाचन भी ठीक रहेगा। इनके अभ्यास से मेटाबॉलिज्म तेज होगा और मोटापा भी दूर रहेगा।
सूरज की रोशनी है उपाय
हम अकसर बात करते हैं कि सूरज की किरणें हमें विटामिन-डी देती हैं। पर क्या आप जानती हैं कि यह हमें तनाव मुक्त और खुश भी रख सकती हैं? इसकी रोशनी सेरोटोनिन नाम के हार्मोन के स्राव को बढ़ाती है। यह हार्मोन न्यूरो ट्रांसमीटर है, जो भूख, नींद, स्मृति और मनोदशा को नियंत्रित करने में मदद करता है। ऐसे में प्रयास करें कि व्यायाम, नाश्ता और तमाम जरूरी काम जितने संभव हों, सुबह की रोशनी में ही हों।
स्क्रीन से रहें दूर
क्या आप भी देर रात तक स्क्रीन पर आंखें गड़ाए रहती हैं? अगर हां, तो जान लीजिए जितना ज्यादा स्क्रीन टाइम, नींद उतनी ही दूर। मानें तो मेलाटोनिन हार्मोन नींद के लिए जिम्मेदार है, जो कि अंधेरे का हार्मोन है। आंखों पर रोशनी पड़ने पर इसका स्राव कम हो जाता है। नतीजा, नींद में कमी। बेहतर होगा कि सोने के दो घंटे पहले आप मोबाइल, टीवी सरीखी रोशनी वाली स्क्रीन से दूरी बना लें। सोने का माहौल बनाने के लिए कमरे में अंधेरा रखें। बिल्कुल अंधेरे में नींद नहीं आती तो कोशिश कीजिए कि कमरे की लाइट हल्की रखें।
कुछ गुनगुना हो जाए
आपकी नींद में कमी आई है? अगर आपका जवाब हां तो आपके लिए रात में कुछ गुनगुना लेना फायदे का सौदा साबित होगा। सोने के पहले गुनगुना पानी, Herbal Tea सरीखे तमाम वो पेय कारगर रहेंगे। बस ध्यान रहे कि उनमें कैफीन न हो। Naturopath बताते हैं कि ऐसा करने से पेट में पाचक रस निकलेंगे और आमाशय की ओर रक्त प्रवाह में कुछ वृद्धि हो जाएगी। मस्तिष्क की ओर रक्त प्रवाह में कमी आएगी और व्यक्ति को नींद आ जाएगी।
ये नुस्खे आएंगे काम
• अपने सोने वाले कमरे का तापमान कम रखें ताकि गर्मी आपकी नींद में खलल न डाल सके।
• बेहतर होगा कि बेडरूम को सिर्फ सोने के लिए ही इस्तेमाल करें। टीवी, भोजन आदि तमाम काम वहां न करें ताकि कमरा व्यवस्थित रहे।
• सोने से पहले के कुछ काम निर्धारित करने से भी सोने की आदत बन जाती है। रोज एक ही काम को करने के बाद सोने से दिमाग को नींद की ट्र्रेंनग मिलती है। किताब पढ़ऩा अच्छा विकल्प है।
• शाम सात बजे के बाद कैफीन युक्त खानपान और शराब से दूरी बेहतर होगी।
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