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कैसे काम करती है गोलो डाइट
कहा जाता है कि शरीर को फिट रखने में डाइट का बहुत बड़ा रोल होता है. अगर डाइट को नियंत्रित कर लें तो मोटापा अपने आप कंट्रोल हो जाता है. अब तक डाइट कंट्रोल प्लान में आपने कीटो डाइट के बारे में सुना होगा, लेकिन आज हम आपको गोलो डाइट के बारे में बताएंगे. गोलो डाइट आजकल चलन में है. खास बात ये है कि इसमें इंसुलिन मैनेजमेंट के जरिए वजन कम करने का दावा किया जाता है. साथ ही हार्मोंस को नियंत्रित रखने पर जोर दिया जाता है. जानिए इसके बारे में.
आपने गौर किया होगा कि जब भी वजन कंट्रोल करने की बात होती है तो डाइट प्लान के नाम पर शुगर, प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट्स और कैलोरी कम लेने की सलाह दी जाती है. लेकिन गोलो डाइट में ऐसी पाबंदियां नहीं होतीं. गोलो डाइट के एक्सपर्ट मानते हैं कि आजकल खराब लाइफस्टाइल के चलते हार्मोंस असंतुलन के मामले काफी बढ़े हैं. हार्मोनल समस्याएं भी वजन बढ़ने का बहुत बड़ा कारण होती हैं. यदि हार्मोंस को संतुलित नहीं किया गया तो आप चाहे कितना ही व्यायाम कर लें या डाइट पर कंट्रोल कर लें, आपका वजन कम नहीं हो सकता.
कैसे काम करती है गोलो डाइट
गोलो डाइट के दौरान शरीर के मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करने पर सबसे ज्यादा जोर दिया जाता है. ऐसे में पोषक तत्वों से भरपूर चीजों को खाने की सलाह दी जाती है. इसके साथ ही वर्कआउट भी करवाया जाता है. हेल्दी चीजों को खाने से आपके शरीर को एनर्जी मिलती है और पेट भरा रहता है, वहीं साथ में एक्सरसाइज करने से एक्सट्रा कैलोरी बर्न हो जाती है.
तीन बार खाने की सलाह
गोलो डाइट में एक्सपर्ट तीन बार खाने की सलाह देते हैं और काफी सख्ती के साथ रुटीन को फॉलो करवाते हैं. इस दौरान प्रोटीन के तौर पर अंडे, मीट और डेयरी प्रोडक्ट लेने की सलाह दी जाती है. कार्बोहाइड्रेट के रूप में आलू, फल, शकरकंद, बेरीज़, बीन्स और साबुत अनाज आदि खा सकते हैं. सब्जियों में पत्तेदार साग, ब्रोकली, खीरा, फलियां और अन्य पानीदार सब्जियां खा सकते हैं. वहीं फैटस् के तौर पर अलसी के बीज, ऑलिव ऑयल और कोकोनट ऑयल का सेवन कर सकते हैं.
ध्यान रहे
इस तरह की डाइट को किसी एक्सपर्ट की देखरेख में ही फॉलो करना चाहिए. यदि आपको कोई बीमारी वगैरह है तो उसे पूरी जानकारी दे दें, ताकि आपकी डाइट को उसके हिसाब से सुनिश्चित किया जा सके.
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