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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हार्मोन्स शरीर में होने वाले बदलाव के लिए जिम्मेदार होते हैं. हार्मोन्स बॉडी में रिलीज होने वाले केमिकल होते हैं, जो ब्लड में मिलकर बॉडी के सभी हिस्सों में मौजूद होते हैं. हार्मोन्स शरीर में मेटाबॉलिज्म और दूसरी कई एक्टिविटीज को कंट्रोल और बैलेंस करने में मदद करते हैं. शरीर में हार्मोनल डिसबैलेंस यानी हार्मोन्स में गड़बड़ी होने से कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. हार्मोनल बदलाव पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है. हार्मोन्स में बदलाव का कोई विशेष कारण नहीं है. लाइफस्टाइल या काम के रूटीन में बदलाव, किसी बीमारी के चलते मेडिकेशन या स्ट्रेस जैसी वजहों से कई महिलाएं हार्मोनल बदलाव को झेलती है. महिलाएं हार्मोनल बदलाव से बचने के लिए अपनी डाइट में ब्रॉकली के साथ कुछ और चीजों को शामिल कर सकती हैं.
ब्रॉकली
आहार में हरी सब्जियों से शरीर को पौष्टिकता मिलती है. ब्रॉकली में ग्लूकोसिनोलेट मौजूद होता है जो शरीर को न्यूट्रिशंस देने के साथ बायलॉजिकल और हार्मोनल बदलाव में मदद करता है. ब्रॉकली खाने से कैंसर का खतरा कम होता है.
चना
ग्रेटेस्ट डॉट कॉम के अनुसार चने में विटामिन बी, विटामिन बी 6, फोलेट जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो शरीर में हार्मोन्स के लेवेल को संतुलित करने में सहायक है. चने खाने से बॉडी में सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हैप्पी हार्मोन्स रिलीज होते हैं.
खट्टी चेरी
नींद की कमी हार्मोनल डिसबैलेंस के लिए काफी हद तक जिम्मेदार होती है. चेरी मेलाटोनिन जैसे फाइटोकेमिकल से भरपूर होती है, जो अनिद्रा को दूर करती है और बॉडी को रिलैक्स कर हार्मोन्स को संतुलित करने में मदद करती है.
चिकन
चिकन में प्रोटीन की मात्रा भरपूर होती है जिससे शरीर में लेप्टिन हार्मोन की मात्रा बढ़ती है. इससे हार्मोन्स बैलेंस्ड रहते हैं और मसल्स को मजबूती मिलती है.
सोया
सोया न्यूट्रिशंस से भरपूर होता है जिसका सेवन करने से शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ती है. एस्ट्रोजन मेटाबॉलिज्म और हार्मोन्स को बैलेंस करने में मदद करता है.
Tara Tandi
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