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नींद के पैटर्न में सुधार के लिए आयुर्वेद में बताए गए नियमों का पालन करें

Mahima Marko
15 Aug 2022 11:44 AM GMT
नींद के पैटर्न में सुधार के लिए आयुर्वेद में बताए गए नियमों का पालन करें
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। परेशनियों में भी इस पद्धति का इस्तेमाल कर इलाज किया जाता रहा है. आयुर्देव में किसी भी इंसान की जीवन शैली के तरीके के बारे में भी बताया गया है. आयुर्वेद के अनुसार अनुसार, नींद जीवन की मूल प्रवृत्ति है जो सभी शारीरिक कार्यों को प्रभावित करती है. यह आध्यात्मिक, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि आयुर्वेद में नींद या निद्रा अच्छे स्वास्थ्य की तीन नींवों में से एक है. और बढ़ते तनाव के स्तर, एक गतिहीन जीवन शैली और खराब आहार के साथ, नींद के पैटर्न को सबसे ज्यादा नुकसान होता है.

आयुर्वेद में बातये नियमों का पालन कर नींद के पैटर्न में करें सुधार
यदि आप अपनी बॉडी क्लॉक को रीसेट करने और नींद के पैटर्न में सुधार करने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, तो आयुर्वेद से संबंधित कुछ नियमों का पालन करके बहुत कुछ किया जा सकता है. नींद के पैटर्न को ठीक करने के कुछ प्रमुख नियम जान लें.
नींद को प्राथमिकता दें
नियम 1: शरीर को सामान्य तरीके से काम करने में मदद करने के लिए रात 10 बजे से 11 बजे तक बिस्तर पर जाना सुनिश्चित करें. अपनी नींद को प्राथमिकता दें जैसे आप सुबह दांतों को ब्रश करने को प्राथमिकता देते हैं.
तिल के तेल से मालिश करें
नियम 2: नींद की गुणवत्ता में सुधार के लिए अपने कमरे के तापमान वाले तिल के तेल से मालिश करें. इस प्रक्रिया को पदभयंगम के नाम से जाना जाता है - यह शरीर को पृथ्वी से जोड़ने में मदद करता है.
नींद को रोकने की गलती न करें
नियम 3: सोने की इच्छा को रोक कर न रखें क्योंकि इससे सिरदर्द, सुस्ती और आंत में असंतुलन हो सकता है.
शारीरिक, मानसिक ताकत बढ़ाने का बेहतर तरीका है नींद
नियम 4: अच्छी नींद लेना शारीरिक ताकत बढ़ाने और मन की खुशी को बढ़ाने का एक शानदार तरीका है. यदि आप चिंता, चिड़चिड़ापन और तनाव से ग्रस्त हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपको दिन में पर्याप्त आराम मिले - वयस्कों के लिए आठ घंटे की नींद आवश्यक है.
सोते समय आरामदाय कपड़े पहनें
नियम 5: सोते समय ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें क्योंकि इससे नींद जल्दी और बेहतर आती है. शांत, आरामदायक और स्वच्छ वातावरण में सोएं - रोशनी कम करना सुनिश्चित करें क्योंकि यह सर्कैडियन लय में गड़बड़ी को रोकता है. प्रकाश के संपर्क में आने से आपकी नींद खराब हो सकती है.
पूरा दिन सो कर नींद पूरा करना सही नहीं
नियम 6: इस मिथक में न पड़ें कि पूरे दिन सोने से नींद न आने की भरपाई हो सकती है. यह ऊर्जा के स्तर, पाचन और हार्मोन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है
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