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दिल्ली एनसीआर का पलूशन बुजुर्गों के लिए भी बना खतरनाक, डॉक्टरों ने दी हिदायत 'घर से न निकलें'
दिल्ली न्यूज़: दिल्ली की बिगड़ती हवा के बीच बुजुर्ग फंस गए हैं। उम्र से साथ स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों के बीच अपनी सेहत दुरुस्त रखने के लिए उनके लिए टहलना भी खतरनाक हो गया है। डॉक्टर्स का कहना है कि उनकी ओपीडी में बुजुर्ग मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। खासतौर पर सांस की दिक्कतों से परेशान मरीजों को नेबुलाइजर लगाने, एयर प्यूरीफायर में रहने, कुछ समय के लिए शहर छोड़ने के साथ-साथ अस्पताल में भर्ती करने की नौबत तक आ रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि इस वक्त मरीजों को घर के अंदर रहने की जरूरत है, उन्हें सुबह-शाम वॉक से, तेज चलने, जॉगिंग से भी बचना जरूरी है।
50% बढ़ गए हैं मरीज: नैशनल चेस्ट सेंटर के डायरेक्टर और पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. भरत गोपाल कहते हैं, सीनियर सिटीजंस के फेफड़ों का बेसलाइन फंक्शन कम होता है और इतने प्रदूषण में यह उनके लिए खतरनाक है। दिल्ली में कुछ दिनों से इतना ज्यादा प्रदूषण है कि हमारे ओपीडी में मरीजों की संख्या 50% बढ़ गई है। इनमें से 25% लोगों को तो एडमिट करने की नौबत आ गई है। हमारे पास सांस के अस्थमा, सीओपीडी (क्रॉनिक इन्फ्लेमेटरी लंग डिजीज) के मरीज आते रहते हैं और इस समय इस प्रदूषण में एक्सपोज होने पर कई मरीज ज्यादा बीमार हो रहे हैं। इस वक्त बुजुर्गों और उनके घरवालों को अलर्ट रहने की जरूरत है। उन्हें घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए और अगर निकलना है ही तो एन95 मास्क जरूर पहनना चाहिए। उससे नीचे के मास्क काम नहीं आएंगे।
डॉ. भरत कहते हैं, केस के मुताबिक इलाज दिया जा रहा है। कुछ को हम ड्रग्स, कुछ को नेबुलाइजर थेरपी दे रहे हैं। जो देर में आ रहे हैं और ज्यादा बीमार हो रहे हैं, उन्हें एडमिट करना पड़ रहा है। एयर प्यूरीफायर गंभीर मरीजों के लिए ठीक है, मगर प्यूरीफायर की गुणवत्ता काफी बढ़िया होनी चाहिए, जो हर मरीज खरीदने में सक्षम नहीं है। और इसका इस्तेमाल कब तक मरीज करेगा? साथ ही, ऐसी कोई स्टडी, डेटा नहीं है कि इससे कितना फायदा होगा।
पानी ना हो शरीर से कम, वॉक करें बंद: डॉक्टर्स की मरीजों को सलाह है कि वे पौष्टिक खाना खाएं और पानी की कमी शरीर में ना होने दें। बीएलके मैक्स हॉस्पिटल के पल्मनोलॉजिस्ट डॉ. संदीप नायर कहते हैं, प्रदूषण बढ़ने से उन मरीजों की दिक्कत काफी बढ़ गई है, जिन्हें पहले से सांस की दिक्कतें हैं। इस वक्त अस्थमा और सीओपीडी के मरीजों को सुबह-शाम बाहर नहीं निकलना चाहिए। वे गर्म कपड़े जरूर पहनें और शरीर में पानी की कमी ना होने दें। इसके अलावा, अगर पुरानी बीमारी नहीं है मगर खांसी, सांस फूलने जैसे लक्षण आ रहे हैं तो ऐसे बुजुर्ग लोग डॉक्टर को जरूर दिखाएं। मामला बिगड़ने ना दें। डॉ. नायर बताते हैं, दिल, किडनी, शुगर, फेफड़ों, कैंसर के मरीज पुराने मरीज अपनी दवाएं वक्त पर लें, बिना डॉक्टर के कहे इन्हें ना छोड़ें, क्योंकि ये दवाएं संक्रमण से बचाव भी करती हैं।