हड्डियों में तब्दील हो रही हैं 29 साल के इस इंसान की मांसपेशियां, शरीर के 95% हिस्से में नहीं होता मूवमेंट
न्यूयॉर्क के 29 वर्षीय जो सूच की मांसपेशियां हड्डियों में तब्दील हो रही हैं
न्यूयॉर्क के 29 वर्षीय जो सूच की मांसपेशियां हड्डियों में तब्दील हो रही हैं. शरीर का मूवमेंट करना मुश्किल हो रहा है. शरीर में मूवमेंट करने की क्षमता 95 तक खत्म हो चुकी की है. इसकी वजह है एक दुर्लभ बीमारी है, जिसका नाम 'स्टोन मैन सिंड्रोम'. विज्ञान की भाषा में इस दुर्लभ बीमारी को फाइब्रोडिस्प्लेशिया ऑसिफिकैंस प्रोग्रेसिवा कहते है.
मांसपेशियां हड्डियों में क्यों तब्दील हो रही हैं, इसकी वजह क्या है, दुनियाभर में ऐसे कितने मामले हैं और मरीज की हालत क्या है, जानिए इन सवालों के जवाब….
बीमारी क्या है, पहले इसे समझें?
'स्टोन मैन सिंड्रोम' एक जेनेटिक डिसऑर्डर है. जेनेटिक एंड रेयर डिजीज इंफॉर्मेशन सेंटर के मुताबिक, यह बीमारी जीन (ACVR1) में म्यूटेशन के कारण होती है. इसका असर बेहद कम उम्र में ही दिखना शुरू हो जाता है. बीमारी के कारण शरीर की मांसपेशी, लिगामेंट और कनेक्टिव टिश्यू हड्डियों में तब्दील होने लगते हैं. आसान भाषा में समझें तो शरीर में एक दूसरा कंकाल तैयार होने लगता है.
शरीर का अंदरूनी हिस्सा सख्त होने के कारण इंसान का चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है. डेलीमेल के मुताबिक, दुनियाभर में अब तक ऐसे 800 मामले हैं. अब तक इसका कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है कि इसे पूरी तरह से खत्म किया जा सके. हालांकि कुछ दवाओं की मदद से मांसपेशियों को थोड़ी राहत जरूरी दी जा सकती है.
3 साल की उम्र में हुई थी बीमारी
जो सूच के शरीर के 95 फीसदी हिस्से में मूवमेंट नहीं होता. शरीर में इस बीमारी की शुरुआत 3 साल की उम्र से हुई थी. जो कहते है, उस समय शरीर में सूजन आई थी. धीरे-धीरे हाथों का मूवमेंट कम होने लगा. अब हाथों को पूरी तरह सीधा नहीं किया जा सकता. यह बीमारी ऐसी है जिसे कोई भी देख सकता है.
जो लोगों को जागरूक करने के लिए अपनी बीमारी के बारे में यूट्यूब पर वीडियो भी पोस्ट करते रहते हैं. जो कहते हैं, वो सर्जरी भी नहीं करा सकते क्योंकि हड्डियां हमेशा बढ़ती रहती हैं और शरीर को लॉक कर रही हैं. अपनी बीमारी से सबक लेते हुए जो हमेशा दूसरे ऐसे लोगों को ढाढस बंधाते रहते हैं जो गंभीर बीमारियां से जूझ रहे हैं.
बचपन में डिप्रेशन से सामना हुआ, अब सच्चे प्यार की तलाश है
जो कहते हैं, मुझे मालूम है कि एक दिन पूरा शरीर लॉक हो जाएगा. सर्जरी के जरिए अतिरिक्त हड्डियों को हटाने के बाद भी फायदे से ज्यादा नुकसान से जूझना पड़ेगा. बचपन में मैं अपनी इस बीमारी के कारण लम्बे समय तक डिप्रेशन में रहा हूं. सबसे बड़ी चुनौती तब आई जब मैं 9 साल का था और मैंने खुद पैर की हड्डी को तोड़ दिया था.
अब तक शादी क्यों नहीं की, इस सवाल पर जो कहते हैं, वो अभी भी सच्चे प्यार की तलाश कर रहे हैं. ऐसे लोगों का मिलना मुश्किल है जो मुझमें इंट्रेस्ट लें और इसी स्थिति के साथ अपनाएं.