आसमान में US-यूरोपीय देशों से लोहा लेगा रूस, बनाया ये प्लान
क्योंकि हमें लगता है कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति में हमें अमेरिकी और यूरोपियन मौसम सैटेलाइट्स हमारे मौसम, संचार और इंटरनेट को प्रभावित कर सकते हैं. या फिर हमारा कनेक्शन काट सकते हैं.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रूसी स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस (ROSCOSMOS) ने कहा है कि हमें लगता है कि अब रूस ऐसे सैटेलाइट्स को अंतरिक्ष में लॉन्च करेगा, जो मौसम, संचार और इंटरनेट से संबंधित होंगे. क्योंकि हमें लगता है कि वर्तमान अंतरराष्ट्रीय स्थिति में हमें अमेरिकी और यूरोपियन मौसम सैटेलाइट्स हमारे मौसम, संचार और इंटरनेट को प्रभावित कर सकते हैं. या फिर हमारा कनेक्शन काट सकते हैं.
रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉसकॉसमॉस के प्रमुख डिमित्री रोगोजिन (Dmitry Rogozin) ने कहा कि इस साल हम मीटियोर एम नंबर 2-3 सैटेलाइट्स छोड़ेंगे. यह सोलर सिंक्रोनस ऑर्बिट में होगा. दूसरा आयनोस्फेयर नंबर 1-2 होगा, जो संचार और अंतरिक्ष के मौसम पर निगरानी रखेगा. साल 2023 में हम मीटियोर एम नंबर 2-4, आयनोस्फेयर नंबर 3-4, इलेक्ट्रोएल नंबर 4 और आर्कटिका एम नंबर 2 लॉन्च करेंगे. साल 2024 में आर्कटिका नंबर 5 लॉन्च करेंगे. रूसी स्पेस एजेंसी खुद से इन सैटेलाइट्स को लेकर काम शुरु कर चुकी है. हमें किसी पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं होगी.
इसके पहले डिमित्री ने कहा था कि हम अमेरिका को पहले जो रॉकेट इंजन देते थे. अब वो नहीं देंगे. ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि अमेरिका ने यूक्रेन के समर्थन में हमारे ऊपर प्रतिबंध लगाए हैं. हम उन्हें दिए 24 RD-180 इंजन की सर्विसिंग भी नहीं करेंगे. RD-181 इंजन की डिलीवरी भी नहीं होगी.
इससे पहले रूस रूसी स्पेस एजेंसी के डायरेक्टर जनरल डिमित्री रोगोजिन ने रूसी समाचार एजेंसी TASS से कहा था कि प्रतिबंधों के बाद नहीं लगता कि अमेरिका हमारे साथ वनेरा-डी मिशन (Vanera-D Mission) मिशन में काम कर पाएगा. हो सकता है कि यह मिशन हम अकेले करें या फिर चीन के साथ मिलकर पूरा करें. डिमित्री ने चीन के साथ टेक्निकल असिसटेंस को लेकर बातचीत करने के लिए बीजिंग को कुछ निर्देश भिजवाएं हैं.
रूस इस मिशन को या तो खुद पूरा करेगा. या फिर वह चीन की मदद से इसे पूरा करे. अमेरिका और उसके साथी देशों ने मिलकर चार रूसी बैंकों के एसेट्स को ब्लॉक कर दिया है. एक्सपोर्ट कंट्रोल्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. व्हाइट हाउस के अनुसार रूस के स्पेस प्रोग्राम पर सीधे तौर पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. लेकिन कुछ बेहद संवेदनशील तकनीकों को रूस एक्सपोर्ट करने से रोक दिया गया है. इन तकनीकों का उपयोग स्पेस इंडस्ट्री में किया जाता है. अमेरिका ने रूस के खिलाफ सेमीकंडक्टर्स, टेलीकम्यूनिकेशन, एनक्रिप्शन सिक्योरिटी, लेजर्स, सेंसर्स, नेविगेशन, एवियोनिक्स और मैरीटाइम तकनीकों के निर्यात पर बैन लगा दिया है.
इसके पहले यूक्रेन से युद्ध करने पर यूरोपीय देशों ने रूस पर कुछ प्रतिबंध लगाए. इससे नाराज रूस ने सख्त कदम उठाते हुए फ्रेंच गुएना (French Guiana) से अंतरिक्ष संबंधी सभी कार्यक्रमों को रोक दिया है. कोरोऊ कॉस्मोड्रोम (Kourou Cosmodrome) से लॉन्च रोक दिए गए हैं. सभी तकनीकी कर्मचारियों और इंजीनियरों को वापस बुला लिया गया है.
डिमित्री रोगोजिन ने कहा कि हमारे ऊपर लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से हम यूरोपीय साझेदारों के साथ अपने सारे स्पेस कार्यक्रम रोक रहे हैं. कोरोऊ कॉस्मोड्रोम से अब कोई लॉन्चिंग नहीं होगी. न ही फ्रेंच गुएना में कोई तकनीकी कर्मचारी रहेगा. डिमित्री ने कहा कि रूस फ्रेंच गुएना से सारे स्पेस लॉन्चिंग रद्द कर रहा है. अपने सारे कर्मचारियों को वापस बुला रहा है. इससे पहले भी स्पेस स्टेशन को लेकर अमेरिका और रूस में तनातनी और बयानबाजी हो चुकी है.
NASA ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि वह स्पेस स्टेशन और ऑर्बिटल लॉन्च को लेकर रूस के साथ काम करता रहेगा. इससे पहले डिमित्री रोगोजिन ने कई ट्वीट करके अमेरिका से कहा कि यदि आप ISS पर हमारा सहयोग बंद करेंगे तो फिर स्पेस स्टेशन को अनियंत्रित होने और अमेरिका या यूरोप पर कहीं गिरने से कौन बचाएगा.
डिमित्री ने कहा था कि ये भी आशंका है कि ये 500 टन का ढांचा भारत या चीन पर गिर जाए. क्या आप उनको इस तरह से डराना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि आईएसएस रूस के ऊपर से नहीं उड़ता इसलिए जोखिम पूरी तरह आपका है. क्या आप उसे उठाने को तैयार हैं. डिमित्री के ऑनलाइन भावनाओं के बाद नासा ने यह बयान दिया कि अमेरिका और रूस के रिश्ते स्पेस स्टेशन को लेकर खराब नहीं हो रहे हैं. वो मिलकर काम करेंगे