कोविड वैक्सीन से कम होता है संंक्रमण का जोखिम, नए शोध में हुआ खुलसा

2019 के अंत मेंं चीन से निकले कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए अब तक किसी कारगर दवा को खोजा नहीं जा सका है

Update: 2021-07-02 14:07 GMT

 जनता से रिश्ता वेबडेस्क |2019 के अंत मेंं चीन से निकले कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए अब तक किसी कारगर दवा को खोजा नहीं जा सका है लेकिन इससे बचाव के लिए दुनिया के कई देशों ने वैक्सीन विकसित करने में कामयाबी हासिल कर ली है। हालांकि यह संक्रमण के खिलाफ 100 फीसद प्रभावी नहीं कहा जा सकता है लेकिन एक नए शोध के अनुसार वैक्सीन की खुराक लेने वालों पर कोरोना वायरस के संक्रमण का जोखिम कम हो जाता है।

दरअसल कोरोना वैक्सीन लगवाने के बावजूद कोरोना वायरस (कोविड-19) की चपेट में आने वाले लोगों को लेकर एक नया अध्ययन किया गया है। इसमें पाया गया है कि वैक्सीन की खुराक लगवाने के बावजूद यदि कोई कोरोना संक्रमण का शिकार होता है तो उसमें संक्रमण के गंभीर होने का खतरा काफी हद तक कम रहता है। वैक्सीन नहीं लगवाने वाले लोगों की तुलना में ऐसे संक्रमितों में हल्के लक्षण के साथ ही संक्रमण की गंभीरता भी काफी हद तक कम होती है। ऐसे संक्रमितों में संक्रमण भी कम समय तक रहता है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, वैक्सीन कोरोना संक्रमण की रोकथाम में बेहद प्रभावी होती हैं, लेकिन किसी भी वैक्सीन को अभी इस घातक वायरस से बचाव में 100 फीसद कारगर नहीं माना जा सकता है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना हेल्थ साइंसेज के प्रोफेसर जेफ बर्गेस ने कहा, 'यदि आपने वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली है तो कोरोना की चपेट में आने का खतरा करीब 90 फीसद तक कम हो जाता है। इसके बावजूद अगर कोई पीड़ित होता है तो संक्रमण का स्तर काफी कम रहता है।'
अध्ययन के नतीजों को न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है। यह अध्ययन कोरोना से मुकाबले में अग्रिम मोर्चे पर तैनात रहे 3,975 स्वास्थ्यकर्मियों पर किया गया था। इन प्रतिभागियों का 14 दिसंबर, 2020 से दस अप्रैल 2021 के दौरान कोरोना टेस्ट किया गया था। इनमें से उन प्रतिभागियों में से सिर्फ पांच लोग संक्रमित पाए गए, जिनका टीकाकरण पूरा हो चुका था। वैक्सीन की सिर्फ एक डोज लगवाने वालों में से पीड़ित हुए थे वहीं वैक्सीन की खुराक न लेने वाले प्रतिभागियों में से 156 कोरोना संक्रमण का शिकार हुए।


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