पहली बार वैज्ञानकों ने देखा सूर्य से 10 गुना ज्यादा बड़े तारे का विस्फोट
अंतरिक्ष में अरबों खरबों की संख्या में तारे (Stars) होते हैं ये सभी अपने जीवन चक्र के किसी ना किसी पड़ाव हैं
अंतरिक्ष में अरबों खरबों की संख्या में तारे (Stars) होते हैं ये सभी अपने जीवन चक्र के किसी ना किसी पड़ाव हैं. इनके जीवन चक्र में एक अहम स्थिति सुपरनोवा (Supernova) की होती है जब मरते हुए तारे में विस्फोट होता है. खगोलविदों के लिए यह घटना देखना बहुत ही मुश्किल होती है. लेकिन पहली बार खगोलविदों को यह घटना देखने मौका मिला है जिसमें एक लाल विशाल तारा (Red Supergiant) विस्फोटित होकर संकुचित हुआ और सुपरनोवा में बदल गया. करोड़ों से अरबों साल की उम्र में तारों के जीवन में ऐसी घटना बहुत ही कम समय के लिए होती है इसे लिए ऐसी घटना अब तक वास्तविक समय में नहीं देखी जा सकी थी.
130 दिनों का अवलोकन
नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी और बर्केले की यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्नया के शोधकर्ताओं की अगुआई में शोधकर्ताओं की टीम ने इस विशाल लाल तारे का अवलोकन पिछल 130 दिनों तक किया जिसके बाद उसमें विनाशकारी विस्फोट होता देखा गया है. इसी दौरान खगोलविदों ने इस घटना की वास्तविक समय की तस्वीरें लेने में सफलता पाई.
नई जानकारी भी मिली
इस नई खोज से लाल विशाल तारे से संबंधित एक परिघटना के बारे में ज्यादा जानाकरी मिली है जिसमें ऐसा तारों को उनकी मौत से पहले तुलनात्मक रूप से ज्यादा शांत होते हैं. इसमें किसी भी तरहके प्रचंड प्रस्फोट या चमकदार उत्सर्जन नहीं होती है. उनका शोध एस्ट्रोफिजकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है.
तारे के मौत से पहले का समय
शोधकर्ताओं का कहना है कि विशाल तारों का उनके जीवन के अंतिम वर्षों में बर्ताव पूरी तरह से अनियंत्रित ही होता है. लेकिन नए अवलोकनों में एक विशाल लाल तारे के विस्फोटित होने से पहले उसके अंतिम वर्ष में नई चमकीले विकिरण का उत्सर्जन करते देखा गया. इससे पता चलता है कि कम से कम इन तारों की अंदरूनी संरचना में जरूर बड़े बदलाव हुए होंगे.
एक बड़ी खोज
इस अध्ययन के प्रमुख लेखक वेन जैकबसन- गेलैन ने बताया, "हमारी विशाल तारों के मरने के पहले समय की धारणाओं की समझ के बारे में यह एक बहुत बड़ी खोज है. अभी तक किसी सामान्य में टाइप 2 सुपरनोवा के विस्फोट से पहले की गतिविधि कभी अवलोकित नहीं की थी. यह पली बार हुआ है कि हमने लाल विशाल तारे को विस्फोटित होते देखा है."
कई और जगह भी देखा गया यह तारा
यह मरता तारा पहले 2020 में मउई के हालेकाल में यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई इंस्टीट्यूट फॉर एस्ट्रोनॉमी पैन –STARRS में देखा गया था. इस तारे को बहुत बड़ी मात्रा में विकिरणित होता प्रकाश देखा गया और यह उसमें सुपरनोवा की घटना होने के एक महीने बाद ही देखा गया था. इस सुपरनोवा को वैज्ञानिकों ने 2020tlf नाम दिया है.
शोधकर्ताओं ने बताया कि इससे पहले कभी भी मरते हुए लाल विशाल तारे में इतनी ज्यादा ज्वलंत गतिविधि की पुष्टि नहीं हुई थी जहां ऐसा चमकीला प्रकाश निकला फिर उसके बाद वह तारा विस्फोटित होकर मर गया हो. यह तारा एनजीएस 5731 गैलेक्सी में था जो पृथ्वी से 12 करोड़ प्रकाशवर्ष दूर स्थित था. यह हमारे सूर्य से 10 गुना ज्यादा भारी था.