विशेषज्ञों का कहना: डायबिटीज रोगियों में एंटीबॉडी सामान्य लोगों की तरह ही बन रही

डायबिटीज रोगियों में वैक्सीनेशन को लेकर राहतभरी खबर है।

Update: 2021-06-14 07:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| डायबिटीज रोगियों में वैक्सीनेशन को लेकर राहतभरी खबर है। डायबिटीज रोगियों में एंटीबॉडी सामान्य लोगों की तरह ही बन रही है। मगर उन रोगियों में एंटीबॉडी अच्छी बन रही है, जिनकी डायबिटीज कंट्रोल है। डायबिटीज रोग विशेषज्ञों के वेबिनार में यह खुलासा हुआ है।

डायबिटीज इंडिया के संयोजन में चल रहे चार दिवसीय वेबिनार का रविवार को समापन हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि सभी डायबिटीज रोगियों को एक माह के भीतर वैक्सीनेशन से तीसरी लहर को कमजोर करने में सफलता मिलेगी। कानपुर डायबिटीज एसोसिएशन के चेयरमैन और वेबिनार के प्रमुख वक्ता डॉ. बृज मोहन के मुताबिक, डायबिटीज रोगियों में संक्रमण जल्दी होता है। गंभीर भी जल्दी होते हैं। दूसरी लहर में मौतें भी डायबिटीज रोगियों की ज्यादा हुई हैं। वह लोग दूसरी लहर में कम गंभीर हुए हैं, जिन्होंने वैक्सीन लगवा ली थी।
कोलकाता और मद्रास की रिपोर्ट का हवाला
डॉ. बृज मोहन के मुताबिक, कोलकाता और मद्रास में दोनों डोज के वैक्सीनेशन के बाद परखी गई इम्युनिटी बेहतर मिली है। उम्मीद से बेहतर इम्युनिटी मिली है। वेबिनार में विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि डायबिटीज रोगी जल्दी वैक्सीनेशन करा लें।
वैक्सीनेशन से पूर्व डायबिटीज संतुलित रखें
कोरोना वैक्सीनेशन कराने से पहले और उसके बाद में कम से कम तीन महीने अपनी डायबिटीज पर तगड़ी नजर रखें। डॉ. बृज मोहन के मुताबिक, जिन लोगों की डायबिटीज नियंत्रित रहती है। उनमें एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया तेज देखी गई है, मगर जिनमें असंतुलित रहती है उनमें एंटीबॉडी बनने की प्रक्रिया कमजोर रहती है। एंटीबॉडी का प्रतिशत भी नियंत्रित डायबिटीज वाले मरीजों से कम मिल रही है।


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