राम नवमी पर इस शुभ मुहूर्त में पूजन करें जानें पूजा विधि और महत्व

नवरात्रों के 9 दिन माता रानी को समर्पित हैं. रामनवमी वाले दिन लोग मां दुर्गा की पूजा के साथ-साथ भगवान राम की भी अराधाना की जाती है

Update: 2022-04-08 09:49 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  नवरात्रों के 9 दिन माता रानी को समर्पित हैं. रामनवमी वाले दिन लोग मां दुर्गा की पूजा के साथ-साथ भगवान राम की भी अराधाना की जाती है. बता दें कि रामनवमी चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाई जाती है. ऐसा कहते हैं कि दशरथ की ज्येष्ठ पत्नी कौशल्या की कोख से भगवान विष्णु ने अपना सातवां अवतार लिया था. यही कारण है कि रामनवमी श्रीराम के जन्म दिवस के उपलक्ष में मनाई जाती है. लेकिन बता दें कि राम जी के जन्म के साथ-साथ उनके तीन भाई लक्ष्मण, शत्रुघ्न और भरत का भी इसी दिन जन्म हुआ था. इस बार रामनवमी का त्योहार 10 अप्रैल को मनाया जाने वाला है. ऐसे में शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में जानना जरूरी है. आज का हमारा लेख इसी विषय पर है. आज हम आपको अपने लेख के माध्यम से बताएंगे कि रामनवमी के शुभ मुहूर्त क्या हैं साथ ही महत्व और पूजा विधि के बारे में भी जानेंगे. पढ़ते हैं 

राम नवमी के दिन शुभ मुहूर्त
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि शुरू – 10 अप्रैल, दिन रविवार, 01:23 सुबह
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का अंत – 11 अप्रैल, दिन सोमवार, 03:15 सुबह
राम जन्मोत्सव का शुभ मुहूर्त – दिन में 11:06 बजे से दोपहर 01:39 बजे तक
राम नवमी के दिन सुकर्मा योग – दोपहर 12:04 मिनट तक है,
राम नवमी के दिन पुष्य नक्षत्र – पूर्ण रात्रि तक है.
राम नवमी के दिन विजय मुहूर्त – दोपहर 02:30 बजे – दोपहर 03:21 बजे तक
राम नवमी के दिन अमृत काल – रात 11:50 बजे से – रात 01:35 बजे तक
राम नवमी के दिन राहुकाल – शाम 05 बजकर 09 मिनट – शाम 06 बजकर 44 मिनट तक 
राम नवमी की पूजा विधि
राम नवमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साप कपड़े पहनें. फिर हाथ में चावल लेकर व्रत रखने का संकल्प लें और सूर्य भगवान को जल चढ़ाया जाए. उसके बाद प्रभु श्री राम का पूजन कर गंगाजल, फूल, माला, 5 प्रकार के फल, मिठाई आदि अर्पण करें. अब भगवान राम को तुलसी का पत्ता और कमल का फूल जरूर चढ़ाएं. उसके बाद रामचरितमानस, रामायण या रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें. 

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